मुंबई : महाविकास अघाड़ी में प्रमुख पार्टी शिवसेना में विद्रोह के बाद राज्य सरकार पर तलवार लटकी है. बीजेपी ने इस मौके का फायदा उठाते हुए महाविकास अघाड़ी पर करोड़ों के 160 प्रस्तावों को जल्दबाजी में मंजूरी देने का आरोप लगाया. हालांकि, सरकार का कहना है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए पिछले दो दिनों में 130 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. विधान परिषद चुनाव के बाद शिवसेना नेता और वर्तमान में सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई.
बड़ी संख्या में विधायककों के एकनाथ शिंदे के समूह में शामिल हो जाने के कारण ऐसा लग रहा है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में आ गई है. हालांकि, राकांपा और कांग्रेस ने शिवसेना और खासकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना समर्थन जारी रखने की घोषणा की है. इधर भाजपा ने कथित रूप से 130 प्रस्तावों को मंजूरी देने पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया है. भाजपा का आरोप है कि सरकार ने दो दिन 160 प्रस्तावों को आंख मूंदकर मंजूरी दी है. जबकि सरकार बहुमत में नहीं है.
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बताया जा रहा है कि महाविकास अघाड़ी ने पिछले दो दिनों में 130 प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इन प्रस्तावों में आसन्न जल संकट को देखते हुए सिंचाई परियोजनाओं की स्थापना, कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग में व्यवधान तथा वर्षा ऋतु में उत्पन्न होने वाले संक्रामक रोगों के लिए सक्षम चिकित्सा सेवायें स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गयी है. बालासाहेब ठाकरे मेमोरियल के निर्माण के साथ ही स्वास्थ्य, कृषि, घरेलू नल जल आपूर्ति, मृदु एवं जल संरक्षण, जल संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग के अधिकांश प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है.
इधर, उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने भाजपा के इस आरोप का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अभी भी है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में मैंने इस साल का बजट पेश किया था. जिसके अनुसार, इसके धन को बचत खाते में आवंटित किया जाता है. उस विभाग के मंत्री अपने अधिकार के अनुसार निर्णय लेते हैं. प्रत्येक विभाग के मंत्रियों ने अपने खातों में अपनी-अपनी शक्तियों का उपयोग करके निर्णय लिया है. हालांकि कुछ विधायकों ने बगावत कर दी है, लेकिन यह अभी भी कैबिनेट में है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, गृह मंत्री दिलीप वलसे-पाटिल, स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ सभी की इच्छाएं हैं और वे अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं. यह बात उन्होंने यशवंतराव चव्हाण केंद्र में मीडिया से बातचीत के दौरान दी है.