श्रीनगर : पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा (Former Union minister Yashwant Sinha ) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन अभ्यास की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इससे भी महत्वपूर्ण मसले हैं. उस पर सरकार को ध्यान केंद्रीत करना चाहिए.
ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यहां के लोगों का कहना है कि परिसीमन अभ्यास के पीछे केंद्र सरकार की नीयत सही नहीं है. यहां के लोग परिसीमन अभ्यास को शक की निगाहों से देख रहे हैं.
यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाला 'कन्सर्न्ड सिटिजेंस ग्रुप' (concerned Citizens’ Group) (सीसीजी) दो दिनों के लिए कश्मीर दौर पर हैं. समूह अपनी यात्रा के दौरान कई राजनीतिक दलों और वरिष्ठ नेताओं से मिल सकता है. सिन्हा के अलावा 'कन्सर्न्ड सिटिजेंस ग्रुप' के अन्य सदस्यों में एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) कपिल काक और सुशोभा बर्वे (संवाद और सुलह केंद्र की कार्यकारी सचिव) शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि यहां पर हम लोग बहुत सारे लोगों से मिल रहे हैं. यहां से लौटने के बाद एक रिपोर्ट बनाएंगे. सर्वदलीय बैठक को लेकर सिन्हा ने कहा कि बैठक से कोई नतीजा नहीं निकाल है. मैं चाहता हूं यह सिलसिला चलता है, क्योंकि बातचीत होती रहेगी तो नतीजे भी आते रहेंगे.
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सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पहले स्टेट हुड मिलना चाहिए. इसके बाद चुनाव करना चाहिए, ताकि यहां के लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
यह समूह ऐसे समय में कश्मीर घाटी के दौरे पर है, जब केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर में नए निर्वाचन क्षेत्रों के गठन को लेकर जमीनी स्तर की जानकारी लेने के लिए परिसीमन आयोग श्रीनगर पहुंचा है. परिसीमन आयोग से पीडीपी को छोड़कर कश्मीर की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां मुलाकात करेंगी.