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संसद सुरक्षा चूक मामला: आरोपियों का Polygraph Test कराने की मांग को लेकर कोर्ट पहुंची दिल्ली पुलिस

Parliament security breach: संसद सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक अर्जी दायर की है. पुलिस ने कोर्ट से आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट करने की मांग की है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 28, 2023, 3:33 PM IST

नई दिल्ली: संसद सुरक्षा चूक मामले के सभी छह आरोपियों को गुरुवार (28 दिसंबर) को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. पेशी के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग की. आरोपियों को पेश करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि, "सभी आरोपियों से यह पूछा जाए कि क्या वे पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हैं." हालांकि इस मामले में कोर्ट ने अभी कोई फैसला नहीं दिया है. इस अर्जी पर अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी.

क्या है पॉलीग्राफी टेस्ट: दरअसल, आरोपियों से सच उगलवाने के लिए इस टेस्ट का उपयोग किया जाता है. टेस्ट के दौरान आरोपी को बेहोश नहीं किया जाता है. मशीन के माध्यम से आरोपी की हार्टबीट, ब्लड प्रेशर और नब्ज पर नजर रखी जाती है. मशीन को आरोपी के शरीर पर लगाकर उससे सवाल पूछे जाते हैं. यह टेस्ट बिना आरोपियों की सहमति के नहीं कराया जा सकता है. इसके लिए आरोपियों की सहमति पर कोर्ट से ऑर्डर लेना होता है. इसके बाद ही पॉलीग्राफी टेस्ट किया जा सकता है.

सभी आरोपियों की हुई पेशी: इस मामले में आरोपियों सागर शर्मा, नीलम आजाद, महेश कुमावत, ललित झा, डी. मनोरंजन और अमोल शिंदे को पेश किया गया. फिलहाल सभी आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16A के तहत आरोप लगाए हैं. बता दें कि 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया.

नई दिल्ली: संसद सुरक्षा चूक मामले के सभी छह आरोपियों को गुरुवार (28 दिसंबर) को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. पेशी के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग की. आरोपियों को पेश करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि, "सभी आरोपियों से यह पूछा जाए कि क्या वे पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हैं." हालांकि इस मामले में कोर्ट ने अभी कोई फैसला नहीं दिया है. इस अर्जी पर अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी.

क्या है पॉलीग्राफी टेस्ट: दरअसल, आरोपियों से सच उगलवाने के लिए इस टेस्ट का उपयोग किया जाता है. टेस्ट के दौरान आरोपी को बेहोश नहीं किया जाता है. मशीन के माध्यम से आरोपी की हार्टबीट, ब्लड प्रेशर और नब्ज पर नजर रखी जाती है. मशीन को आरोपी के शरीर पर लगाकर उससे सवाल पूछे जाते हैं. यह टेस्ट बिना आरोपियों की सहमति के नहीं कराया जा सकता है. इसके लिए आरोपियों की सहमति पर कोर्ट से ऑर्डर लेना होता है. इसके बाद ही पॉलीग्राफी टेस्ट किया जा सकता है.

सभी आरोपियों की हुई पेशी: इस मामले में आरोपियों सागर शर्मा, नीलम आजाद, महेश कुमावत, ललित झा, डी. मनोरंजन और अमोल शिंदे को पेश किया गया. फिलहाल सभी आरोपी 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16A के तहत आरोप लगाए हैं. बता दें कि 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया.

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