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Jamia Nagar Violence: दिल्ली हाई कोर्ट ने 11 आरोपियों को बरी करने का फैसला किया रद्द, आरोप तय - 11 आरोपियों को बरी करने का फैसला

राजधानी में 2019 में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को निचली अदालत का फैसला पलटते हुए 11 आरोपियों को बरी करने के फैसले को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि शांतिपूर्ण सभा में हिंसक भाषण देना उचित नहीं है.

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Published : Mar 28, 2023, 1:19 PM IST

Updated : Mar 28, 2023, 1:26 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को वर्ष 2019 के जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा सहित कुल 11 आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत (साकेत कोर्ट) के फैसले को रद्द कर दिया है. साथ ही आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं.

दरअसल दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट द्वारा चार फरवरी को सभी 11 आरोपियो को बरी करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट की न्यायाधीश स्वर्ण कांता शर्मा ने इसपर फैसला सुनाते हुए कहा कि शांतिपूर्ण सभा का अधिकार उचित प्रतिबंधों के अधीन है और हिंसा या हिंसक भाषण के कार्य सुरक्षित नहीं हैं. शांतिपूर्ण सभा में भी हिंसक भाषण देना उचित नहीं है. अदालत ने कुछ आरोपियों का जिक्र करते हुए कहा कि, प्रथम दृष्टया जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है, आरोपी भीड़ की पहली पंक्ति में थे. वे दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे और बैरीकेड्स को हिंसक रूप से धकेल रहे थे.

यह भी पढ़ें-Delhi Riots Case: आईबी कांस्टेबल अंकित शर्मा हत्या मामले में ताहिर हुसैन समेत 10 पर आरोप तय

बता दें कि इससे पहले 23 मार्च को कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान दो घंटे से अधिक चली लंबी बहस के बाद जज ने मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने दिल्ली पुलिस के लिए तर्क दिए. इसमें दिल्ली पुलिस की ओर से अधिवक्ता ध्रुव पांडे और रजत नायर पेश हुए. वहीं आरोपियों की ओर से सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन, एडवोकेट एमआर शमशाद, अबुबकर सब्बाक, अरिजीत सरकार, नबीला जमील, काजल दलाल, अपराजिता सिन्हा, जावेद हाशमी, फरीद अहमद, शाहनवाज मलिक, तालिब मुस्तफा, अहमद इब्राहिम, आयशा जैदी, सौजन्य शंकरन, सिद्धार्थ सतीजा, अभिनव सेखरी, आयुष श्रीवास्तव, रितेश धर दुबे, प्रवीता कश्यप, अनुष्का बरुआ, चिन्मय कनौजिया, प्रवीर सिंह और आद्या आर लूथरा आरोपियों की ओर से पेश हुए.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को वर्ष 2019 के जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा सहित कुल 11 आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत (साकेत कोर्ट) के फैसले को रद्द कर दिया है. साथ ही आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं.

दरअसल दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट द्वारा चार फरवरी को सभी 11 आरोपियो को बरी करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट की न्यायाधीश स्वर्ण कांता शर्मा ने इसपर फैसला सुनाते हुए कहा कि शांतिपूर्ण सभा का अधिकार उचित प्रतिबंधों के अधीन है और हिंसा या हिंसक भाषण के कार्य सुरक्षित नहीं हैं. शांतिपूर्ण सभा में भी हिंसक भाषण देना उचित नहीं है. अदालत ने कुछ आरोपियों का जिक्र करते हुए कहा कि, प्रथम दृष्टया जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है, आरोपी भीड़ की पहली पंक्ति में थे. वे दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे और बैरीकेड्स को हिंसक रूप से धकेल रहे थे.

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बता दें कि इससे पहले 23 मार्च को कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान दो घंटे से अधिक चली लंबी बहस के बाद जज ने मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने दिल्ली पुलिस के लिए तर्क दिए. इसमें दिल्ली पुलिस की ओर से अधिवक्ता ध्रुव पांडे और रजत नायर पेश हुए. वहीं आरोपियों की ओर से सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन, एडवोकेट एमआर शमशाद, अबुबकर सब्बाक, अरिजीत सरकार, नबीला जमील, काजल दलाल, अपराजिता सिन्हा, जावेद हाशमी, फरीद अहमद, शाहनवाज मलिक, तालिब मुस्तफा, अहमद इब्राहिम, आयशा जैदी, सौजन्य शंकरन, सिद्धार्थ सतीजा, अभिनव सेखरी, आयुष श्रीवास्तव, रितेश धर दुबे, प्रवीता कश्यप, अनुष्का बरुआ, चिन्मय कनौजिया, प्रवीर सिंह और आद्या आर लूथरा आरोपियों की ओर से पेश हुए.

Last Updated : Mar 28, 2023, 1:26 PM IST
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