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हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव तलब

हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सेक्रेटरी को तलब किया है.

हाईकोर्ट
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Published : Oct 26, 2021, 10:24 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में कोर्ट के आदेश के मुताबिक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सेक्रेटरी को तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी.

कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ये बताए कि कोर्ट के मार्च के आदेश के बावजूद जवाब दाखिल करने में देरी क्यों की गई. कोर्ट ने कहा कि केंद्र की ओर से बार-बार सुनवाई स्थगित करने की मांग को मंजूर किया गया. उसके बावजूद केंद्र सरकार का रुख लापरवाही भरा रहा है. सरकार का रवैया कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज करने वाला है.

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील हरीश वैद्यनाथन शंकर ने कहा कि जवाब दाखिल करने में देरी की वजह तकनीकी गड़बड़ी थी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कल यानि 25 अक्टूबर को जवाब दाखिल किया है, लेकिन कोर्ट इस दलील से संतुष्ट नहीं थी. कोर्ट ने कहा कि मार्च में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया गया था और अभी अक्टूबर है.

हरवीर सिंह ने याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील मिशल जौहरी ने केंद्र सरकार से भ्रष्टाचार के एक मामले की जांच करने का दिशा-निर्देश देने की मांग की गई है.

इस मामले के आरोपी सरकारी अधिकारी हैं. याचिका में इन अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और 420 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में कोर्ट के आदेश के मुताबिक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सेक्रेटरी को तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी.

कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ये बताए कि कोर्ट के मार्च के आदेश के बावजूद जवाब दाखिल करने में देरी क्यों की गई. कोर्ट ने कहा कि केंद्र की ओर से बार-बार सुनवाई स्थगित करने की मांग को मंजूर किया गया. उसके बावजूद केंद्र सरकार का रुख लापरवाही भरा रहा है. सरकार का रवैया कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज करने वाला है.

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील हरीश वैद्यनाथन शंकर ने कहा कि जवाब दाखिल करने में देरी की वजह तकनीकी गड़बड़ी थी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कल यानि 25 अक्टूबर को जवाब दाखिल किया है, लेकिन कोर्ट इस दलील से संतुष्ट नहीं थी. कोर्ट ने कहा कि मार्च में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया गया था और अभी अक्टूबर है.

हरवीर सिंह ने याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील मिशल जौहरी ने केंद्र सरकार से भ्रष्टाचार के एक मामले की जांच करने का दिशा-निर्देश देने की मांग की गई है.

इस मामले के आरोपी सरकारी अधिकारी हैं. याचिका में इन अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और 420 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है.

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