ETV Bharat / bharat

जज मौत मामला : झारखंड हाई कोर्ट ने घटना को बताया न्यायपालिका पर हमला

धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की मौत मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सख्त रुख अपनाया है. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने घटना को न्यायपालिका पर हमला करार दिया और कहा कि झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति नगालैंड से भी खराब हो गई है.

जज मौत मामला
जज मौत मामला
author img

By

Published : Jul 29, 2021, 2:33 PM IST

रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की संदिग्ध हालात में मौत पर नाराजगी जताई है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन ने कहा कि यह न्यायपालिका पर हमला है. झारखंड की विधि व्यवस्ता बदतर हो गई है. इससे अच्छे तो नगालैंड और अन्य राज्य हैं. सीसीटीवी फुटेज देखने से साफ है कि जानबूझकर हमला किया गया है.

जज मौत मामला

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि धनबाद एसएसपी संजीव कुमार भी सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के सामने हाजिर हुए. मुख्य न्यायाधीश ने एसएसपी से पूछा कि अब आप बताइए कि क्या हुआ है. सीसीटीवी देखने से लगता है कि कोई आदमी आगे भी खड़ा था. ऑटो रिक्शा बीच सड़क से घूमकर धीमी रफ्तार में उस व्यक्ति के पास पहुंचा. उसके बाद वह व्यक्ति गिरा और बाईं तरफ गिरा, जबकि पीछे से धक्का लगने पर आदमी आगे की तरफ गिरता है. वह साइड में कैसे गिरा. यह तो एक बच्चा भी बता सकता है.

'क्रूरतापूर्वक की गई हत्या'
अदालत ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से पता चल रहा है कि टेम्पो में दो लोग बैठे हुए थे. यह क्रूरता पूर्वक की गई हत्या है. यह न्यायपालिका पर सीधा-सीधा हमला है. डीजीपी भी सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में हाजिर हुए. मुख्य न्यायाधीश ने उनसे कहा कि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बद से बदतर हो गई है. एक दिन पहले रांची में वकील की हत्या हुई. दूसरे दिन धनबाद में जज पर हमला किया गया.

पुलिस को फटकार
सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस को फटकार लगाई. एफआईआर दर्ज करने को लेकर पुलिस के बयान पर सवाल उठाए. अदालत ने कहा कि दो तरह का जवाब अदालत में क्यों दिया जा रहा है. क्या यह लापरवाही नहीं है. ऐसी घटना से राज्य के सभी न्यायिक पदाधिकारी डेमोरलाइज होंगे. यह बहुत ही शर्मनाक घटना है.

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि पहले बताइए कि किस वरीय अधिकारी से इस मामले की जांच करवा रहे हैं, ताकि हम आश्वस्त हों कि जांच सही तरीके से हो पाएगी या नहीं. इसके साथ ही कब सूचना मिली कब एफआईआर दर्ज की गई, जांच की अद्यतन स्थिति क्या है. मुख्य न्यायाधीश ने सारी रिपोर्ट टाइम टू टाइम कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया.

सीबीआई से जांच की मांग
वहीं, सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन के अध्यक्ष विकास कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जज की हत्या से जुड़े मामले का झारखंड के मुख्य न्यायाधीश संज्ञान ले चुके हैं और मामले में संबंधित अधिकारी को पेश होने का निर्देश दिया गया है.

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने यह बात उस समय कही जब उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने इस घटना का उल्लेख किया और कहा कि यह न्यायपालिका पर निर्लज्ज हमला है.

सिंह ने कहा कि मामले में जांच सीबीआई को दी जानी चाहिए क्योंकि एक गैंगस्टर को जमानत नहीं देने पर न्यायिक अधिकारी की हत्या न्यायिक व्यवस्था पर हमला है.

प्रधान न्यायाधीश ने सिंह से कहा, हमें घटना के बारे में पता है और एससीबए के प्रयासों की हम सराहना करते हैं. मैंने झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से बात की है. उन्होंने मामले का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा है. वहां मामला चल रहा है. इसे वहीं रहने दीजिए.

यह भी पढ़ें- धनबाद जज मौत मामला : सीसीटीवी फुटेज से उठे सवाल, दो आरोपी गिरफ्तार

पीठ ने कहा कि फिलहाल मामले में शीर्ष अदालत का हस्तक्षेप जरूरी नहीं है क्योंकि उच्च न्यायालय मामले का पहले ही संज्ञान ले चुका है.

