अहमदाबाद : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने रविवार को सूरत का दौरा किया, जहां उन्होंने गुजरात की राजनीति में क्रांति, भाजपा का नाम बदलने और गुजरात में विकास के लिए दिल्ली मॉडल की नकल पर विशेष चर्चा की. आइए जानते हैं, ईटीवी भारत द्वारा पूछे गए सवालों का उन्होंने क्या जवाब दिया?
प्रश्न : यदि आप गुजरात की राजनीति में क्रांति की बात कर रहे हैं, तो इसके लिए क्या रणनीति है?
उत्तर: गुजरात में भाजपा पिछले 28 साल से राज्य और स्थानीय स्तर पर सत्ता में है. गुजरात में यह लोग अभी जिस तरह से लड़ रहे हैं, जिस तरह का रवैया है, उससे लोग परेशान हैं. अब लोग उन्हें हटाना चाहते हैं. यह सच है कि गुजरात की राजनीति में कोई तीसरा दल नहीं बचा है, क्योंकि गुजरात में अभी तक कांग्रेस और भाजपा दोनों की मिलीभगत से चुनाव लड़ा जा रहा है. कांग्रेस में कुछ लोग चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो कुछ चुनाव जीतकर! अब आम आदमी पार्टी (आप) गुजरात की राजनीति में प्रवेश कर चुकी है. ऐसे में बीजेपी का आप से सीधा मुकाबला होगा.
प्रश्न : आपने भाजपा का नाम बदल दिया है, यह क्या है और आपने उस नाम को क्यों चुना?
उत्तर: भाजपा को लोगों ने देश , राज्य और स्थानीय स्तर पर जिताया है, क्योंकि लोग चाहते है की वे काम करें, पर वे काम करने के बजाय लड़ रहे हैं. अब सूरत नगर पालिका में आप को चुना गया है. इसलिए उन्हें समिति के चुनाव के लिए ईमानदारी से मतदान करना चाहिए. नगर पालिका के जो सदस्य निर्वाचित होंगे वे समिति में आएंगे. इस बात का अहसास होने के बजाय वह उनसे वहां लड़ रहे हैं.
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दिल्ली और पश्चिम बंगाल में अक्सर ऐसा करते हैं. उन का व्यापारियों और किसानों से भी झगड़ा हुआ था. खैर, वे ट्विटर-फेसबुक पर बहस करना भी नहीं छोड़ते. इसीलिए यह अब 'भारतीय जनता पार्टी' नहीं है पर अब 'भारतीय झगड़ा पार्टी'' बन गई है.