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इजरायली दूतावास ब्लास्ट मामले में FIR दर्ज, दिल्ली के जामिया नगर से जुड़ रहे तार

israeli embassy blast case: राजधानी दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास 26 दिसंबर की शाम हुए संदिग्ध धमाके के तीन दिन बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पहली एफआईआर दर्ज कर ली है. तुगलक रोड थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस जांच में केंद्रीय एजेंसियां भी शामिल हैं.

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इजरायली दूतावास ब्लास्ट मामला
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 30, 2023, 9:48 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के तुगलक रोड थाना इलाके में स्थित इजरायली दूतावास के पास 26 दिसंबर को देर शाम हुए संदिग्ध ब्लास्ट की कॉल के मामले में आखिरकार 72 घंटे बाद दिल्ली पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है. यह एफआईआर तुगलक रोड थाना में दर्ज किया गया है. फिलहाल अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है. इसकी पुष्टि दिल्ली पुलिस ने की है.

इससे पहले इजरायली एंबेसी के पास हुए संदिग्ध ब्लास्ट की कॉल के मामले में दिल्ली पुलिस ने कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की थी. लेकिन तीन दिनों तक चली छानबीन और जांच के बाद अब पहली एफआईआर दर्ज कर ली गई है. इस संदिग्ध ब्लास्ट के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अलावा एनआईए भी जांच कर रही है. अभी तक की हुई छानबीन के बाद पुलिस ने 10 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिन्होंने ब्लास्ट जैसी आवाज सुनी थी या धुआं जैसा कुछ देखा था.

सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि विस्फोट के दौरान या उससे पहले वहां 12 लोग मौजूद थे, जिसमें से एक शख्स पर ज्यादा शक है, जो ऑटो से इजरायली एंबेसी के पास आया था. यह शख्स ब्लास्ट से कुछ समय पहले ही दूसरे ऑटो से वापस भी लौट गया था. जांच करने वाली एजेंसियां उस संदिग्ध की तलाश में जुटी हुई है. दिल्ली पुलिस की टीम ने उस ऑटो ड्राइवर की पहचान करके उससे पूछताछ की थी तो पता चला कि वह संदिग्ध शख्स जामिया से इजराइल एंबेसी के पीछे पृथ्वीराज रोड पर आने के लिए 150 रुपये में ऑटो लिया था. ड्राइवर ने पुलिस को बताया की वह शख्स इंग्लिश में बात कर रहा था. पुलिस को यह भी पता चला की ऑटो से आया शख्स लगभग 5 मिनट तक मौके पर रुका था और उसके बाद दूसरा ऑटो लेकर वहां से निकल गया था. पुलिस अब उस पूरे रूट के सीसीटीवी फुटेज को चेक करने में जुट गई है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में इजराइल दूतावास के पास धमाका, सर्च ऑपरेशन जारी

वहीं, पुलिस का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा की वही शख्स इस संदिग्ध विस्फोट का संदिग्ध है. इजरायली एंबेसी के बाहर ब्लास्ट से पहले और उसके बाद घटनास्थल पर मौजूद लोगों की पहचान के लिए फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी के जरिए भी जांच की जा रही है. मौके पर उस दिन आसपास एक्टिव मोबाइल नंबर के बारे में मिली जानकारी और सीसीटीवी फुटेज की मदद से जिन लोगों की पहचान की गई थी, उनमें से कुछ लोगों से 28 दिसंबर को पूछताछ की जा चुकी है. फॉरेंसिक रिपोर्ट का भी इंतजार है, कि विस्फोट के लिए कौन सी मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया था.

गौरतलब है कि NSG और दिल्ली पुलिस के फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने भी 27 दिसंबर को घटनास्थल से काफी नमूने लिए थे. उसके रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है. घटनास्थल के पास इजरायली राजदूत के नाम एक पत्र मिला था. इस मामले की जांच में NIA की टीम को लगा दिया गया है. शुक्रवार को इजरायली दूतावास के पास संदिग्ध विस्फोट मामले को लेकर विदेश मंत्रालय ने भी कहा था, कि इस मामले की जांच कई एजेंसियां कर रही हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, ‘संबंधित एजेंसियां मामले को देख रही हैं…उन्हें जांच पूरी करने दीजिए.’ सबकुछ सामने आ जाएगा.

