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नई शिक्षा नीति पर शिक्षाविदों का मंथन, नए साल में इन तीन फैसलों से बदल जाएगी देश की शिक्षा व्यवस्था

देश में शिक्षा को नई दिशा देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है. शिक्षा नीति में यह बदलाव 34 साल बाद हुआ है. सभी राज्यों को जल्द से जल्द क्रियान्वयन करना है. इसके लिए उच्च शिक्षा से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र के विशेषज्ञ इंदौर पहुंचे.

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Published : Jan 17, 2023, 3:42 PM IST

इंदौर। अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम के आयोजन में यूजीसी के चेयरमैन एम.जगदीश कुमार शामिल हुए. इनके मुताबिक 2023 में देश की नई शिक्षा नीति में 3 बड़े फैसले लिए जा रहे हैं. जिसमें नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क प्रक्रिया के तहत देश के सभी विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक स्तर पर एकरूपता देने की तैयारी है. उन्होंने बताया कि, स्कूल एजुकेशन से लेकर उच्च शिक्षा और स्किल एजुकेशन को एक साथ मिलाया जा रहा है. जिससे कोई भी विद्यार्थी हायर एजुकेशन के साथ-साथ स्किल एजुकेशन का कोर्स भी कर सकेगा.

  • शिक्षा राज्य मंत्री @Drsubhassarkar ने विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम (NSIL) 2023 को संबोधित किया।

    @EduMinOfIndia pic.twitter.com/t1op2O2Fq0

    — प्रसार भारती न्यूज सर्विसेज एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म (@PBNS_Hindi) January 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सत्र में कोर्स को बदलने की सुविधा: समय एवं आवश्यकता के अनुसार एक ही शिक्षा सत्र में कोर्स को बदले जाने की सुविधा भी विद्यार्थियों को मिलेगी. इसके अलावा जुलाई से देश में नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी की शुरुआत होने जा रही है. डिजिटल यूनिवर्सिटी के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों को हायर क्वालिटी एजुकेशन घर में ही उपलब्ध होगा. वह भी डिजिटल माध्यम से उच्च शिक्षा ले सकेंगे. यह ग्रामीण क्षेत्र में उच्च शिक्षा का लाभ पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा फैसला है. इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने बताया नए साल में भारत सरकार के साथ मिलकर उच्च शिक्षा आयोग का गठन भी किया जा रहा है. इसके लिए ड्राफ्ट और एक्ट का निर्धारण किया जा रहा है.

  • विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, उच्च शिक्षा विभाग, मप्र, डीएवीवी, इंदौर और एमपीपीयूआरसी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्थान नेतृत्व समागम 2023 का केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुभाष सरकार जी के साथ शुभारंभ किया। pic.twitter.com/3GTlhz4Ir7

    — Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नई शिक्षा नीति में सुधार: उन्होंने बताया 2035 तक सभी यूनिवर्सिटी में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव लागू किया जा सके इसको लेकर उच्च शिक्षा के स्तर पर तमाम प्रयास हो रहे हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की कोशिश है कि देश की नई शिक्षा नीति के सुधार जल्द से जल्द देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शीघ्रता से लागू किए जा सकें. आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में ग्रुप तैयार किए जा रहे हैं.

भारत में अच्छे अवसर: वर्तमान में आईटी सेक्टर में भारत में अच्छे अवसर सामने आ रहे हैं. उसी से जुड़े सवाल को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, आईटी हब को लेकर भी काम किया जा रहा है .जिनमें विभिन्न महाविद्यालय और विश्वविद्यालय को लेकर ग्रुप तैयार किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला और रिसर्च के माध्यम से आईटी के क्षेत्र में काम करेंगे.

स्टार्टअप को लेकर आगे बढ़ चुका है भारत: उधमिता और स्टार्टअप को बढ़ावा देने की बात पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, स्टार्टअप में वर्तमान में भारत बहुत आगे बढ़ रहा है. विभिन्न क्षेत्रों में नए स्टार्टअप शुरू किए जा रहे हैं. स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं. भारत की स्थिति स्टार्टअप को लेकर काफी मजबूत हो रही है.

