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Agnipath Sceme: दिल्ली HC ने अग्निपथ स्कीम पर रोक लगाने से किया इनकार, सभी याचिकाएं खारिज

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अग्निपथ भर्ती स्कीम को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप करने की कोई वजह दिखाई नहीं देती है.

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अग्निपथ स्कीम मामला
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Published : Feb 27, 2023, 12:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ स्कीम विरोध में दाखिल किए गए सभी आवेदनों को खारिज कर दिया है. कुछ महीने पहले ही सैन्य भर्ती को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा बदलाव किया था, जिसके तहत अब तीनों सेनाओं में भर्ती अग्निपथ स्कीम के तहत हो रही है. हालांकि इस स्कीम को लेकर छात्रों के कुछ समूह ने दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. जिसके बाद उच्च न्यायालय ने सभी याचिकाओं को एक जगह पर लाकर न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच द्वारा इसकी सुनवाई की जा रही थी. वहीं अब इस केस की सुनवाई पूरी हो गई और कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.

हाईकोर्ट ने इससे पहले इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं से ही सवाल किया था. उन्होंने पूछा था कि क्या इस योजना के आने से किसी के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है. क्या इसमें कुछ गलत है? ये तो स्वैच्छिक है. जिनको इससे समस्या है, वो इसमें शामिल नहीं हों. कोर्ट ने कहा था कि इस योजना को तीनों सेनाओं के विशेषज्ञों ने तैयार किया है, आप और हम सैन्य विशेषज्ञ नहीं हैं. आप ये सिद्ध करिए कि इसके जरिए कैसें आपके अधिकार को छीना गया है.

केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की खूबियां बताईं: दिल्ली हाईकोर्ट में पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने केंद्र की महत्वकांक्षी अग्निपथ योजना की खूबियां बताईं. उन्होंने कहा इस योजना के तहत अब युवा लड़कियां भी सेना में शामिल हो सकती है. इसके साथ कई अन्य बदलाव भी हो रहे हैं. चार साल की सेवा के बाद जो जवान रिटायर होंगे, उनको अर्ध सैनिक बलों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. इसके अलावा इग्नू (IGNOU) के साथ एक MoU साइन किया गया है, जिसके तहत अग्निवीरों को डिप्लोमा का डिग्री दी जाएगी. इसके साथ केंद्र की मोदी सरकार ने अग्निवीरों के लिए निश्चित फंड की भी व्यवस्था की है.

ये भी पढ़ें: Delhi Excise scam : सिसोदिया की कोर्ट में पेशी आज, आरोप साबित होने पर हो सकती है इतने साल की सजा

याचिकाकर्ता ने उठाए कई सवाल: अग्निपथ स्कीम विरोध में याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि सरकार को यह बताना होगा कि पंजीकरण के बाद वो अग्निवीरों को क्या-क्या सुविधाएं मुहैया कराएंगे और वह किन शर्तों पर मिलेंगी?. अग्निवीर रिटायर होने के बाद सेना के गुप्त ठिकानों के राज पर्दाफाश नहीं करेंगे, इसके लिए क्या योजना है. बता दें कि ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट अभी तक तो जवानों पर लागू होता था, लेकिन अब सरकार के पास इससे संबंधित क्या योजना है.

ये भी पढ़ें: Raipur session of Congress ends: कांग्रेस अधिवेशन के सफल आयोजन से बढ़ा सीएम बघेल का कद, दिग्गजों ने की तारीफ

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ स्कीम विरोध में दाखिल किए गए सभी आवेदनों को खारिज कर दिया है. कुछ महीने पहले ही सैन्य भर्ती को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा बदलाव किया था, जिसके तहत अब तीनों सेनाओं में भर्ती अग्निपथ स्कीम के तहत हो रही है. हालांकि इस स्कीम को लेकर छात्रों के कुछ समूह ने दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. जिसके बाद उच्च न्यायालय ने सभी याचिकाओं को एक जगह पर लाकर न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच द्वारा इसकी सुनवाई की जा रही थी. वहीं अब इस केस की सुनवाई पूरी हो गई और कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.

हाईकोर्ट ने इससे पहले इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं से ही सवाल किया था. उन्होंने पूछा था कि क्या इस योजना के आने से किसी के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है. क्या इसमें कुछ गलत है? ये तो स्वैच्छिक है. जिनको इससे समस्या है, वो इसमें शामिल नहीं हों. कोर्ट ने कहा था कि इस योजना को तीनों सेनाओं के विशेषज्ञों ने तैयार किया है, आप और हम सैन्य विशेषज्ञ नहीं हैं. आप ये सिद्ध करिए कि इसके जरिए कैसें आपके अधिकार को छीना गया है.

केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की खूबियां बताईं: दिल्ली हाईकोर्ट में पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने केंद्र की महत्वकांक्षी अग्निपथ योजना की खूबियां बताईं. उन्होंने कहा इस योजना के तहत अब युवा लड़कियां भी सेना में शामिल हो सकती है. इसके साथ कई अन्य बदलाव भी हो रहे हैं. चार साल की सेवा के बाद जो जवान रिटायर होंगे, उनको अर्ध सैनिक बलों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. इसके अलावा इग्नू (IGNOU) के साथ एक MoU साइन किया गया है, जिसके तहत अग्निवीरों को डिप्लोमा का डिग्री दी जाएगी. इसके साथ केंद्र की मोदी सरकार ने अग्निवीरों के लिए निश्चित फंड की भी व्यवस्था की है.

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याचिकाकर्ता ने उठाए कई सवाल: अग्निपथ स्कीम विरोध में याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि सरकार को यह बताना होगा कि पंजीकरण के बाद वो अग्निवीरों को क्या-क्या सुविधाएं मुहैया कराएंगे और वह किन शर्तों पर मिलेंगी?. अग्निवीर रिटायर होने के बाद सेना के गुप्त ठिकानों के राज पर्दाफाश नहीं करेंगे, इसके लिए क्या योजना है. बता दें कि ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट अभी तक तो जवानों पर लागू होता था, लेकिन अब सरकार के पास इससे संबंधित क्या योजना है.

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