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श्मशान का सौंदर्यीकरण : सामाजिक गतिविधियों से लेकर जन्मदिन भी मनाते हैं यहां

महाराष्ट्र के अमरावती में लोगों ने श्मशान की दशा ही बदल दी है. आम तौर पर ये माना जाता है कि श्मशान में सिर्फ अंतिम क्रिया ही की जाती है, लेकिन लोगों ने इसका रूप इस कदर बदल दिया है कि यहां बच्चों के जन्मदिन भी मनाए जाते हैं. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Oct 3, 2022, 9:47 PM IST

cemetery in amravati
श्मशान का सौंदर्यीकरण

अमरावती : ग्रामीणों ने मिलकर गांव के बाहर बंजर इलाके में बने कब्रिस्तान को पार्क में तब्दील कर दिया है. यहां तक कि कब्रिस्तान में न सिर्फ कई धार्मिक आयोजन, सामाजिक गतिविधियां बल्कि बच्चों का जन्मदिन भी मनाया जा रहा है. श्मशान के सौंदर्यीकरण का काम तिवासा तालुका के कुरहा गांव के लोगों ने किया है. ग्रामीणों ने अपने खर्च और कड़ी मेहनत से ऐसा किया है. आज ये पूरे महाराष्ट्र के लिए एक मॉडल बन गया है (Devotional atmosphere created in amravati cemetery).

देखिए वीडियो

2019 की शुरुआत में कुरहा के युवाओं ने मिलकर पुरा वेलफेयर एसोसिएशन (Pura Welfare Association) का गठन किया. इस संस्था के माध्यम से शुरू में कब्रिस्तान की सफाई का अभियान चलाया गया. इसके बाद कब्रिस्तान का लुक बदलने के लिए एक कॉन्सेप्ट सामने आया. इस अवधारणा को साकार करने के लिए ग्रामीणों ने पहल की.

बर्थडे भी मनाए जाते हैं यहां
बर्थडे भी मनाए जाते हैं यहां

चंदे से पैसा जुटाया गया. बाद में कोरोना के चलते लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई. उस समय गांव के लोग मास्क पहनकर प्रतिदिन श्मशान में श्रमदान करते थे.श्मशान में तरह-तरह के पौधे रोपे गए. श्मशान घाट में महादेव की विशाल मूर्ति स्थापित की गई. लॉकडाउन के दौरान अन्य सभी काम बंद हो गए थे, जिसमें ग्रामीणों द्वारा किए गए श्रम के कारण इसकी तस्वीर बदल गई.

धार्मिक आयोजन भी होते हैं यहां
धार्मिक आयोजन भी होते हैं यहां

ग्रामीणों ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि खास बात यह है कि कई सालों से कुरहा गांव छोड़ चुके कुछ लोगों को अपने गांव में इस अनूठी गतिविधि के बारे में पता चला तो गांव के बाहर कई परिवारों से 51 हजार रुपये तक का दान मिला.

पढ़ें- कब्रिस्तान में जगह नहीं, दो ईसाइयों का हिंदू रीति रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार

अमरावती : ग्रामीणों ने मिलकर गांव के बाहर बंजर इलाके में बने कब्रिस्तान को पार्क में तब्दील कर दिया है. यहां तक कि कब्रिस्तान में न सिर्फ कई धार्मिक आयोजन, सामाजिक गतिविधियां बल्कि बच्चों का जन्मदिन भी मनाया जा रहा है. श्मशान के सौंदर्यीकरण का काम तिवासा तालुका के कुरहा गांव के लोगों ने किया है. ग्रामीणों ने अपने खर्च और कड़ी मेहनत से ऐसा किया है. आज ये पूरे महाराष्ट्र के लिए एक मॉडल बन गया है (Devotional atmosphere created in amravati cemetery).

देखिए वीडियो

2019 की शुरुआत में कुरहा के युवाओं ने मिलकर पुरा वेलफेयर एसोसिएशन (Pura Welfare Association) का गठन किया. इस संस्था के माध्यम से शुरू में कब्रिस्तान की सफाई का अभियान चलाया गया. इसके बाद कब्रिस्तान का लुक बदलने के लिए एक कॉन्सेप्ट सामने आया. इस अवधारणा को साकार करने के लिए ग्रामीणों ने पहल की.

बर्थडे भी मनाए जाते हैं यहां
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चंदे से पैसा जुटाया गया. बाद में कोरोना के चलते लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई. उस समय गांव के लोग मास्क पहनकर प्रतिदिन श्मशान में श्रमदान करते थे.श्मशान में तरह-तरह के पौधे रोपे गए. श्मशान घाट में महादेव की विशाल मूर्ति स्थापित की गई. लॉकडाउन के दौरान अन्य सभी काम बंद हो गए थे, जिसमें ग्रामीणों द्वारा किए गए श्रम के कारण इसकी तस्वीर बदल गई.

धार्मिक आयोजन भी होते हैं यहां
धार्मिक आयोजन भी होते हैं यहां

ग्रामीणों ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि खास बात यह है कि कई सालों से कुरहा गांव छोड़ चुके कुछ लोगों को अपने गांव में इस अनूठी गतिविधि के बारे में पता चला तो गांव के बाहर कई परिवारों से 51 हजार रुपये तक का दान मिला.

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