DAVV Indore में युवा संवाद का आयोजन, उच्च शिक्षा मंत्री ने छात्रों से लिए युवा नीति के सुझाव

मध्यप्रदेश पहला राज्य जहां लागू हुई नई शिक्षा नीति: केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि, मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां नई शिक्षा नीति लागू की गई है. देश के अलग-अलग राज्यों से शिक्षाविद समागम में पहुंचे हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा कर रहे हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और गतिविधियों को लेकर कवायद की जा रही है. प्रत्येक राज्य के क्रियान्वयन और गतिविधियों के साथ इसके नियमों को समझ रहा है ताकि इसे लागू किया जा सके.

इंदौर। अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम के आयोजन में यूजीसी के चेयरमैन एम.जगदीश कुमार शामिल हुए. इनके मुताबिक 2023 में देश की नई शिक्षा नीति में 3 बड़े फैसले लिए जा रहे हैं. जिसमें नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क प्रक्रिया के तहत देश के सभी विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक स्तर पर एकरूपता देने की तैयारी है. उन्होंने बताया कि, स्कूल एजुकेशन से लेकर उच्च शिक्षा और स्किल एजुकेशन को एक साथ मिलाया जा रहा है. जिससे कोई भी विद्यार्थी हायर एजुकेशन के साथ-साथ स्किल एजुकेशन का कोर्स भी कर सकेगा.

  • शिक्षा राज्य मंत्री @Drsubhassarkar ने विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम (NSIL) 2023 को संबोधित किया।

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सत्र में कोर्स को बदलने की सुविधा: समय एवं आवश्यकता के अनुसार एक ही शिक्षा सत्र में कोर्स को बदले जाने की सुविधा भी विद्यार्थियों को मिलेगी. इसके अलावा जुलाई से देश में नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी की शुरुआत होने जा रही है. डिजिटल यूनिवर्सिटी के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों को हायर क्वालिटी एजुकेशन घर में ही उपलब्ध होगा. वह भी डिजिटल माध्यम से उच्च शिक्षा ले सकेंगे. यह ग्रामीण क्षेत्र में उच्च शिक्षा का लाभ पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा फैसला है. इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने बताया नए साल में भारत सरकार के साथ मिलकर उच्च शिक्षा आयोग का गठन भी किया जा रहा है. इसके लिए ड्राफ्ट और एक्ट का निर्धारण किया जा रहा है.

  • विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, उच्च शिक्षा विभाग, मप्र, डीएवीवी, इंदौर और एमपीपीयूआरसी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्थान नेतृत्व समागम 2023 का केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुभाष सरकार जी के साथ शुभारंभ किया। pic.twitter.com/3GTlhz4Ir7

    — Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नई शिक्षा नीति में सुधार: उन्होंने बताया 2035 तक सभी यूनिवर्सिटी में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव लागू किया जा सके इसको लेकर उच्च शिक्षा के स्तर पर तमाम प्रयास हो रहे हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की कोशिश है कि देश की नई शिक्षा नीति के सुधार जल्द से जल्द देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शीघ्रता से लागू किए जा सकें. आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में ग्रुप तैयार किए जा रहे हैं.

भारत में अच्छे अवसर: वर्तमान में आईटी सेक्टर में भारत में अच्छे अवसर सामने आ रहे हैं. उसी से जुड़े सवाल को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, आईटी हब को लेकर भी काम किया जा रहा है .जिनमें विभिन्न महाविद्यालय और विश्वविद्यालय को लेकर ग्रुप तैयार किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला और रिसर्च के माध्यम से आईटी के क्षेत्र में काम करेंगे.

स्टार्टअप को लेकर आगे बढ़ चुका है भारत: उधमिता और स्टार्टअप को बढ़ावा देने की बात पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, स्टार्टअप में वर्तमान में भारत बहुत आगे बढ़ रहा है. विभिन्न क्षेत्रों में नए स्टार्टअप शुरू किए जा रहे हैं. स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं. भारत की स्थिति स्टार्टअप को लेकर काफी मजबूत हो रही है.

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मध्यप्रदेश पहला राज्य जहां लागू हुई नई शिक्षा नीति: केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि, मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां नई शिक्षा नीति लागू की गई है. देश के अलग-अलग राज्यों से शिक्षाविद समागम में पहुंचे हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा कर रहे हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और गतिविधियों को लेकर कवायद की जा रही है. प्रत्येक राज्य के क्रियान्वयन और गतिविधियों के साथ इसके नियमों को समझ रहा है ताकि इसे लागू किया जा सके.

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