गोरखपुर : बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि, राम राजनीति नहीं धर्म और आस्था का विषय हैं. राम को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए. धीरेंद्र शास्त्री पिछले दो दिनों से गोरखपुर में हैं और बड़हलगंज कस्बे में आयोजित राम कथा को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान वह मकर संक्रांति के अवसर से बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की चल रही परंपरा का हिस्सा बने. गुरुवार देर रात वह गोरखनाथ मंदिर पहुंचे. उन्होंने बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई और कहा कि, गोरखनाथ बाबा के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा है. उन्होंने कहा कि भगवती मां ज्वाला देवी के आमंत्रण पर गोरखनाथ बाबा यहां आए और उनके खप्पर में खिचड़ी चढ़ाने की जो परंपरा शुरू हुई, वह आज विशाल रूप ले चुकी है. मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर चल रहे विभिन्न तरह के विचारों और विरोधाभासों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने दोहराया की राम राजनीति नहीं धर्म का विषय हैं. राम को राजनीति से दूर रखना चाहिए. वहीं गुरुवार शाम को ही धीरेंद्र शास्त्री के राम कथा के दौरान, कथा सुनने उमड़ती लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान, पुलिस को लाठियां भाजनी पड़ी हैं.
धीरेंद्र शास्त्री के स्वागत में आतुर दिखे साधु : गोरखनाथ मंदिर पहुंचने पर धीरेंद्र शास्त्री का स्वागत मंदिर के व्यवस्थापक द्वारिका तिवारी और वीरेंद्र सिंह ने किया. वहीं साधु संत भी धीरेंद्र शास्त्री के स्वागत में आतुर दिखाई दिए. द्वारिका तिवारी ने उन्हें बाबा गोरखनाथ की प्रतिमा तक ले जाकर खिचड़ी चढ़वाई और दर्शन पूजन कराया. इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री को देखने के लिए साधु-संतों और खिचड़ी चढ़ाने आने वाले लोगों में भी उत्साह देखा गया. सांसद रवि किशन की पत्नी भी धीरेंद्र शास्त्री के साथ मौजूद थीं. गोरखनाथ मंदिर को देखकर और अपने स्वागत से धीरेंद्र शास्त्री पूरी तरह अभिभूत नजर आए. उन्होंने कहा कि जैसा सुना था वैसा ही बाबा के दरबार को देखा है.
महिला का सिर फटा : वहीं गुरुवार शाम को ही धीरेंद्र शास्त्री के राम कथा के दौरान, कथा सुनने उमड़ती लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान, पुलिस को लाठियां भाजनी पड़ी हैं. इस दौरान एक महिला का सिर फट गया और वह बुरी तरह लहूलुहान होकर घायल हो गई. घायल अवस्था में उसके साथ की महिलाएं उसे लेकर पंडाल से बाहर निकलते हुए पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए दिखाई दीं. महिलाओं का आरोप है कि पुलिसकर्मी कथा सुनने जा रही भीड़ को तितर, बितर करने के लिए मनमानी कर रहे हैं, जबकि जो लोग कथा सुनाने आए हैं वह पंडाल में प्रवेश करने के लिए तरीके से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस अपनी मनमानी करने पर उतारू थी.
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