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बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन की मुश्किल बढ़ी, दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप केस दर्ज करने का दिया आदेश

Delhi High Court ने उन्हें राहत देने से इनकार करते हुए दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ महिला से दुष्कर्म करने के आरोप में तत्काल मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने कहा है कि तथ्यों से लगता है कि दिल्ली पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पूरी अनिच्छा प्रतीत होती है.

शाहनवाज हुसैन के खिलाफ केस
शाहनवाज हुसैन के खिलाफ केस
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Published : Aug 18, 2022, 9:43 AM IST

Updated : Aug 18, 2022, 11:54 AM IST

पटना: बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन (BJP leader Shahnawaz Hussain) की मुश्किल बढ़ गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दुष्कर्म का केस तत्काल दर्ज करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने पुलिस को जांच के लिए तीन महीने का समय दिया है. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने पीड़ित महिला की ओर से की गई शिकायत में केस दर्ज करने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें: पुरानी तेल पिलाई हुई लाठी बाहर आ रही है..सतर्क रहिए.. शाहनवाज हुसैन का RJD पर बड़ा हमला

क्या है पूरा मामला?: बता दें कि 2018 में एक महिला ने शाहनवाज हुसैन पर आरोप लगाया था कि उसके साथ छतरपुर फॉर्महाउस में रेप किया था. इसके अलावा उन्होंने जान से मारने की धमकी भी दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़ित महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस का संवेदनहीन रवैया समझ से बाहर है. सभी तथ्यों से साफ है कि पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज करने में हीलाहवाली की गई. हालांकि दिल्ली पुलिस की दलील थी कि निचली अदालत में उसकी तरफ से जो रिपोर्ट पेश की गई वो अंतिम रिपोर्ट नहीं थी. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने निष्कर्ष निकाला था कि महिला के आरोपों में दम नहीं है और शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है.

कोर्ट ने जांच की समयसीमा तय की: जस्टिस आशा मेनन ने दिल्ली पुलिस को तीन माह के भीतर मामले की जांच करने और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत संबंधित अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा कि जून 2018 में पुलिस आयुक्त से शिकायत प्राप्त होने पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए पुलिस के पास समझाने के लिए बहुत कुछ है. न्यायालय ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करने के निलची अदालत के आदेश के खिलाफ बीजेपी नेता हुसैन की अपील को आधारहीन बताकर खारिज करते हुए यह टिप्पणी की.

शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं: इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने रेप की एफआईआर दर्ज करने के आदेश को चुनौती दी है. हालांकि, पूर्व मंत्री की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जल्द सुनवाई से इंकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगले हफ्ते सुनवाई की जाएगी.

कौन हैं शाहनवाज हुसैन?: सैयद शाहनवाज हुसैन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. वे बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार में उद्योग मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावे अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में भी मंत्री रह चुके हैं. 12 दिसंबर 1968 में के सुपौल जिले में जन्में शाहनवाज हुसैन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1999 में 13वें लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू किया था. मानव संसाधन, युवा मामले, खेल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे विभाग संभालते रहे. 2001 में शाहनवाज कोयला मंत्री और बाद में नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे. 2003 में वे वस्त्र मंत्री भी बने. शाहनवाज हुसैन बीजेपी में उन गिने चुने नेताओं में से एक हैं, जो मुस्लिम समाज से आते हैं.

ये भी पढ़ें: पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन बोले, नीतीश कुमार सिर्फ मुखोटे के मुख्यमंत्री, असली रिंग मास्टर कोई और

पटना: बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन (BJP leader Shahnawaz Hussain) की मुश्किल बढ़ गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दुष्कर्म का केस तत्काल दर्ज करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने पुलिस को जांच के लिए तीन महीने का समय दिया है. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने पीड़ित महिला की ओर से की गई शिकायत में केस दर्ज करने का आदेश दिया है.

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क्या है पूरा मामला?: बता दें कि 2018 में एक महिला ने शाहनवाज हुसैन पर आरोप लगाया था कि उसके साथ छतरपुर फॉर्महाउस में रेप किया था. इसके अलावा उन्होंने जान से मारने की धमकी भी दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़ित महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस का संवेदनहीन रवैया समझ से बाहर है. सभी तथ्यों से साफ है कि पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज करने में हीलाहवाली की गई. हालांकि दिल्ली पुलिस की दलील थी कि निचली अदालत में उसकी तरफ से जो रिपोर्ट पेश की गई वो अंतिम रिपोर्ट नहीं थी. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने निष्कर्ष निकाला था कि महिला के आरोपों में दम नहीं है और शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है.

कोर्ट ने जांच की समयसीमा तय की: जस्टिस आशा मेनन ने दिल्ली पुलिस को तीन माह के भीतर मामले की जांच करने और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत संबंधित अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा कि जून 2018 में पुलिस आयुक्त से शिकायत प्राप्त होने पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए पुलिस के पास समझाने के लिए बहुत कुछ है. न्यायालय ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करने के निलची अदालत के आदेश के खिलाफ बीजेपी नेता हुसैन की अपील को आधारहीन बताकर खारिज करते हुए यह टिप्पणी की.

शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं: इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने रेप की एफआईआर दर्ज करने के आदेश को चुनौती दी है. हालांकि, पूर्व मंत्री की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जल्द सुनवाई से इंकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगले हफ्ते सुनवाई की जाएगी.

कौन हैं शाहनवाज हुसैन?: सैयद शाहनवाज हुसैन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. वे बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार में उद्योग मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावे अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में भी मंत्री रह चुके हैं. 12 दिसंबर 1968 में के सुपौल जिले में जन्में शाहनवाज हुसैन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1999 में 13वें लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू किया था. मानव संसाधन, युवा मामले, खेल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे विभाग संभालते रहे. 2001 में शाहनवाज कोयला मंत्री और बाद में नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे. 2003 में वे वस्त्र मंत्री भी बने. शाहनवाज हुसैन बीजेपी में उन गिने चुने नेताओं में से एक हैं, जो मुस्लिम समाज से आते हैं.

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Last Updated : Aug 18, 2022, 11:54 AM IST
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