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ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा डालने वालों को लटका देंगे : दिल्ली हाई कोर्ट

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Published : Apr 24, 2021, 4:19 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने ये आदेश दिया है कि ऑक्सीजन सप्लायर दिल्ली के नोडल अफसर को पहले से बताएं कितना और कब ऑक्सीजन मिलेगा. साथ ही कोर्ट ने ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने को लेकर दिल्ली सरकार को 26 अप्रैल तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है.

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नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले सभी सप्लायर को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली सरकार को बताएं कि किस अस्पताल को कितना ऑक्सीजन और कब मिल रहा है. सभी सप्लायर दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारी उदित प्रकाश राय को इसकी सूचना देंगे. मामले पर अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.


कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सूचना दी है कि ऑक्सीजन की सप्लाई पर नजर रखने के लिए 10-11 अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है. कोर्ट ने कहा कि जब ये टीम बन जाए, तो इसकी सूचना सभी सप्लायर और अस्पतालों को दें. इस टीम की पूरी सूचना दिल्ली सरकार अपने वेबसाइट पर भी दे. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो दिल्ली में ऑक्सीजन प्लांट को लगाने के मामले में स्टेटस रिपोर्ट 26 अप्रैल तक दाखिल करें.


अगर मरीज एडमिट नहीं होंगे, तो वे कैसा व्यवहार करेंगे
कोर्ट ने कहा कि अस्पतालों में भर्ती कई मरीज ICU में हैं औऱ उनकी जान खतरे में है. दिल्ली सरकार इन अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराए. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं करती है. सुनवाई के दौरान जब तुषार मेहता ने कहा कि अस्पतालों को सुरक्षा देने का मामला नोडल अफसर पर छोड़ दिया जाए. तब कोर्ट ने कहा कि अगर लोगों को एडमिट नहीं किया जाएगा, तो लोग कैसा व्यवहार करेंगे. तब मेहता ने कहा कि अगर कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर कोई अस्पताल आता है तो उस पर आदेश दिया जा सकता है, सभी अस्पतालों के लिए नहीं.

केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप
आज जब सुनवाई शुरू हुई, तो दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा और केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बीच आरोप-प्रत्यारोप हुए. राहुल मेहरा ने कहा कि दिल्ली को अब भी 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन नहीं मिला. तब मेहता ने कहा कि ऐसी स्थिति दिल्ली सरकार की अक्षमता की वजह से हुई है. राहुल मेहरा इसका जवाब देने लगे तो कोर्ट ने कहा कि कोर्ट इसका मंच नहीं है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 21 की मौत, 200 जिंदगी दांव पर


कल 295 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिला
महाराजा अग्रसेन अस्पताल की ओर से वकील आलोक अग्रवाल ने कहा कि हम दो अस्पताल चलाते हैं. दोनों में 306 मरीज भर्ती हैं. दोनों अस्पतालों में कल रात को ही ऑक्सीजन खत्म हो गया. उन्होंने दिल्ली सरकार का धन्यवाद दिया कि रात में ऑक्सीजन मिला, लेकिन वो ऑक्सीजन भी आज दोपहर बाद खत्म हो जाएगा. हम मरीजों को डिस्चार्ज कर रहे हैं. इस पर कोर्ट ने पूछा कि ये रोज की कहानी है. अभी सप्लाई की क्या स्थिति है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आप अपना ऑक्सीजन प्लांट लगाइए. ये मामला कल भी उठाया गया था. तब मेहरा ने कहा कि दिल्ली को 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित किया गया है. लेकिन हमें 350 से 380 मीट्रिक टन ही मिल रहा है. कल हमें 295 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिला. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आपके नोडल अफसर ने केंद्र से संपर्क किया. तब मेहरा ने कहा कि हां, इस पर आपत्ति जताते हुए तुषार मेहता ने कहा कि मेहरा को कोर्ट के एक जिम्मेदार अफसर के रूप में बोलना चाहिए.


एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि अधिकारी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. वे नोडल अफसरों, डीएम के लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि दुर्गापुर में एयरक्राफ्ट गए हैं. लेकिन टैंकरों को भरने में समय लगता है. राहुल मेहरा ने कहा कि दिल्ली सरकार खुद ऑक्सीजन के इंतजाम में लगी हुई है. राहुल मेहरा ने कहा कि टैंकरों को स्थानीय प्रशासन रोक रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम उन्हें दंडित करेंगे. हाई कोर्ट ने कहा कि जो भी ऑक्सीजन रोकेगा उसे हम लटका देंगे. हमने पहले ही चेतावनी दी थी कि किसी की जान को खतरे में नहीं डाला जा सकता है. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि किसी भी राज्य को ऑक्सीजन की सप्लाई रोकने का अधिकार नहीं है.


दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टोरेज क्षमता कम
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वायरस से लड़ रहे हर लोग की जान बचाना आपका भी काम है. यह एक बड़ी त्रासदी है. तुषार मेहता ने कहा कि मई और जून में ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कोरोना का संक्रमण बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि हम भय नहीं पैदा करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने इस पर बैठक की है और हम ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने और यहां तक की आयात करने की योजना बना रहे हैं. मेहता ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता काफी कम है. ये भी एक बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई का प्लान पल-पल में बदल रहा है.


नोडल अफसर जवाब नहीं दे रहे हैं
कोर्ट ने मेहता से पूछा कि जयपुर गोल्डन अस्पताल में 21 मरीजों की मौत कैसे हुई. क्या ये ऑक्सीजन की कमी से हुई. इस पर मेहता ने कहा कि हम इसका पता लगाएंगे. उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य के मुख्य सचिव हमारे अधिकारियों से सीधे बात करें, समस्या सुलझेगी. वकील आलोक अग्रवाल ने कहा कि अस्पताल के अधिकारी नोडल अफसर को और वकीलों को ऑक्सीजन की कमी का लगातार संदेश भेज रहे हैं, लेकिन उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है.

तब मेहता ने कहा कि नोडल अफसर से ही पहले संपर्क किया जाए. मेहरा ने वह पत्र पढ़ा, जिसमें उन्होंने तुषार मेहता को ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए लिखा था. लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाई. इस पर मेहता ने कहा कि इस पत्र को यहां नहीं लाया जाना चाहिए था. इस पर कोर्ट ने कहा कि कौन सा सप्लायर किस राज्य को ऑक्सीजन की कितनी आपूर्ति करने जा रहा है, इसकी सूचना दी जाए. इससे ये आसानी होगी कि राज्यों के नजदीक वाले प्लांट से ऑक्सीजन मंगाया जा सकेगा. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आप यह मत बताइए कि आपको ऑक्सीजन कैसे मिलेगा. इस पर राहुल मेहरा ने कहा केंद्र सरकार अगर राष्ट्रीय योजना लाएगी तभी हम उस पर अपनी राय बताएंगे. वे केवल अंतरिम योजना बना रहे हैं.

'दुर्गापुर से टैंकर आने में 48 घंटे लगेंगे'
तुषार मेहता ने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई की मैपिंग के दौरान दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव भी थे. केंद्र को सभी राज्यों की जरूरतों का ध्यान रखना है. राज्यों की मांग के आधार पर योजना बदली जाती है. केंद्र सरकार की अधिकारी सुमिता डावरा ने कहा कि दिल्ली के साथ-साथ दूसरे राज्यों की मांगों पर भी विचार किया जा रहा है. हम ऑक्सीजन की सप्लाई करने वालों के साथ बैठक कर रहे हैं. सकारात्मक सुझाव पर विचार कर रहे हैं. रेलवे सप्लाई लाने के लिए तैयार है, इसमें टैंकर हैं. दुर्गापुर से टैंकर आने में 48 घंटे लगेंगे.

'लोगों की जान जा रही है, सबको काम करना होगा'

इस पर जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि लोगों की जान जा रही है. सबको इस पर काम करना होगा. राहुल मेहरा ने कहा कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस से जो ऑक्सीजन आएगी वो कब तक आएगी. तब जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि दुर्गापुर प्लांट से 48 घंटे में आएगी. जस्टिस विपिन सांघी ने डावरा से पूछा कि दुर्गापुर प्लांट से क्या 30 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन आ सकता है. तब डावरा ने कहा कि हम इसका पता लगा रहे हैं. तुषार मेहता ने कहा कि दूसरे राज्यों के टैंकर भी वहां मौजूद हैं.

