ETV Bharat / bharat

दिल्ली : केजरीवाल के आरोपों का उपराज्यपाल कार्यालय ने किया खंडन - केन्द्र रोक घर घर राशन योजना दिल्ली

राशन की होम डिलीवरी को लेकर तकरार जारी है. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से लगाए गए आरोपों का उपराज्यपाल कार्यालय ने खंडन किया है.

delhi
delhi
author img

By

Published : Jun 5, 2021, 10:09 PM IST

नई दिल्ली : राशन की होम डिलीवरी पर दिल्ली के उपराज्याल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच एक बार फिर तकरार शुरू हो गई है. दिन में मुख्यमंत्री केजरीवाल कार्यालय की ओर से योजना को उपराज्याल द्वारा रोके जाने के आरोपों का शाम को उपराज्याल कार्यालय ने खंडन किया है. यहां साफ किया गया है कि उपराज्यपाल की ओर से राशन की होम डिलीवरी योजना रोकी नहीं गई है, बल्कि नियमों के तहत फाइल को पुनर्विचार के लिए भेजा गया है.

पुनर्विचार के लिए भेजी गई है फाइल

बताया गया कि इस फाइल को पुनर्विचार के लिए भेजा गया है, क्योंकि इसमें वितरण के तरीके को बदलने की बात कही जा रही है, जिसकी पूर्व स्वीकृति भारत सरकार से लेनी होगी. इससे पहले साल 2018 के मार्च महीने में भी सरकार को यही सलाह दी गई थी.

ये भी पढ़ें: केंद्र-राज्य की अनबन में 72 लाख लोगों के घर तक नहीं पहुंचेगा राशन

कोर्ट में दायर है याचिका

यह बताया गया कि उक्त मामले में एक रिट पिटिशन दिल्ली सरकार राशन डीलर संघ ने हाईकोर्ट में दायर की है, जिसमें डोर स्टेप डिलीवरी की प्रस्तावित व्यवस्था को चुनौती दी गई है. इसी पिटीशन में भारत सरकार को भी पार्टी बनाया गया है और इसकी अगली सुनवाई 20 अगस्त को है. साफ किया गया कि फाइल को खारिज नहीं किया गया है बल्कि लौटाया गया है.

72 लाख अभ्यर्थियों को पहुंचता फायदा

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दिल्ली में राशन की होम डिलीवरी योजना को रोके जाने का आरोप लगाया था. उनकी ओर से कहा गया कि दिल्ली सरकार 1-2 दिनों के भीतर ही पूरी दिल्ली में राशन पहुंचाने की योजना के लिए पूरी तरह तैयार थी, जिससे दिल्ली में 72 लाख गरीब लाभार्थियों को इसका फायदा पहुंचता. हालांकि, एलजी ने फाइल को खारिज कर दिया. दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि मौजूदा कानून के अनुसार ऐसी योजना शुरू करने के लिए किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा योजना के नाम के संबंध में केंद्र की आपत्तियों को दिल्ली कैबिनेट ने पहले ही स्वीकार कर लिया है.

नई दिल्ली : राशन की होम डिलीवरी पर दिल्ली के उपराज्याल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच एक बार फिर तकरार शुरू हो गई है. दिन में मुख्यमंत्री केजरीवाल कार्यालय की ओर से योजना को उपराज्याल द्वारा रोके जाने के आरोपों का शाम को उपराज्याल कार्यालय ने खंडन किया है. यहां साफ किया गया है कि उपराज्यपाल की ओर से राशन की होम डिलीवरी योजना रोकी नहीं गई है, बल्कि नियमों के तहत फाइल को पुनर्विचार के लिए भेजा गया है.

पुनर्विचार के लिए भेजी गई है फाइल

बताया गया कि इस फाइल को पुनर्विचार के लिए भेजा गया है, क्योंकि इसमें वितरण के तरीके को बदलने की बात कही जा रही है, जिसकी पूर्व स्वीकृति भारत सरकार से लेनी होगी. इससे पहले साल 2018 के मार्च महीने में भी सरकार को यही सलाह दी गई थी.

ये भी पढ़ें: केंद्र-राज्य की अनबन में 72 लाख लोगों के घर तक नहीं पहुंचेगा राशन

कोर्ट में दायर है याचिका

यह बताया गया कि उक्त मामले में एक रिट पिटिशन दिल्ली सरकार राशन डीलर संघ ने हाईकोर्ट में दायर की है, जिसमें डोर स्टेप डिलीवरी की प्रस्तावित व्यवस्था को चुनौती दी गई है. इसी पिटीशन में भारत सरकार को भी पार्टी बनाया गया है और इसकी अगली सुनवाई 20 अगस्त को है. साफ किया गया कि फाइल को खारिज नहीं किया गया है बल्कि लौटाया गया है.

72 लाख अभ्यर्थियों को पहुंचता फायदा

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दिल्ली में राशन की होम डिलीवरी योजना को रोके जाने का आरोप लगाया था. उनकी ओर से कहा गया कि दिल्ली सरकार 1-2 दिनों के भीतर ही पूरी दिल्ली में राशन पहुंचाने की योजना के लिए पूरी तरह तैयार थी, जिससे दिल्ली में 72 लाख गरीब लाभार्थियों को इसका फायदा पहुंचता. हालांकि, एलजी ने फाइल को खारिज कर दिया. दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि मौजूदा कानून के अनुसार ऐसी योजना शुरू करने के लिए किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा योजना के नाम के संबंध में केंद्र की आपत्तियों को दिल्ली कैबिनेट ने पहले ही स्वीकार कर लिया है.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.