कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) बुधवार को 'शहीद दिवस' आयोजित करने के लिए तैयार है. ऐसे में आभासी मंच से भाजपा के निर्वाचित विधायकों के सत्तारूढ़ खेमे में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. पिछले साल तृणमूल का निशाना कांग्रेस और वाम मोर्चा था, लेकिन इस साल लक्ष्य स्पष्ट रूप से भाजपा है, क्योंकि पश्चिम बंगाल विधानसभा में भगवा खेमा ही एकमात्र विपक्ष है.
शुभेंदु ने विधायकों के किया संपर्क
भाजपा सूत्रों ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि विपक्ष के नेता पश्चिम बंगाल में हैं. शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) अंतिम क्षण तक पूरी ताकत झोंक रहे हैं. वह एक-एक विधायक से संपर्क कर रहे हैं. जिन पर पार्टी नेताओं को शक है कि उनका कैंप शिफ्ट हो रहा है अधिकारी ने इनमें से कुछ विधायकों से फोन पर संपर्क किया है. वह व्यक्तिगत रूप से उनके आवासों पर या कोलकाता में एमएलए छात्रावास में उनसे संपर्क कर रहे हैं.
पार्टी सूत्रों ने कहा कि अधिकारी ने 74 भाजपा विधायकों में से प्रत्येक के साथ भी बातचीत की है. उन्होंने कहा कि ऐसा उन्होंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के बाद किया है. उन्होंने प्रत्येक विधायक के काम में आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी ली. अधिकारी ने नई दिल्ली में पार्टी आलाकमान को चर्चा की विस्तृत रिपोर्ट भी दी है.
मुकुल रॉय के संपर्क में कई नेता!
हालांकि बीजेपी सूत्रों का मानना है कि बुधवार को निर्वाचित प्रतिनिधियों को तृणमूल में शामिल होने से रोकना पार्टी के लिए वाकई बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी है कि पश्चिम बंगाल के भगवा खेमे के कुछ निर्वाचित विधायक और सांसद पहले से ही पार्टी छोड़ने वाले मुकुल रॉय के संपर्क में हैं. इनकी पहचान कर पार्टी नेतृत्व की ओर से संदेश दिया गया है. यह देखना बाकी है कि उनमें से कितने वास्तव में तृणमूल में शामिल होते हैं.
भाजपा सूत्रों ने कहा कि यह लगभग तय है कि राजीव बंदोपाध्याय, सोनाली गुहा और दीपेंदु विश्वास जैसे नेता तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे. हालांकि उन्हें भाजपा नेतृत्व की बिल्कुल भी चिंता नहीं है, क्योंकि उनमें से कोई भी निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है. उनकी चिंता विधायक और सांसद जैसे निर्वाचित प्रतिनिधि हैं.
सिर्फ दबाव बनाने की कोशिश : बसु
हालांकि, बीजेपी के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को भरोसा है कि बुधवार को एक भी विधायक या सांसद तृणमूल कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे. 'तृणमूल इस तरह की अफवाहें फैलाकर सिर्फ गुमराह करने की कोशिश कर रही है. यह उनकी रणनीति है. वे सिर्फ भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.'
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