नई दिल्ली: साकेत कोर्ट ने बीते शनिवार को भड़काऊ भाषण के मामले में शरजील इमाम समेत 10 लोगों को आरोप मुक्त करार दिया था. साकेत कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट में आवेदन दाखिल किया है. बता दें कि साकेत कोर्ट नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ भड़काऊ भाषण के लिए इमाम द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण मामले के आरोप तय करने के लिए सुनवाई कर रहा था. इस मामले में इमाम के खिलाफ देशद्रोह और दो समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
जामिया नगर में हुई हिंसा का कारण इमाम का भाषण
पुलिस ने आरोप लगाया था कि 2019 में दिल्ली के जामिया नगर में हुई हिंसा, इमाम के भाषण की वजह से हुई थी. बीते शनिवार को साकेत कोर्ट परिसर स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल की अदालत ने 2019 जामिया हिंसा केस में शरजील इमाम को आरोप मुक्त किया था. वर्ष 2021 में इमाम को इस मामले में जमानत मिल गई थी. प्राथमिकी में दंगे और गैरकानूनी सभा लगाने की धारा के तहत अपराध शामिल थे और आईपीसी की धारा 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341, 120बी और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. आसिफ इकबाल तन्हा, सफूरा जरगर को भी इस मामले में आरोप मुक्त किया गया है. कोर्ट ने इस मामले में मोहम्मद इलियास के खिलाफ आरोप तय किए हैं और भड़काऊ भाषण और असंवैधानिक तौर पर सभा करने के मामले में आरोपी बनाया गया है.
यह था मामला
दिल्ली पुलिस के मुताबिक 15 दिसंबर 2019 को पुलिस को सूचना मिली कि न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में कुछ प्रदर्शनकारियों ने सीएए और एनआरसी के विरुद्ध में प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी है. इस मामले में जांच के दौरान यह साफ हुआ कि 13 दिसंबर 2019 को सरजील इमाम ने जामिया इलाके में एक भड़काऊ भाषण दिया था. जिसके बाद 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया. इसके बाद शरजील इमाम के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह और दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.
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