अमरावती : ग्रामीणों ने मिलकर गांव के बाहर बंजर इलाके में बने कब्रिस्तान को पार्क में तब्दील कर दिया है. यहां तक कि कब्रिस्तान में न सिर्फ कई धार्मिक आयोजन, सामाजिक गतिविधियां बल्कि बच्चों का जन्मदिन भी मनाया जा रहा है. श्मशान के सौंदर्यीकरण का काम तिवासा तालुका के कुरहा गांव के लोगों ने किया है. ग्रामीणों ने अपने खर्च और कड़ी मेहनत से ऐसा किया है. आज ये पूरे महाराष्ट्र के लिए एक मॉडल बन गया है (Devotional atmosphere created in amravati cemetery).
2019 की शुरुआत में कुरहा के युवाओं ने मिलकर पुरा वेलफेयर एसोसिएशन (Pura Welfare Association) का गठन किया. इस संस्था के माध्यम से शुरू में कब्रिस्तान की सफाई का अभियान चलाया गया. इसके बाद कब्रिस्तान का लुक बदलने के लिए एक कॉन्सेप्ट सामने आया. इस अवधारणा को साकार करने के लिए ग्रामीणों ने पहल की.
चंदे से पैसा जुटाया गया. बाद में कोरोना के चलते लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई. उस समय गांव के लोग मास्क पहनकर प्रतिदिन श्मशान में श्रमदान करते थे.श्मशान में तरह-तरह के पौधे रोपे गए. श्मशान घाट में महादेव की विशाल मूर्ति स्थापित की गई. लॉकडाउन के दौरान अन्य सभी काम बंद हो गए थे, जिसमें ग्रामीणों द्वारा किए गए श्रम के कारण इसकी तस्वीर बदल गई.
ग्रामीणों ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि खास बात यह है कि कई सालों से कुरहा गांव छोड़ चुके कुछ लोगों को अपने गांव में इस अनूठी गतिविधि के बारे में पता चला तो गांव के बाहर कई परिवारों से 51 हजार रुपये तक का दान मिला.
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