नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को करने के आदेश दिये हैं. याचिका आकाश गोयल ने दायर की है.
याचिका में कहा गया है कि साल 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रदान किये गए राहत पैकेज में उन लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए, जो उज्ज्वला योजना के लाभार्थी नहीं हैं या जिनके पास सक्रिय जन धन खाता नहीं है. केंद्र सरकार के वकील अनिल सोनी ने मामले पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा है.
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व वकील प्रशांत भूषण ने किया. याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि यह योजना ठीक नहीं है क्योंकि इसमें गरीबी रेखा से नीचे के उन परिवारों को छोड़ दिया गया है, जो उज्ज्वला योजना के लाभार्थी नहीं हैं या जिनके पास सक्रिय प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) खाता नहीं है. याचिका में कहा गया है, '(राहत योजना के तहत) 500 रुपये का अनुदान केवल पीएमजेडीवाई खाताधारकों तक ही सीमित है. केंद्र सरकार द्वारा घोषित इस अनुग्रह राशि का लाभ उठाने के लिए एक सक्रिय पीएमजेडीवाई खाता होना एक पूर्व-आवश्यकता है, हालांकि यह मानदंड ठीक नहीं है क्योंकि करोड़ों गरीब महिलाओं के पास सक्रिय पीएमजेडीवाई खाता नहीं है.'
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