नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने ट्रायल कोर्ट की ओर से बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की आपराधिक मानहानि याचिका पर सुब्रमण्यम स्वामी को जारी नोटिस पर रोक (Summons to Subramanian Swamy stayed) लगा दी है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने ये आदेश दिया. पिछले 22 मार्च को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बग्गा की आपराधिक मानहानि याचिका पर सुब्रमण्यम स्वामी को नोटिस जारी किया है.
एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह ने स्वामी को 6 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. राऊज एवेन्यू कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ स्वामी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बग्गा ने राज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने 28 सितंबर 2021 को एक ट्वीट कर कहा था कि दिल्ली के एक पत्रकार ने स्वामी से कहा था कि बीजेपी ज्वाइन करने से पहले बग्गा को मंदिर मार्ग पुलिस थाना छोटे-छोटे अपराधों के मामले में जेल में भिजवा चुकी है.
अगर यह सही है तो नड्डा को इसकी जानकारी होनी चाहिए. बग्गा की ओर से वकील विकास परोडा, दीपांशु चुग और तुषार मावकीन ने कोर्ट से कहा कि स्वामी का ये ट्वीट उनके हजारों फॉलोवर्स ने पढ़ा. याचिका में कहा गया है कि 28 सितंबर 2021 के ट्वीट के बाद बग्गा को बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रवीण शंकर कपूर ने उन्हें तलब किया और इसकी सच्चाई बताने को कहा. बग्गा ने कपूर से कहा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.
यह भी पढ़ें- 'अंतरराष्ट्रीय नेता मोदी को विश्वसनीय नहीं मानते, चुनावी जीत आरएसएस की वजह से'
इसके बाद दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष शशि यादव ने भी उनसे फोन पर इसकी सच्चाई के बारे में पूछताछ की. बग्गा ने उन्हें भी कहा कि आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. उसके बाद बग्गा ने 1 अक्टूबर 2021 को स्वामी को लीगल नोटिस भेजा. इस लीगल नोटिस के मिलने के बाद स्वामी ने दोबारा वही ट्वीट 2 अक्टूबर 2021 को किया. बग्गा ने कोर्ट को दिए बयान में कहा कि स्वामी के ट्वीट मानहानि वाले थे और उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की नीयत से किए गए हैं.