ETV Bharat / bharat

हाई कोर्ट ने इंटर कंट्री अडाप्शन के लिए एक स्थायी तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया

author img

By

Published : Sep 3, 2021, 6:54 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court ) ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Union Ministry of Women & Child Development) को हिंदू अडाप्शन और मेंटनंस एक्ट (Hindu Adoptions & Maintenance Act), 1956 के तहत दो महीने के भीतर अंतर-देशीय अडाप्शन लेने के लिए एक स्थायी तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया है.

हाई कोर्ट
हाई कोर्ट

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court ) ने मंगलवार को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Union Ministry of Women & Child Development) को हिंदू अडाप्शन और मेंटनंस एक्ट (Hindu Adoptions & Maintenance Act), 1956 के तहत दो महीने के भीतर अंतर-देशीय अडाप्शन लेने के लिए एक स्थायी तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया है.

गोद लिए गए बच्चों के कल्याण को सुनिश्चित करने और बायोलॉजिकल माता-पिता के साथ-साथ बच्चे के लिए एक सिस्टम प्रदान करने के अडाप्शन सेंट्रल रिसॉर्स ऑथिरिटी (Central Adoption Resource Authority) के अनुभव को देखते हुए यह आदेश दिया है.

अदालत ने CARA को HAMA के तहत इंटर कंट्री अडाप्शन को सक्षम करने के उद्देश्य से प्राधिकरण के रूप में कार्य करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने कहा कि चूंकि हिंदू अडाप्शन और मेंटनंस एक्ट (HAMA) के तहत गोद लेने के लिए सेंट्रल रिसॉर्स ऑथिरिटी (CARA) के तहत कोई प्रक्रिया मौजूद नहीं थी, हालांकि गोद लेने के संबंध में मौजूद एक छोटी प्रक्रिया जो जेजे अधिनियम (JJ Act), 2015 के लागू होने से पहले प्रभावी था.

इसको अंतर-देशीय गोद लेने के मामले में NOC जारी करने के लिए फॉलो किया जा सकता है. जो पहले से ही HAMA के तहत मान्यता प्राप्त है.

पढ़ें - दिल्ली पुलिस ने बरामद की अपहृत लड़की, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यूपी पुलिस को आईना दिखाने वाला काम

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह (of Justice Pratibha M Singh ) की एकल न्यायाधीश पीठ ने आगे कहा कि HAMA को अपनाने के संबंध में CARA की वेबसाइट पर कई त्रुटियां थी. उन्होंने इस संबंध में भीनिर्देश दिया.

कोर्ट ने कहा कि मसौदा दिशानिर्देश और पोर्टल को सक्रिय करने की समयसीमा को दो महीने के भीतर स्थिति रिपोर्ट के माध्यम से रिकॉर्ड पर रखा जाना चाहिए.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court ) ने मंगलवार को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Union Ministry of Women & Child Development) को हिंदू अडाप्शन और मेंटनंस एक्ट (Hindu Adoptions & Maintenance Act), 1956 के तहत दो महीने के भीतर अंतर-देशीय अडाप्शन लेने के लिए एक स्थायी तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया है.

गोद लिए गए बच्चों के कल्याण को सुनिश्चित करने और बायोलॉजिकल माता-पिता के साथ-साथ बच्चे के लिए एक सिस्टम प्रदान करने के अडाप्शन सेंट्रल रिसॉर्स ऑथिरिटी (Central Adoption Resource Authority) के अनुभव को देखते हुए यह आदेश दिया है.

अदालत ने CARA को HAMA के तहत इंटर कंट्री अडाप्शन को सक्षम करने के उद्देश्य से प्राधिकरण के रूप में कार्य करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने कहा कि चूंकि हिंदू अडाप्शन और मेंटनंस एक्ट (HAMA) के तहत गोद लेने के लिए सेंट्रल रिसॉर्स ऑथिरिटी (CARA) के तहत कोई प्रक्रिया मौजूद नहीं थी, हालांकि गोद लेने के संबंध में मौजूद एक छोटी प्रक्रिया जो जेजे अधिनियम (JJ Act), 2015 के लागू होने से पहले प्रभावी था.

इसको अंतर-देशीय गोद लेने के मामले में NOC जारी करने के लिए फॉलो किया जा सकता है. जो पहले से ही HAMA के तहत मान्यता प्राप्त है.

पढ़ें - दिल्ली पुलिस ने बरामद की अपहृत लड़की, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यूपी पुलिस को आईना दिखाने वाला काम

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह (of Justice Pratibha M Singh ) की एकल न्यायाधीश पीठ ने आगे कहा कि HAMA को अपनाने के संबंध में CARA की वेबसाइट पर कई त्रुटियां थी. उन्होंने इस संबंध में भीनिर्देश दिया.

कोर्ट ने कहा कि मसौदा दिशानिर्देश और पोर्टल को सक्रिय करने की समयसीमा को दो महीने के भीतर स्थिति रिपोर्ट के माध्यम से रिकॉर्ड पर रखा जाना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.