नई दिल्ली : रिटायर न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग ने पदेन सदस्य (Ex-Officio) सुशील चंद्र (चुनाव आयोग), पदेन सदस्य के के शर्मा (राज्य चुनाव आयोग, जम्मू कश्मीर) में नई दिल्ली में एक बैठक की. बैठक में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के एसोसिएट सदस्य भी शामिल हुए.
इस दौरान केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के संबंध में परिसीमन की प्रक्रिया पर उनके सुझाव / विचार मांगे गए.
बैठक में चेयरपर्सन जस्टिस देसाई ने बैठक में एसोसिएट सदस्यों का स्वागत किया. इनमें केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह और सांसद जुगल किशोर शर्मा शामिल थे,
गौरतलब है कि परिसीमन आयोग ने डॉ फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन, हसनैन मसूदी, जुगल किशोर शर्मा और डॉ जितेंद्र सिंह को सभी पांच एसोसिएटेड सदस्यों को लिखित सूचना भेजी थी.
सदस्यों के सामने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 और परिसीमन अधिनियम, 2002 के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया के अवलोकन से पहले केंद्र शासित प्रदेश के परिसीमन अभ्यास से संबंधित इन अधिनियमों के विभिन्न अनुभागों का विवरण देने पहले प्रस्तुत किया गया था.
दो सहयोगी सदस्यों ने आयोगों के प्रयासों की सराहना की और सुझाव दिया कि संविधान का परिसीमन व्यावहारिक रूप से जहां तक हो, भौगोलिक रूप से कॉम्पैक्ट क्षेत्रों के परिसीमन करने के साथ भौतिक सुविधाओं का परसीमन किया जाए. साथ ही प्रशासनिक इकाइयों की मौजूदा सीमाएं, संचार और सार्वजनिक सुविधा की सुविधाएं दी जांए.
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उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में परिसीमन अभ्यास करते हुए कठिन इलाकों पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया.
चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने उनके बहुमूल्य इनपुट का स्वागत किया और एसोसिएट सदस्यों के सुझावों और विचारों पर परिसीमन आयोग की संतुष्टि व्यक्त की.