नई दिल्ली : किसानों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाला कथित भाषण देने के मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध (No case is made out against cm Khattar) नहीं बनता है. राऊज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि खट्टर का वीडियो चंडीगढ़ में रिकॉर्ड किया गया है, जो दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र के बाहर है. मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने स्टेटस रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की. जिसके बाद कोर्ट ने 21 जनवरी तक सुनवाई टाल दी. 18 नवंबर को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी. वकील अमित साहनी द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें मनोहर लाल खट्टर अपने चंडीगढ़ निवास पर बीजेपी किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. उस बैठक में खट्टर हिंसा भड़काने वाला भाषण दे रहे हैं.
बैठक में खट्टर कह रहे हैं कि वॉलंटियर तैयार करो और दो से छह महीने तक जेल जाने से मत डरो. आप बैठकों में ज्यादा कुछ नहीं सीखेंगे, लेकिन जेल में जाने के बाद आप बड़े नेता हो जाएंगे और इतिहास में आपका नाम दर्ज होगा.
याचिका में कहा गया है कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को समाज में वैमनस्य, घृणा और हिंसा पैदा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. याचिका में खट्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 153, 153ए और 505 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन 26 नवंबर 2020 से चल रहा है.
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