नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने शुक्रवार को आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण बढ़ाने (increase vaccination) के साथ ही भीड़ को रोकने, व्यापक जांच (thorough investigation) करने जैसे रोकथाम उपाय करने का आग्रह किया, जहां कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप का पता चला है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर, गुजरात और हरियाणा को लिखे पत्रों में इन उपायों का सुझाव दिया है.
पढ़ें- मेरठ: 4 आशा वर्कर में मिला डेल्टा प्लस वैरिएंट
उन्होंने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि कोविड-19 संक्रमित पाये गए लोगों के पर्याप्त नमूने तत्काल भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्शिया (SARS CoV 2 genomic consortia) की निर्दिष्ट प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं ताकि क्लीनिकल महामारी विज्ञान संबंधी सहसंबंध स्थापित किए जा सकें.
भूषण ने कहा कि सार्स-सीओवी-2 का डेल्टा प्लस स्वरूप आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले, गुजरात के सूरत, हरियाणा के फरीदाबाद, जम्मू-कश्मीर के कटरा, राजस्थान के बीकानेर, पंजाब के पटियाला और लुधियाना, कर्नाटक के मैसूरु तथा तमिलनाडु में चेन्नई, मदुरै और कांचीपुरम में पाया गया है.
(भाषा)