नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई 26 जुलाई तक स्थगित कर दी है. JNU छात्र शरजील इमाम को नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया था.
बता दें कि इमाम ने राजद्रोह के सभी कार्यवाहियों पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि केंद्र सरकार राजद्रोह के मामले पर जब तक दोबारा विचार करेगी तब तक इस मामले में कोई नयी FIR दर्ज नहीं की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजद्रोह के मामले में जो आरोपी हैं वे अदालतों में याचिका दायर कर जमानत की मांग कर सकते हैं.
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शरजील इमाम ने दो अलग-अलग FIR के मामले में अंतरिम जमानत की मांग की है. एक FIR जामिया यूनिवर्सिटी में दिए गए भाषण को लेकर है, जबकि दूसरी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दिए गए भाषण को लेकर. FIR में शरजील इमाम पर आरोप लगाया गया था कि उसने भड़काऊ भाषण दिए थे. 11 अप्रैल को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 24 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.
कड़कड़डूमा कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया, जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी.