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Watch video : केंद्रीय मंत्री से मिले कुलपतियों को बंगाल के शिक्षा मंत्री ने 'गुलाम' बताया, प्रधान ने की आलोचना

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 15, 2023, 6:35 PM IST

Updated : Sep 15, 2023, 6:50 PM IST

केंद्रीय शिक्षा मंंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु (West Bengal Education Minister Bratya Basu) के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें उनसे मिलने आए पांच कुलपतियों को गुलाम बताया गया था.

(Union Education Minister Dharmendra Pradhan
केंद्रीय शिक्षा मंंत्री धर्मेंद्र प्रधान
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु (West Bengal Education Minister Bratya Basu) के द्वारा पांच कुलपतियों के केंद्रीय शिक्षा मंंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) से मिलने को गुलाम बताने की केंद्रीय मंत्री ने आलोचना की है. इस संबंध में एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि मुझे लगता है कि जो व्यक्ति पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री है, उसे एक शिक्षित व्यक्ति होना चाहिए और वह हैं. उन्होंने कहा कि एक शिक्षा मंत्री को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

प्रधान ने कहा कि अगर कई कुलपति और प्रिंसिपल मुझसे मिलते हैं और मैं राज्य शिक्षा नीति और बंगाली शिक्षा नीति के बारे में विचार-विमर्श करता हूं तो कोई दोहरापन नहीं है. यहां कोई तानाशाही नहीं चल रही है. हर किसी आजादी है, इसमें आपत्ति कहां है?. उन्होंने कहा कि लेकिन इस मामले में शिक्षा मंत्री ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर अपने राज्य का अपमान कर रहे हैं और बंगाली सभ्यता का अपमान कर रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि उन्हें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए. हर कोई स्वतंत्रता से सब कुछ कर सकता है.

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ने पहले एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर लिखा था कि श्री बॉन्ड द्वारा अधिकृत राज्य-सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के 5 गुलाम वीसी ने आज एक केंद्रीय भाजपा मंत्री से मुलाकात की! उम्मीद है कि माननीय न्यायालय देख रहे होंगे! अत्याचार, बंगाल उच्च शिक्षा व्यवस्था नष्ट!

धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस के साथ चल रहे टकराव को लेकर बंगाल सरकार को अपनी गरिमा नहीं भूलनी चाहिए. इसी कड़ी में प्रधान ने कहा कि राज्यपाल की अपनी भूमिका और जिम्मेदारियां हैं. अगर वह किसी मामले पर अपनी राय व्यक्त करते हैं और उस राय का खंडन करने के लिए गलत माध्यम चुना जाता है तो यह सही नहीं है. गौरतलब है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर सरकार का राज्यपाल बोस के साथ टकराव चल रहा है. दोनों पक्षों की ओर से दावे-प्रतिदावे किए गए जिससे मामला और भी बिगड़ गया है.

ये भी पढ़ें - Ex VCs Legal Notice to Governor: प.बंगाल में पूर्व कुलपतियों ने गवर्नर को दिया कानूनी नोटिस, कहा माफी मांगें

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु (West Bengal Education Minister Bratya Basu) के द्वारा पांच कुलपतियों के केंद्रीय शिक्षा मंंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) से मिलने को गुलाम बताने की केंद्रीय मंत्री ने आलोचना की है. इस संबंध में एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि मुझे लगता है कि जो व्यक्ति पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री है, उसे एक शिक्षित व्यक्ति होना चाहिए और वह हैं. उन्होंने कहा कि एक शिक्षा मंत्री को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

प्रधान ने कहा कि अगर कई कुलपति और प्रिंसिपल मुझसे मिलते हैं और मैं राज्य शिक्षा नीति और बंगाली शिक्षा नीति के बारे में विचार-विमर्श करता हूं तो कोई दोहरापन नहीं है. यहां कोई तानाशाही नहीं चल रही है. हर किसी आजादी है, इसमें आपत्ति कहां है?. उन्होंने कहा कि लेकिन इस मामले में शिक्षा मंत्री ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर अपने राज्य का अपमान कर रहे हैं और बंगाली सभ्यता का अपमान कर रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि उन्हें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए. हर कोई स्वतंत्रता से सब कुछ कर सकता है.

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ने पहले एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर लिखा था कि श्री बॉन्ड द्वारा अधिकृत राज्य-सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के 5 गुलाम वीसी ने आज एक केंद्रीय भाजपा मंत्री से मुलाकात की! उम्मीद है कि माननीय न्यायालय देख रहे होंगे! अत्याचार, बंगाल उच्च शिक्षा व्यवस्था नष्ट!

धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस के साथ चल रहे टकराव को लेकर बंगाल सरकार को अपनी गरिमा नहीं भूलनी चाहिए. इसी कड़ी में प्रधान ने कहा कि राज्यपाल की अपनी भूमिका और जिम्मेदारियां हैं. अगर वह किसी मामले पर अपनी राय व्यक्त करते हैं और उस राय का खंडन करने के लिए गलत माध्यम चुना जाता है तो यह सही नहीं है. गौरतलब है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर सरकार का राज्यपाल बोस के साथ टकराव चल रहा है. दोनों पक्षों की ओर से दावे-प्रतिदावे किए गए जिससे मामला और भी बिगड़ गया है.

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Last Updated : Sep 15, 2023, 6:50 PM IST

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