नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को स्थिति का समय-समय पर ऑडिट करने के बाद देश भर के सभी रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के उच्चतम मानक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की खंडपीठ ने कुश कालरा द्वारा देश में रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा उपायों के संबंध में चिंता जताते हुए दायर की गई जनहित याचिका का निपटारा किया.
जनहित याचिका में मिलीभगत विरोधी, अल्कोहल जांच उपकरणों, आपातकालीन टेलीफोन, सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर दरवाजे और हाथ से पकड़े जाने वाले मेटल डिटेक्टरों की कमी पर भी प्रकाश डाला गया. अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा दायर हलफनामों पर ध्यान दिया और कहा कि इससे पता चलता है कि भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे, सामान स्कैनिंग उपकरण, डोर फेम मेटल डिटेक्टर, हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर, बॉडी कैमरे और कुत्ते (स्निफर और ट्रैकर), स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली आदि स्थापित किए हैं.
कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि भारतीय रेलवे में सुरक्षा और सुरक्षा उपायों के संबंध में समय-समय पर ऑडिट हो और समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट करने व सुरक्षा की स्थिति का आकलन करने के बाद भारत सरकार उच्चतम मानकों का रखरखाव सुनिश्चित करेगी. इसलिए भारत सरकार द्वारा दायर हलफनामों में यह कहा गया है कि रेलवे के लिए यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि महत्व है. कोर्ट ने कहा कि रेलवे यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय कर रही है. इसके अतिरिक्त और कुछ भी आवश्यक नहीं है. इस प्रकार, वर्तमान जनहित याचिका का निपटारा किया जाता है.
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