नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आज आधारशिला रखेंगे, जिसके साथ ही उत्तर प्रदेश, भारत में पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला एकमात्र राज्य बन जाएगा. ऐसे में आपके मन में जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जुड़े कई सवाल मन में होंगे, जैसे की इस आम जनता को क्या फायदा होगा, इसमें कितना खर्च होगा और ये कब तक तैयार हो जाएगा? आइये इन सभी सवालों के जवाब हम आपको एक-एक करके देते हैं...
जेवर एयरपोर्ट की क्या है खासियत
यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश का पांचवां अंतरराष्ट्रीय हवाई होने जा रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश भारत में पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला एकमात्र राज्य बन जाएगा. राज्य में 2012 तक केवल दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे थे. 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुरू हुआ, वहीं अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है, जहां अगले साल तक सेवाएं शुरू हो जाएंगी, जो यह भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा.
कौन करेगा निर्माण
जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) को वर्किंग एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है. विकसित करने की जिम्मेदारी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को सौंपी गई है.
जेवर एयरपोर्ट कितने रुपये में होगा तैयार?
इस एयरपोर्ट के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने फरवरी 2021 में 2,000 करोड़ रुपए के बजट का ऐलान किया था. इसे पूरा होने में लगभग 29 हजार 650 करोड़ रुपये की लागत आ सकती है.
कितनी जमीन पर बन रहा जेवर एयरपोर्ट?
जेवर एयरपोर्ट का निर्माण 5,845 हेक्टेयर जमीन पर हो रहा है. यहां से एक साथ कम से कम 178 विमान उड़ान भर सकेंगे. हालांकि पहले चरण में इसका निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर होगा. निर्माण कार्य चार चरणों में पूरा होगा.
कितने रनवे होंगे?
रिपोर्ट के अनुसार जेवर एयरपोर्ट पर कुल 5 रनवे होंगे और शुरुआत में यहां से हर साल लगभग 1 करोड़ 20 लाख यात्री हवाई उड़ान भरेंगे. पहले साल 40 लाख यात्रियों की आवाजाही का अनुमान है.
कब होगी एयरपोर्ट की शुरुआत?
जेवर एयरपोर्ट सितंबर 2024 में शुरू होने की उम्मीद है. इसके बनने से दिल्ली एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक लोड कम होगा. उड्डयन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 35 हजार यात्री दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की तरफ जाएंगे.
दिल्ली एयरपोर्ट से कितनी है दूरी?
दिल्ली के इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से जेवर एयरपोर्ट की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है. सरकार पहले ही कह चुकी है कि दिल्ली एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक को कम करने के लिए आसपास कम से कम तीन एयरपोर्ट चाहिए. ऐसे में जेवर का नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) काफी मददगार साबित हो सकता है.
कहां-कहां के लिए मिलेगी फ्लाइट?
पहले साल यहां से 8 घरेलू, जबकि एक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट उड़ान भरेगी. बनने के बाद धीरे-धीरे फ्लाइटस की संख्या बढ़ेगी.
कैसी होगी कनेक्टिविटी?
फिलहाल जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी यमुना एक्सप्रेस-वे, बुलंदशहर-जेवर हाईवे और पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से है, लेकिन आगे कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी काम हो रहा है. आने वाले समय में यहां पहुंचने के लिए जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली एयरपोर्ट तक मेट्रो कॉरिडोर बनाने की तैयारी है. इसके बाद ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क टू से जेवर एयरपोर्ट तक मेट्रो चलेगी. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए हरियाणा के बल्लभगढ़ से जेवर एयरपोर्ट तक 6 लेन की 31 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने की भी योजना है. नोएडा फिल्म सिटी से जेवर एयरपोर्ट तक पॉड टैक्सी चलेगी.