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हाईकोर्ट ने गूगल, यूट्यूब, केंद्र को महिला की आपत्तिजनक तस्वीरें हटाने का निर्देश दिया - महिला के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो

दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल, यू-ट्यूब, केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को निर्देश दिया है कि वो एक महिला के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो इंटरनेट से हटाने के लिए जरूरी कदम उठाएं.

दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Sep 10, 2021, 10:23 PM IST

Updated : Sep 11, 2021, 1:52 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल, यू-ट्यूब , केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को निर्देश दिया है कि वो एक महिला के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो इंटरनेट से हटाने के लिए जरूरी कदम उठाएं. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने 16 सितंबर तक ये वीडियो और आपत्तिजनक फोटो हटाने का निर्देश दिया.

याचिकाकर्ता महिला ने मांग की थी कि छद्म नामों से चलने वाले पोर्न वेबसाइट से आपत्तिजनक वीडियो और फोटो हटाने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए. कोर्ट ने कहा कि महिला के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो को तेजी से हटाने के लिए दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को भी पक्षकार बनाने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें- सभी धर्मों-धर्मार्थ संस्थानों के लिए बने एक समान नियम, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से वकील अनुराग अहलुवालिया ने कहा कि संबंधित प्राधिकार जरूरी कदम उठाएगा और संबंधित महिला के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो हटाएगा. बता दें कि पिछले 20 अप्रैल को हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि फेसबुक और इंस्टाग्राम से किसी का फोटो लेकर बिना उसकी सहमति के पोर्न वेबसाइट पर डालना इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा-67 के तहत अपराध है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने कहा था कि भले ही वो फोटो आपत्तिजनक नहीं हो, लेकिन वो पोर्न वेबसाइट पर डालना, उसकी निजता के अधिकार का उल्लंघन है.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल, यू-ट्यूब , केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को निर्देश दिया है कि वो एक महिला के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो इंटरनेट से हटाने के लिए जरूरी कदम उठाएं. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने 16 सितंबर तक ये वीडियो और आपत्तिजनक फोटो हटाने का निर्देश दिया.

याचिकाकर्ता महिला ने मांग की थी कि छद्म नामों से चलने वाले पोर्न वेबसाइट से आपत्तिजनक वीडियो और फोटो हटाने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए. कोर्ट ने कहा कि महिला के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो को तेजी से हटाने के लिए दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को भी पक्षकार बनाने का आदेश दिया.

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सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से वकील अनुराग अहलुवालिया ने कहा कि संबंधित प्राधिकार जरूरी कदम उठाएगा और संबंधित महिला के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो हटाएगा. बता दें कि पिछले 20 अप्रैल को हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि फेसबुक और इंस्टाग्राम से किसी का फोटो लेकर बिना उसकी सहमति के पोर्न वेबसाइट पर डालना इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा-67 के तहत अपराध है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने कहा था कि भले ही वो फोटो आपत्तिजनक नहीं हो, लेकिन वो पोर्न वेबसाइट पर डालना, उसकी निजता के अधिकार का उल्लंघन है.

Last Updated : Sep 11, 2021, 1:52 AM IST
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