नई दिल्ली: केंद्र ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि आपराधिक मामलों की जांच के दौरान व्यक्तियों, विशेषकर मीडियाकर्मियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त करने के संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने को लेकर कई दौर की चर्चा हुई है.
केंद्र ने कहा कि जब तक नए दिशानिर्देश लागू नहीं हो जाते, केंद्रीय जांच एजेंसियां ऐसे उपकरणों की खोज और जब्ती के लिए सीबीआई नियमावली का पालन करेंगी.
उच्चतम न्यायालय ने सात नवंबर को केंद्र से व्यक्तियों, विशेषकर मीडिया पेशेवरों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने को कहा था. सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि नियमों का पालन किए बिना उपकरण जब्त करना एक गंभीर मामला है. केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस. वी. राजू ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ को बताया कि संबंधित प्राधिकारियों ने प्रस्तावित दिशानिर्देशों पर कई बार विचार-विमर्श किया है.
पीठ ने कहा, 'एएसजी का कहना है कि मौजूदा सीबीआई नियमावली तथा कर्नाटक साइबर अपराध जांच नियमावली की रूपरेखा और याचिकाकर्ताओं द्वारा दिए गए सुझावों पर कई चर्चाएं हुई हैं और वह छह सप्ताह में इसे पेश करेंगे. इस बीच, उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया है कि फिलहाल, कम से कम सभी केंद्रीय सरकारी एजेंसियां सीबीआई नियमावली का पालन करेंगी.'
शीर्ष अदालत दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें 'फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स' द्वारा दायर एक याचिका भी शामिल है. इस याचिका में जांच एजेंसियों द्वारा डिजिटल उपकरणों की तलाश और जब्ती के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है. मामले में अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी.