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आंध्र प्रदेश में बाढ़ से जनजीवन पटरी से उतरा, आठ की मौत, 12 लापता

IMD ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा कि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया. शुक्रवार को तड़के तीन से चार बजे के बीच पुडुचेरी और चेन्नई के बीच उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश के आसपास के तटों को पार कर गया.

बंगाल की खाड़ी
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Published : Nov 19, 2021, 11:15 AM IST

Updated : Nov 20, 2021, 10:09 AM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश में शुक्रवार को रायलसीमा के तीन जिलों एवं एक दक्षिणी तटीय जिले में 20 सेंटीमीटर तक भारी वर्षा होने से भयंकर तबाही हुई है और वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी.

कडप्पा जिले में अब भी 12 लोग लापता हैं तथा वायुसेना, एसडीआरएफ और अग्निशमन सेवाओं के कर्मियों ने आकस्मिक बाढ़ में फंसे कई लोगों को बचाया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी से फोन पर बात की और स्थिति के बारे में जानकारी ली एवं राज्य को सभी सहायता पहुंचाने का वादा किया.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मुख्यमंत्री शनिवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.उफनती नदियों एवं नहरों से कई जिलों में बाढ़ आ गयी है, कुछ स्थानों पर सड़कें टूट गयी हैं और जनजीवन पटरी से उतर गया है.

वीडियो

शुक्रवार को रेनिगुंटा में तिरुपति अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को उड़ान परिचालन के लिए खोला गया, परंतु तिरुमला पहाड़ियों को जाने वाली दो घाट सड़कें बंद रहीं. अलीपीरी से तिरुमला को जाने वाली सीढ़ीदार सड़क को भूस्खलन एवं बाढ़ से बड़ा नुकसान पहुंचा है और उसे बंद कर दिया गया है.मुख्यमंत्री ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के अधिकारियों से पहाड़ी पर फंसे तीर्थयात्रियों के लिए रहने एवं भोजन का प्रबंध करने को कहा है.कडप्पा जिले के राजमपेटा में चेय्येरू नहर में आकस्मिक बाढ़ आने से कम से कम पांच लोगों की जान चली गयी तथा 12 लोग अब भी लापता हैं .

बता दें कि, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र शुक्रवार तड़के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बीच के तट को पार कर गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह जानकारी दी. IMD के अनुसार, कम दबाव का क्षेत्र चेन्नई और पुडुचेरी के बीच तट को पार कर गया.

IMD ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा कि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया. शुक्रवार को तड़के तीन से चार बजे के बीच पुडुचेरी और चेन्नई के बीच उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश के आसपास के तटों को पार कर गया.

चेन्नई और उसके पड़ोसी जिलों में बारिश होने के साथ ही बंगाल की खाड़ी पर दबाव का क्षेत्र बनने के कारण शुक्रवार को तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के जोरदार बारिश जारी है.

इस दौरान दक्षिण-पश्चिम और उससे सटी पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तथा तमिलनाडु, पुडुचेरी और उससे सटे दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. इस बीच, शहर और उसके पड़ोसी जिलों कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और चेंगलपेट में रात भर बारिश होने के कारण प्राधिकारियों को स्कूलों के लिए अवकाश घोषित कर दिया है.

बता दें कि तमिलनाडु में एक अक्टूबर से शुरू हुए मौजूदा उत्तर-पूर्व मानसून के दौरान अब तक सामान्य से 61 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है. वहीं, उत्तरी तमिलनाडु के जिलों समेत राज्य के कई भागों में बारिश जारी रही.

तमिलनाडु ने अक्टूबर से जारी बारिश के बीच विभिन्न कार्यों के लिए केंद्र से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से कुल 2629.29 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि तमिलनाडु में एक अक्टूबर से 18 नवंबर तक 480.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जोकि सामान्य से 61 फीसदी अधिक है.

राहत एवं बचाव जरूरतों के मद्देनजर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीम चेन्नई, चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर में डेरा डाले हुई हैं.

चेन्नई में करीब एक पखवाड़े पहले मूसलाधार बारिश के बाद भयंकर बाढ़ आयी थी और कई इलाके जलमग्न हो गए थे. तिरुनेलवेली तथा पुडुकोट्टई जैसे अन्य जिलों में भारी बारिश से जलभराव हो गया और कुछ इलाके जलमग्न हो गए. पड़ोसी पुडुचेरी में पिछली रात से मूसलाधार बारिश के कारण गुरुवार को जनजीवन बाधित रहा. पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी ने जलभराव का सामना कर रहे इलाकों का दौरा किया और लोगों की दिक्कतों को कम करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी.