ये भी पढ़ें : इजराइल दूतावास के पास धमाके का मामला: CCTV में नजर आए दो संदिग्ध, दिल्ली में बढ़ाई गई सुरक्षा

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के तुगलक रोड थाना इलाके में स्थित इजरायली दूतावास के पास 26 दिसंबर को देर शाम हुए संदिग्ध ब्लास्ट की कॉल के मामले में आखिरकार 72 घंटे बाद दिल्ली पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है. यह एफआईआर तुगलक रोड थाना में दर्ज किया गया है. फिलहाल अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है. इसकी पुष्टि दिल्ली पुलिस ने की है.

इससे पहले इजरायली एंबेसी के पास हुए संदिग्ध ब्लास्ट की कॉल के मामले में दिल्ली पुलिस ने कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की थी. लेकिन तीन दिनों तक चली छानबीन और जांच के बाद अब पहली एफआईआर दर्ज कर ली गई है. इस संदिग्ध ब्लास्ट के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अलावा एनआईए भी जांच कर रही है. अभी तक की हुई छानबीन के बाद पुलिस ने 10 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिन्होंने ब्लास्ट जैसी आवाज सुनी थी या धुआं जैसा कुछ देखा था.

सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि विस्फोट के दौरान या उससे पहले वहां 12 लोग मौजूद थे, जिसमें से एक शख्स पर ज्यादा शक है, जो ऑटो से इजरायली एंबेसी के पास आया था. यह शख्स ब्लास्ट से कुछ समय पहले ही दूसरे ऑटो से वापस भी लौट गया था. जांच करने वाली एजेंसियां उस संदिग्ध की तलाश में जुटी हुई है. दिल्ली पुलिस की टीम ने उस ऑटो ड्राइवर की पहचान करके उससे पूछताछ की थी तो पता चला कि वह संदिग्ध शख्स जामिया से इजराइल एंबेसी के पीछे पृथ्वीराज रोड पर आने के लिए 150 रुपये में ऑटो लिया था. ड्राइवर ने पुलिस को बताया की वह शख्स इंग्लिश में बात कर रहा था. पुलिस को यह भी पता चला की ऑटो से आया शख्स लगभग 5 मिनट तक मौके पर रुका था और उसके बाद दूसरा ऑटो लेकर वहां से निकल गया था. पुलिस अब उस पूरे रूट के सीसीटीवी फुटेज को चेक करने में जुट गई है.

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वहीं, पुलिस का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा की वही शख्स इस संदिग्ध विस्फोट का संदिग्ध है. इजरायली एंबेसी के बाहर ब्लास्ट से पहले और उसके बाद घटनास्थल पर मौजूद लोगों की पहचान के लिए फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी के जरिए भी जांच की जा रही है. मौके पर उस दिन आसपास एक्टिव मोबाइल नंबर के बारे में मिली जानकारी और सीसीटीवी फुटेज की मदद से जिन लोगों की पहचान की गई थी, उनमें से कुछ लोगों से 28 दिसंबर को पूछताछ की जा चुकी है. फॉरेंसिक रिपोर्ट का भी इंतजार है, कि विस्फोट के लिए कौन सी मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया था.

गौरतलब है कि NSG और दिल्ली पुलिस के फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने भी 27 दिसंबर को घटनास्थल से काफी नमूने लिए थे. उसके रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है. घटनास्थल के पास इजरायली राजदूत के नाम एक पत्र मिला था. इस मामले की जांच में NIA की टीम को लगा दिया गया है. शुक्रवार को इजरायली दूतावास के पास संदिग्ध विस्फोट मामले को लेकर विदेश मंत्रालय ने भी कहा था, कि इस मामले की जांच कई एजेंसियां कर रही हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, ‘संबंधित एजेंसियां मामले को देख रही हैं…उन्हें जांच पूरी करने दीजिए.’ सबकुछ सामने आ जाएगा.

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