नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना के संक्रमण की दवा और मेडिकल उपकरणों की जमाखोरी के मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से नेताओं से हुई पूछताछ पर असंतोष जताया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली पुलिस से कहा कि नेताओं को कोई अधिकार नहीं है कि वे स्टॉक जमा करें. हाई कोर्ट ने नेताओं से कहा कि वे अपने यहां मौजूद स्टॉक स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक के पास सरेंडर करें, जो आगे सरकारी अस्पतालों में उसे वितरित कर दें.
अगर राजनेता शामिल हैं तो जांच नहीं करेंगे ?
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आपकी जांच संतोषजनक नहीं है. आप सच्चाई सामने नहीं लाना चाहते हैं. आखिरकार नेताओं के पास दवा कहां से आई. पुलिस ने कोर्ट से विस्तृत जांच के लिए समय देने की मांग की. तब कोर्ट ने एतराज जताते हुए कहा कि हम इतना वक्त नहीं दे सकते हैं. आप एक सप्ताह के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. लोग परेशान हैं, आपकी उनके प्रति भी जिम्मेदारी है. अगर कुछ राजनेता इसमें शामिल हैं तो क्या आप जांच नहीं करेंगे. पिछले 4 मई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.
किन नेताओं को मिली है क्लीन चिट
दिल्ली पुलिस ने जिन लोगों को क्लीन चिट दी है, उनमें सांसद गौतम गंभीर, कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास, आप नेता दिलीप पांडेय, बीजेपी नेता हरीश खुराना, पूर्व विधायक मुकेश शर्मा, दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल कुमार, दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष अली मेंहदी और दिल्ली कांग्रेस के नेता अशोक बघेल शामिल हैं.
मदद के एवज में नहीं लिए किसी से पैसे
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एसीपी मनोज दीक्षित ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर कहा है कि इन सभी लोगों ने कोरोना संक्रमित लोगों की मदद की है. दिल्ली पुलिस ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि इन नेताओं ने किसी भी व्यक्ति को मदद करने के एवज में पैसे की मांग नहीं की है और न ही किसी के साथ फर्जीवाड़ा किया. पुलिस ने इन नेताओं को लेकर विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए हाई कोर्ट से समय देने की मांग की है.
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नेताओं पर जमाखोरी का आरोप
याचिका में कहा गया है कि नेतागण के दवाइयों की जमाखोरी करने की वजह से आम लोगों को इन दवाइयों से वंचित होना पड़ रहा है. याचिका हृदय फाउंडेशन की ओर से डॉक्टर दीपक सिंह ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील गौरव पाठक ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना के इस गंभीर संकट में राजनेताओं और मेडिकल माफिया के बीच गठजोड़ बन गया है. याचिका में ऐसे नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (National security act) के तहत गिरफ्तार करने की मांग की गई है.