बर्लिन : संयुक्त राष्ट्र की दोनों एजेंसियों ने जारी बयान में कहा कि वे अफगानिस्तान में रहकर वहां के लोगों की मदद करने को प्रतिबद्ध हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि काबुल में इस समय किसी भी वाणिज्यिक उड़ान को उतरने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
यूएन ने कहा कि हमें देश में आपूर्ति का रास्ता नहीं मिल रहा है जिसकी जरूरत यहां के लोगों को है. उन्होंने रेखांकित किया कि इसी तरह की समस्या का सामना मानवीय सहायता करने वाली अन्य एजेंसियों को भी करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में विदेशियों और खतरे का सामना कर रहे अफगानों की निकासी पर ध्यान केंद्रित है. लेकिन अधिकतर आबादी को मानवीय सहायता की जरूरत है जिसे नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
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Here's what you need to know about the humanitarian emergency in Afghanistan: pic.twitter.com/LkMrswqEhj
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रिपोर्ट्स की मानें तो मौजूदा हालात में अफगानिस्तान में करीब 6 लाख लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. इनमें 80 फीसदी महिलाएं और बच्चे हैं. उन्हें शेल्टर होम, भोजना, सैनिटाइजेशन, दवाइयों की नितांत आवश्यकता है.
(पीटीआई-भाषा)