अमरावती : आंध्र प्रदेश में शुक्रवार को रायलसीमा के तीन जिलों एवं एक दक्षिणी तटीय जिले में 20 सेंटीमीटर तक भारी वर्षा होने से भयंकर तबाही हुई है और वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी.

कडप्पा जिले में अब भी 12 लोग लापता हैं तथा वायुसेना, एसडीआरएफ और अग्निशमन सेवाओं के कर्मियों ने आकस्मिक बाढ़ में फंसे कई लोगों को बचाया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी से फोन पर बात की और स्थिति के बारे में जानकारी ली एवं राज्य को सभी सहायता पहुंचाने का वादा किया.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मुख्यमंत्री शनिवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.उफनती नदियों एवं नहरों से कई जिलों में बाढ़ आ गयी है, कुछ स्थानों पर सड़कें टूट गयी हैं और जनजीवन पटरी से उतर गया है.

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शुक्रवार को रेनिगुंटा में तिरुपति अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को उड़ान परिचालन के लिए खोला गया, परंतु तिरुमला पहाड़ियों को जाने वाली दो घाट सड़कें बंद रहीं. अलीपीरी से तिरुमला को जाने वाली सीढ़ीदार सड़क को भूस्खलन एवं बाढ़ से बड़ा नुकसान पहुंचा है और उसे बंद कर दिया गया है.मुख्यमंत्री ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के अधिकारियों से पहाड़ी पर फंसे तीर्थयात्रियों के लिए रहने एवं भोजन का प्रबंध करने को कहा है.कडप्पा जिले के राजमपेटा में चेय्येरू नहर में आकस्मिक बाढ़ आने से कम से कम पांच लोगों की जान चली गयी तथा 12 लोग अब भी लापता हैं .

बता दें कि, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र शुक्रवार तड़के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बीच के तट को पार कर गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह जानकारी दी. IMD के अनुसार, कम दबाव का क्षेत्र चेन्नई और पुडुचेरी के बीच तट को पार कर गया.

IMD ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा कि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया. शुक्रवार को तड़के तीन से चार बजे के बीच पुडुचेरी और चेन्नई के बीच उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश के आसपास के तटों को पार कर गया.

चेन्नई और उसके पड़ोसी जिलों में बारिश होने के साथ ही बंगाल की खाड़ी पर दबाव का क्षेत्र बनने के कारण शुक्रवार को तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के जोरदार बारिश जारी है.

इस दौरान दक्षिण-पश्चिम और उससे सटी पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तथा तमिलनाडु, पुडुचेरी और उससे सटे दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. इस बीच, शहर और उसके पड़ोसी जिलों कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और चेंगलपेट में रात भर बारिश होने के कारण प्राधिकारियों को स्कूलों के लिए अवकाश घोषित कर दिया है.

बता दें कि तमिलनाडु में एक अक्टूबर से शुरू हुए मौजूदा उत्तर-पूर्व मानसून के दौरान अब तक सामान्य से 61 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है. वहीं, उत्तरी तमिलनाडु के जिलों समेत राज्य के कई भागों में बारिश जारी रही.

तमिलनाडु ने अक्टूबर से जारी बारिश के बीच विभिन्न कार्यों के लिए केंद्र से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से कुल 2629.29 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि तमिलनाडु में एक अक्टूबर से 18 नवंबर तक 480.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जोकि सामान्य से 61 फीसदी अधिक है.

राहत एवं बचाव जरूरतों के मद्देनजर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीम चेन्नई, चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर में डेरा डाले हुई हैं.

चेन्नई में करीब एक पखवाड़े पहले मूसलाधार बारिश के बाद भयंकर बाढ़ आयी थी और कई इलाके जलमग्न हो गए थे. तिरुनेलवेली तथा पुडुकोट्टई जैसे अन्य जिलों में भारी बारिश से जलभराव हो गया और कुछ इलाके जलमग्न हो गए. पड़ोसी पुडुचेरी में पिछली रात से मूसलाधार बारिश के कारण गुरुवार को जनजीवन बाधित रहा. पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी ने जलभराव का सामना कर रहे इलाकों का दौरा किया और लोगों की दिक्कतों को कम करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी.

Last Updated : Nov 20, 2021, 10:09 AM IST
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