नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने ड्रग्स बनाने की दो फैक्ट्री का पर्दाफाश करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने नशीला पदार्थ बनाने और उसकी कालाबाजारी करने वालों की धरपकड़ के लिए अभियान चला रखा है. इसकी जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मौजपुर और जाफराबाद की तंग गलियों में नशीला पदार्थ बनाने की फैक्ट्री चलाई जा रही है. छापा मारकर पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें से एक अफगानी नागरिक है. इन ड्रग्स तस्करों का जाल अफगानिस्तान से लेकर दिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब से लेकर मध्य प्रदेश तक फैला है. पुलिस ने इनसे साढ़े आठ किलो ड्रग्स बरामद की है.
अफगानिस्तान से कच्चा माल आता थाः क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि इस गिरोह में शामिल अफगान नागरिक ड्रग्स बनाने के लिए अफगानिस्तान से कच्चा माल मंगवाता था. यह कच्चा माल कंटेनर, कुरियर और दवाओं के पैकेट में आता था. कपड़े की खेप के साथ ही टोमैटो कैचअप के पाउच में भी यह कच्चा माल आता था. इसका अपीसा हवाला के जरिए भेजा जाता था.
ड्रग्स तस्करों का पंजाब से है कनेक्शनः इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो लोगों को पंजाब से भी दबोचा है. ये लोग पंजाब में भी ड्रग्स की सप्लाई करते थे. पुलिस ने अभी इन दोनों के नाम नहीं बताए हैं. पुलिस का कहना है कि इन दोनों की निशानदेही पर पंजाब समेत कई जगह छापेमारी की जा रही है. जल्द ही इसमें कई और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.
फैक्ट्री की आड़ में था ड्रग्स बनाने का कामः पुलिस ने बताया कि मौजपुर और जाफराबाद में जिन दो जगहों पर पर ड्रग्स बनाने का धंधा चल रहा था, वहां दिखावे के लिए जींस की रंगाई और सिलाई का काम होता था. आरोपियों ने जानबूझकर जींस की फैक्ट्री में ड्रग्स बनाने का काम करते थे, क्योंकि वहां रंगाई के काम में इस्तेमाल होने वाले कई केमिकल की गंध के कारण ड्रग्स की गंध का पता नहीं चल पाता था. इनका एक साथी अजय अफगानिस्तान में बैठे अपने साथी के निर्देश पर काम करता था. पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उन्होंने बताया कि एक दिन पहले ही इन्होंने ड्रग्स की एक खेप पंजाब भेजी थी.
नाबालिग के जरिए दिल्ली में करवाते थे रिटेल सप्लाईः थोक सप्लाई के साथ ही आरोपी ड्रग्स की रिटेल भी करवाते थे. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने मजनू का टीला से एक नाबालिग को पकड़ा है. नाबालिग ने बताया कि वह तस्करों से मिली ड्रग्स की छोटी-छोटी बुढ़िया बनाकर उन्हें लोगों को भेजता था. पुलिस को नेहा और आशा नाम की दो महिलाओं के बारे में भी पता चला है जो पुरानी दिल्ली में ड्रग्स की सप्लाई करती थी. नेहा नाम की महिला भी काम करती है. दोनों अभी फरार है. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. तस्करी के मामले में पहले से ही जेल में बंद है.