नई दिल्ली : वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) स्कीम के अंतर्गत पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन का मासिक औसत 1.35 करोड़ दर्ज किया जा रहा है. वहीं साल 2019 में इस स्कीम के शुरू होने के बाद से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 27.8 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन हुए हैं. यह जानकारी केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पाण्डेय (Sudhanshu Pandey ) ने दी.
बता दें कि 27.8 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन में 19.8 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन कोरोना काल के दौरान दर्ज हुए हैं. इसका मतलब अप्रैल 2020 से मई 2021 तक. कोरोना संकट एवं लॉकडाउन में प्रवासी आबादी एक ही राशन कार्ड के जरिये देश में कहीं भी सरकारी राशन दुकान से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत अपने कोटे का अनाज ले सकती है और ले भी रहे हैं. इन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त राशन भी दिया जा रहा है.
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वन नेशन वन राशन कार्ड के अंर्तगत 1 जनवरी से अबतक बिहार में 1,16,94,344, राजस्थान में 91,02,296, आंध्र प्रदेश में 42,06,263, तेलंगाना में 35,82,752, उत्तर प्रदेश में 33,84,893, कर्नाटक में 24,10,290, केरल 21,59,734, हरियाणा में 15,19,326, महाराष्ट्र में 14,57,482 ट्रांजेक्शन दर्ज किए गए हैं.
32 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही वन नेशन वन राशन कार्ड योजना
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना देश के 32 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है. यह योजना मजदूर, संगठन एवं असंगठित क्षेत्रों के कामगार, कूड़ा हटाने वालों, दैनिक भत्ता लेने वाले श्रमिकों आदि के लिए सबसे अधिक लाभदायक साबित हो रही है. क्योंकि यह लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं. इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के 80 करोड़ लाभार्थी देश में कहीं भी सरकारी राशन की दुकान से अनाज ले सकते हैं.
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दिल्ली, असम, बंगाल, छत्तीसगढ़ में ONORC स्कीम नहीं
ONORC स्कीम का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों का राशन कार्ड आधार से लिंक किया जाता है. इसके बाद बायोमैट्रिक के जरिये लाभार्थियों को उनके कोटे का अनाज मिलता है. जिन राज्यों में यह योजना चल रही है वहां PDS दुकानों पर E-POS मशीनें लगाई गई हैं. ONORC स्कीम फिलहाल दिल्ली, असम, बंगाल, छत्तीसगढ़ में शुरू नहीं हुई है.