बता दें कि धनबाद के सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद बुधवार की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. तभी धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास एक टेम्पो से टक्कर के बाद उनकी मौत हो गई. आशंका जताई जा रही है कि इस दौरान उनपर हमला भी हुआ है.

रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की संदिग्ध हालात में मौत पर नाराजगी जताई है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन ने कहा कि यह न्यायपालिका पर हमला है. झारखंड की विधि व्यवस्ता बदतर हो गई है. इससे अच्छे तो नगालैंड और अन्य राज्य हैं. सीसीटीवी फुटेज देखने से साफ है कि जानबूझकर हमला किया गया है.

जज मौत मामला

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि धनबाद एसएसपी संजीव कुमार भी सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के सामने हाजिर हुए. मुख्य न्यायाधीश ने एसएसपी से पूछा कि अब आप बताइए कि क्या हुआ है. सीसीटीवी देखने से लगता है कि कोई आदमी आगे भी खड़ा था. ऑटो रिक्शा बीच सड़क से घूमकर धीमी रफ्तार में उस व्यक्ति के पास पहुंचा. उसके बाद वह व्यक्ति गिरा और बाईं तरफ गिरा, जबकि पीछे से धक्का लगने पर आदमी आगे की तरफ गिरता है. वह साइड में कैसे गिरा. यह तो एक बच्चा भी बता सकता है.

'क्रूरतापूर्वक की गई हत्या'
अदालत ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से पता चल रहा है कि टेम्पो में दो लोग बैठे हुए थे. यह क्रूरता पूर्वक की गई हत्या है. यह न्यायपालिका पर सीधा-सीधा हमला है. डीजीपी भी सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में हाजिर हुए. मुख्य न्यायाधीश ने उनसे कहा कि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बद से बदतर हो गई है. एक दिन पहले रांची में वकील की हत्या हुई. दूसरे दिन धनबाद में जज पर हमला किया गया.

पुलिस को फटकार
सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस को फटकार लगाई. एफआईआर दर्ज करने को लेकर पुलिस के बयान पर सवाल उठाए. अदालत ने कहा कि दो तरह का जवाब अदालत में क्यों दिया जा रहा है. क्या यह लापरवाही नहीं है. ऐसी घटना से राज्य के सभी न्यायिक पदाधिकारी डेमोरलाइज होंगे. यह बहुत ही शर्मनाक घटना है.

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि पहले बताइए कि किस वरीय अधिकारी से इस मामले की जांच करवा रहे हैं, ताकि हम आश्वस्त हों कि जांच सही तरीके से हो पाएगी या नहीं. इसके साथ ही कब सूचना मिली कब एफआईआर दर्ज की गई, जांच की अद्यतन स्थिति क्या है. मुख्य न्यायाधीश ने सारी रिपोर्ट टाइम टू टाइम कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया.

सीबीआई से जांच की मांग
वहीं, सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन के अध्यक्ष विकास कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जज की हत्या से जुड़े मामले का झारखंड के मुख्य न्यायाधीश संज्ञान ले चुके हैं और मामले में संबंधित अधिकारी को पेश होने का निर्देश दिया गया है.

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने यह बात उस समय कही जब उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने इस घटना का उल्लेख किया और कहा कि यह न्यायपालिका पर निर्लज्ज हमला है.

सिंह ने कहा कि मामले में जांच सीबीआई को दी जानी चाहिए क्योंकि एक गैंगस्टर को जमानत नहीं देने पर न्यायिक अधिकारी की हत्या न्यायिक व्यवस्था पर हमला है.

प्रधान न्यायाधीश ने सिंह से कहा, हमें घटना के बारे में पता है और एससीबए के प्रयासों की हम सराहना करते हैं. मैंने झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से बात की है. उन्होंने मामले का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा है. वहां मामला चल रहा है. इसे वहीं रहने दीजिए.

यह भी पढ़ें- धनबाद जज मौत मामला : सीसीटीवी फुटेज से उठे सवाल, दो आरोपी गिरफ्तार

पीठ ने कहा कि फिलहाल मामले में शीर्ष अदालत का हस्तक्षेप जरूरी नहीं है क्योंकि उच्च न्यायालय मामले का पहले ही संज्ञान ले चुका है.

बता दें कि धनबाद के सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद बुधवार की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. तभी धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास एक टेम्पो से टक्कर के बाद उनकी मौत हो गई. आशंका जताई जा रही है कि इस दौरान उनपर हमला भी हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.