ETV Bharat / bharat

बाबा रामदेव पर हाईकोर्ट नाराज, कहा सोचकर बोलिए दूसरे देशों से खराब हो सकते हैं रिश्ते, पढ़ें पूरा मामला - कोरोनिल दवाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के बयान पर नाराजगी जताते हुए सोचकर बोलने को कहा है. कोर्ट बाबा के उस बयान पर नाराज है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वैक्सीन लेने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन का कोरोना संक्रमित होना बताता है कि ये मेडिकल साइंस की असफलता है.

बाबा रामदेव पर हाईकोर्ट नाराज, कहा सोचकर बोलिए दूसरे देशों से खराब हो सकते हैं रिश्ते, पढ़ें पूरा मामला
बाबा रामदेव पर हाईकोर्ट नाराज, कहा सोचकर बोलिए दूसरे देशों से खराब हो सकते हैं रिश्ते, पढ़ें पूरा मामला
author img

By

Published : Aug 17, 2022, 7:04 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की कोरोना के वैक्सीन पर सवाल खड़े करने और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के वैक्सीन लेने के बावजूद कोरोना संक्रमित होने वाले बयान पर आपत्ति जताई है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने कहा कि ऐसे बयान से हमारे देश के दूसरे देशों से संबंध प्रभावित हो सकते हैं. मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.

कोर्ट ने कहा कि बाबा रामदेव के बयान से आयुर्वेद जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा पद्धति की छवि भी खराब होगी. आयुर्वेद काफी पुरानी और प्रतिष्ठित चिकित्सा पद्धति है. दरअसल, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अखिल सिब्बल ने कहा कि 4 अगस्त को बाबा रामदेव ने हरिद्वार में बयान दिया था कि कोरोना की वैक्सीन लेने के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति बायडन तीसरी बार कोरोना संक्रमित हो गए. रामदेव ने कहा था कि बाइडन का कोरोना संक्रमित होना यह बताता है कि ये मेडिकल साइंस की असफलता है, जो दुनिया में तबाही मचा रही है.

बता दें, 4 अगस्त को कोर्ट ने बाबा रामदेव की कोरोनिल दवाई को लेकर दिए गए स्पष्टीकरण पर आपत्ति जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि इस स्पष्टीकरण में ऐसा लगता है जैसे बाबा रामदेव अपनी पीठ थपथपा रहे हों.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि बाबा रामदेव के स्पष्टीकरण में दो चीजें स्पष्ट हैं. पहला कि एलोपैथिक डॉक्टरों के पास इलाज नहीं है और कोरोनिल उसका इलाज है. कोर्ट ने कहा था कि आप ऐसा नहीं कह सकते हैं कि कोरोनिल एक पूरक इलाज है. दरअसल, पहले की सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव की ओर से कहा गया था कि वे इस मामले पर एलोपैथिक डॉक्टरों के वकील से मशविरा कर एक स्पष्टीकरण जारी करेंगे.

बता दें, हाईकोर्ट बाबा रामदेव की ओर से कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी काफी लोगों तक पहुंच है. उनके बयान अपने प्रशंसकों को प्रभावित करते हैं.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की कोरोना के वैक्सीन पर सवाल खड़े करने और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के वैक्सीन लेने के बावजूद कोरोना संक्रमित होने वाले बयान पर आपत्ति जताई है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने कहा कि ऐसे बयान से हमारे देश के दूसरे देशों से संबंध प्रभावित हो सकते हैं. मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.

कोर्ट ने कहा कि बाबा रामदेव के बयान से आयुर्वेद जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा पद्धति की छवि भी खराब होगी. आयुर्वेद काफी पुरानी और प्रतिष्ठित चिकित्सा पद्धति है. दरअसल, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अखिल सिब्बल ने कहा कि 4 अगस्त को बाबा रामदेव ने हरिद्वार में बयान दिया था कि कोरोना की वैक्सीन लेने के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति बायडन तीसरी बार कोरोना संक्रमित हो गए. रामदेव ने कहा था कि बाइडन का कोरोना संक्रमित होना यह बताता है कि ये मेडिकल साइंस की असफलता है, जो दुनिया में तबाही मचा रही है.

बता दें, 4 अगस्त को कोर्ट ने बाबा रामदेव की कोरोनिल दवाई को लेकर दिए गए स्पष्टीकरण पर आपत्ति जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि इस स्पष्टीकरण में ऐसा लगता है जैसे बाबा रामदेव अपनी पीठ थपथपा रहे हों.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि बाबा रामदेव के स्पष्टीकरण में दो चीजें स्पष्ट हैं. पहला कि एलोपैथिक डॉक्टरों के पास इलाज नहीं है और कोरोनिल उसका इलाज है. कोर्ट ने कहा था कि आप ऐसा नहीं कह सकते हैं कि कोरोनिल एक पूरक इलाज है. दरअसल, पहले की सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव की ओर से कहा गया था कि वे इस मामले पर एलोपैथिक डॉक्टरों के वकील से मशविरा कर एक स्पष्टीकरण जारी करेंगे.

बता दें, हाईकोर्ट बाबा रामदेव की ओर से कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी काफी लोगों तक पहुंच है. उनके बयान अपने प्रशंसकों को प्रभावित करते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.