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पुत्तिंगल देवी मंदिर हादसे के मामलों में तेजी से सुनवाई के लिए विशेष अदालत बनाना वांछनीय : HC - हादसे के मामलों में तेजी से सुनवाई

केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने कहा है कि पुत्तिंगल देवी मंदिर आतिशबाजी हादसे के मामलों की तेजी से सुनवाई के लिए एक विशेष कोर्ट का गठन वांछनीय होगा.

केरल हाई कोर्ट
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Published : Oct 15, 2021, 3:31 AM IST

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने कहा है कि पुत्तिंगल देवी मंदिर आतिशबाजी हादसे के मामलों की तेजी से सुनवाई और निस्तारण के लिए एक विशेष अदालत का गठन वांछनीय होगा.

इस सौ साल पुराने मंदिर में 10 अप्रैल, 2016 को अनधिकृत तरीके से आतिशबाजी के प्रदर्शन के दौरान एक चिंगारी पटाखों के भंडार पर गिर गयी थी जिसके बाद हादसे में 100 से अधिक लोगों की जान चली गयी थी और 350 से अधिक लोग घायल हो गए थे जिनमें से कुछ गंभीर रूप से झुलस गए थे.

उच्च न्यायालय ने इस साल 27 सितंबर को इस बात का संज्ञान लिया कि तिरुवंनतपुरम में अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक ने रिपोर्ट दाखिल की थी जिसमें लिखा था कि अपराध की गंभीरता और प्रकृति को देखते हुए तथा त्वरित सुनवाई के लिए, दिन प्रतिदिन आधार पर मामले में सुनवाई के वास्ते एक विशेष अदालत का गठन वांछनीय होगा.

ये भी पढ़ें - कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए

इसके बाद उच्च न्यायालय की अदालत या न्यायाधिकरण स्थापना समिति ने कोल्लम स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर आतिशबाजी हादसे के मामलों में सुनवाई के लिए एक अलग विशेष अदालत गठित करने के सुझाव का पक्ष लिया.

हालांकि उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने हादसे से जुड़ी अनेक लंबित याचिकाओं में अनुरोध पर फैसले को टाल दिया था. उच्च न्यायालय ने इन पहलुओं पर विचार करते हुए कहा, 'बड़ी संख्या में मामलों, आरोपियों की संख्या और गवाहों पर विचार करते हुए, मामलों के त्वरित निस्तारण तथा सुनवाई के लिए कोल्लम में विशेष अदालत का गठन वांछनीय होगा.'

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने कहा है कि पुत्तिंगल देवी मंदिर आतिशबाजी हादसे के मामलों की तेजी से सुनवाई और निस्तारण के लिए एक विशेष अदालत का गठन वांछनीय होगा.

इस सौ साल पुराने मंदिर में 10 अप्रैल, 2016 को अनधिकृत तरीके से आतिशबाजी के प्रदर्शन के दौरान एक चिंगारी पटाखों के भंडार पर गिर गयी थी जिसके बाद हादसे में 100 से अधिक लोगों की जान चली गयी थी और 350 से अधिक लोग घायल हो गए थे जिनमें से कुछ गंभीर रूप से झुलस गए थे.

उच्च न्यायालय ने इस साल 27 सितंबर को इस बात का संज्ञान लिया कि तिरुवंनतपुरम में अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक ने रिपोर्ट दाखिल की थी जिसमें लिखा था कि अपराध की गंभीरता और प्रकृति को देखते हुए तथा त्वरित सुनवाई के लिए, दिन प्रतिदिन आधार पर मामले में सुनवाई के वास्ते एक विशेष अदालत का गठन वांछनीय होगा.

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इसके बाद उच्च न्यायालय की अदालत या न्यायाधिकरण स्थापना समिति ने कोल्लम स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर आतिशबाजी हादसे के मामलों में सुनवाई के लिए एक अलग विशेष अदालत गठित करने के सुझाव का पक्ष लिया.

हालांकि उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने हादसे से जुड़ी अनेक लंबित याचिकाओं में अनुरोध पर फैसले को टाल दिया था. उच्च न्यायालय ने इन पहलुओं पर विचार करते हुए कहा, 'बड़ी संख्या में मामलों, आरोपियों की संख्या और गवाहों पर विचार करते हुए, मामलों के त्वरित निस्तारण तथा सुनवाई के लिए कोल्लम में विशेष अदालत का गठन वांछनीय होगा.'

(पीटीआई-भाषा)

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