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले सभी सप्लायर को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली सरकार को बताएं कि किस अस्पताल को कितना ऑक्सीजन और कब मिल रहा है. सभी सप्लायर दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारी उदित प्रकाश राय को इसकी सूचना देंगे. मामले पर अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.


कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सूचना दी है कि ऑक्सीजन की सप्लाई पर नजर रखने के लिए 10-11 अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है. कोर्ट ने कहा कि जब ये टीम बन जाए, तो इसकी सूचना सभी सप्लायर और अस्पतालों को दें. इस टीम की पूरी सूचना दिल्ली सरकार अपने वेबसाइट पर भी दे. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो दिल्ली में ऑक्सीजन प्लांट को लगाने के मामले में स्टेटस रिपोर्ट 26 अप्रैल तक दाखिल करें.


अगर मरीज एडमिट नहीं होंगे, तो वे कैसा व्यवहार करेंगे
कोर्ट ने कहा कि अस्पतालों में भर्ती कई मरीज ICU में हैं औऱ उनकी जान खतरे में है. दिल्ली सरकार इन अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराए. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं करती है. सुनवाई के दौरान जब तुषार मेहता ने कहा कि अस्पतालों को सुरक्षा देने का मामला नोडल अफसर पर छोड़ दिया जाए. तब कोर्ट ने कहा कि अगर लोगों को एडमिट नहीं किया जाएगा, तो लोग कैसा व्यवहार करेंगे. तब मेहता ने कहा कि अगर कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर कोई अस्पताल आता है तो उस पर आदेश दिया जा सकता है, सभी अस्पतालों के लिए नहीं.

केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप
आज जब सुनवाई शुरू हुई, तो दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा और केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बीच आरोप-प्रत्यारोप हुए. राहुल मेहरा ने कहा कि दिल्ली को अब भी 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन नहीं मिला. तब मेहता ने कहा कि ऐसी स्थिति दिल्ली सरकार की अक्षमता की वजह से हुई है. राहुल मेहरा इसका जवाब देने लगे तो कोर्ट ने कहा कि कोर्ट इसका मंच नहीं है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 21 की मौत, 200 जिंदगी दांव पर


कल 295 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिला
महाराजा अग्रसेन अस्पताल की ओर से वकील आलोक अग्रवाल ने कहा कि हम दो अस्पताल चलाते हैं. दोनों में 306 मरीज भर्ती हैं. दोनों अस्पतालों में कल रात को ही ऑक्सीजन खत्म हो गया. उन्होंने दिल्ली सरकार का धन्यवाद दिया कि रात में ऑक्सीजन मिला, लेकिन वो ऑक्सीजन भी आज दोपहर बाद खत्म हो जाएगा. हम मरीजों को डिस्चार्ज कर रहे हैं. इस पर कोर्ट ने पूछा कि ये रोज की कहानी है. अभी सप्लाई की क्या स्थिति है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आप अपना ऑक्सीजन प्लांट लगाइए. ये मामला कल भी उठाया गया था. तब मेहरा ने कहा कि दिल्ली को 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित किया गया है. लेकिन हमें 350 से 380 मीट्रिक टन ही मिल रहा है. कल हमें 295 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिला. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आपके नोडल अफसर ने केंद्र से संपर्क किया. तब मेहरा ने कहा कि हां, इस पर आपत्ति जताते हुए तुषार मेहता ने कहा कि मेहरा को कोर्ट के एक जिम्मेदार अफसर के रूप में बोलना चाहिए.


एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि अधिकारी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. वे नोडल अफसरों, डीएम के लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि दुर्गापुर में एयरक्राफ्ट गए हैं. लेकिन टैंकरों को भरने में समय लगता है. राहुल मेहरा ने कहा कि दिल्ली सरकार खुद ऑक्सीजन के इंतजाम में लगी हुई है. राहुल मेहरा ने कहा कि टैंकरों को स्थानीय प्रशासन रोक रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम उन्हें दंडित करेंगे. हाई कोर्ट ने कहा कि जो भी ऑक्सीजन रोकेगा उसे हम लटका देंगे. हमने पहले ही चेतावनी दी थी कि किसी की जान को खतरे में नहीं डाला जा सकता है. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि किसी भी राज्य को ऑक्सीजन की सप्लाई रोकने का अधिकार नहीं है.


दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टोरेज क्षमता कम
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वायरस से लड़ रहे हर लोग की जान बचाना आपका भी काम है. यह एक बड़ी त्रासदी है. तुषार मेहता ने कहा कि मई और जून में ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कोरोना का संक्रमण बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि हम भय नहीं पैदा करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने इस पर बैठक की है और हम ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने और यहां तक की आयात करने की योजना बना रहे हैं. मेहता ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता काफी कम है. ये भी एक बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई का प्लान पल-पल में बदल रहा है.


नोडल अफसर जवाब नहीं दे रहे हैं
कोर्ट ने मेहता से पूछा कि जयपुर गोल्डन अस्पताल में 21 मरीजों की मौत कैसे हुई. क्या ये ऑक्सीजन की कमी से हुई. इस पर मेहता ने कहा कि हम इसका पता लगाएंगे. उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य के मुख्य सचिव हमारे अधिकारियों से सीधे बात करें, समस्या सुलझेगी. वकील आलोक अग्रवाल ने कहा कि अस्पताल के अधिकारी नोडल अफसर को और वकीलों को ऑक्सीजन की कमी का लगातार संदेश भेज रहे हैं, लेकिन उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है.

तब मेहता ने कहा कि नोडल अफसर से ही पहले संपर्क किया जाए. मेहरा ने वह पत्र पढ़ा, जिसमें उन्होंने तुषार मेहता को ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए लिखा था. लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाई. इस पर मेहता ने कहा कि इस पत्र को यहां नहीं लाया जाना चाहिए था. इस पर कोर्ट ने कहा कि कौन सा सप्लायर किस राज्य को ऑक्सीजन की कितनी आपूर्ति करने जा रहा है, इसकी सूचना दी जाए. इससे ये आसानी होगी कि राज्यों के नजदीक वाले प्लांट से ऑक्सीजन मंगाया जा सकेगा. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आप यह मत बताइए कि आपको ऑक्सीजन कैसे मिलेगा. इस पर राहुल मेहरा ने कहा केंद्र सरकार अगर राष्ट्रीय योजना लाएगी तभी हम उस पर अपनी राय बताएंगे. वे केवल अंतरिम योजना बना रहे हैं.

'दुर्गापुर से टैंकर आने में 48 घंटे लगेंगे'
तुषार मेहता ने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई की मैपिंग के दौरान दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव भी थे. केंद्र को सभी राज्यों की जरूरतों का ध्यान रखना है. राज्यों की मांग के आधार पर योजना बदली जाती है. केंद्र सरकार की अधिकारी सुमिता डावरा ने कहा कि दिल्ली के साथ-साथ दूसरे राज्यों की मांगों पर भी विचार किया जा रहा है. हम ऑक्सीजन की सप्लाई करने वालों के साथ बैठक कर रहे हैं. सकारात्मक सुझाव पर विचार कर रहे हैं. रेलवे सप्लाई लाने के लिए तैयार है, इसमें टैंकर हैं. दुर्गापुर से टैंकर आने में 48 घंटे लगेंगे.

'लोगों की जान जा रही है, सबको काम करना होगा'

इस पर जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि लोगों की जान जा रही है. सबको इस पर काम करना होगा. राहुल मेहरा ने कहा कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस से जो ऑक्सीजन आएगी वो कब तक आएगी. तब जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि दुर्गापुर प्लांट से 48 घंटे में आएगी. जस्टिस विपिन सांघी ने डावरा से पूछा कि दुर्गापुर प्लांट से क्या 30 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन आ सकता है. तब डावरा ने कहा कि हम इसका पता लगा रहे हैं. तुषार मेहता ने कहा कि दूसरे राज्यों के टैंकर भी वहां मौजूद हैं.

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