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हेट स्पीच को लेकर वृंदा करात की याचिका पर हाई कोर्ट सोमवार को सुनाएगा फैसला - अनुराग ठाकुर हेट स्पीच केस वीडियो

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और उनके सहयोगी - सांसद प्रवेश वर्मा से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा. सीपीआईएम नेता वृंदा करात ने दोनों नेताओं पर हेट स्पीच का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. 25 मार्च, 2022 को खंडपीठ ने आदेश सुरक्षित रख लिया था.

वृंदा करात , Brinda Karat plea against Anurag Thakur
वृंदा करात , Brinda Karat plea against Anurag Thakur
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Published : Jun 11, 2022, 2:30 PM IST

Updated : Jun 11, 2022, 3:02 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात की उस याचिका पर फैसला सुनाएगा, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और उनके सहयोगी - सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ वर्ष 2020 में कथित रूप से अभद्र भाषा के लिए प्राथमिकी की अपील की है. निचली अदालत ने उनकी मांग खारिज कर दी थी, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की खंडपीठ सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाएगी. 25 मार्च, 2022 को खंडपीठ ने आदेश सुरक्षित रख लिया था. करात ने अक्टूबर 2021 में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि सक्षम प्राधिकारी से अपेक्षित मंजूरी नहीं ली गई थी जो कानून के तहत जरूरी है.

ट्रायल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि क्योंकि दोनों व्यक्ति संसद सदस्य हैं ऐसे में एफआईआर दर्ज करने के आदेश के चरण में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के अनुसार केंद्र सरकार की सक्षम प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी आवश्यक है. माकपा नेता वृंदा करात और केएम तिवारी ने निचली अदालत के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी और अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए संसद मार्ग पुलिस स्टेशन को निर्देश देने की मांग की थी.

करात ने याचिका के माध्यम से दिल्ली पुलिस को अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ धारा 153 ए (धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 बी (आरोप, राष्ट्रीय-एकता के लिए पूर्वाग्रही दावे), 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) और भारतीय दंड संहिता के 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए प्रेरित करने वाले बयान) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की थी.

'वृंदा करात ने एफआईआर दर्ज करने की मांग की है' : सीपीएम की नेता वृंदा करात ने अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के हेट स्पीच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. बता दें कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर ने एक जनसभा में नारेबाजी करवाई थी. उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को देश का गद्दार बताते हुए नारा लगवाया था कि 'देश के गद्दारों को...गोली मारो...’

'परवेश वर्मा ने शाहीन बाग की तुलना कश्मीर से की थी' : बीजेपी सांसद परवेश वर्मा ने शाहीन बाग की तुलना कश्मीर की स्थिति से की थी. उन्होंने कहा था कि 'शाहीन बाग में जो लाखों लोग हैं वो एक दिन आपके घर में घुस जाएंगे, मां-बहनों का रेप करेंगे और लूटेंगे '. दोनों के बयानों पर निर्वाचन आयोग ने भी कार्रवाई की थी. पहले तो दोनों को बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने का आदेश दिया था. बाद में अनुराग ठाकुर पर 72 घंटे और प्रवेश वर्मा पर 96 घंटे तक चुनाव प्रचार पर रोक लगा दिया था.

पढ़ें- हेट स्पीच को लेकर वृंदा करात की FIR दर्ज करने की मांग पर सुनवाई टली

(एएनआई)

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात की उस याचिका पर फैसला सुनाएगा, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और उनके सहयोगी - सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ वर्ष 2020 में कथित रूप से अभद्र भाषा के लिए प्राथमिकी की अपील की है. निचली अदालत ने उनकी मांग खारिज कर दी थी, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की खंडपीठ सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाएगी. 25 मार्च, 2022 को खंडपीठ ने आदेश सुरक्षित रख लिया था. करात ने अक्टूबर 2021 में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि सक्षम प्राधिकारी से अपेक्षित मंजूरी नहीं ली गई थी जो कानून के तहत जरूरी है.

ट्रायल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि क्योंकि दोनों व्यक्ति संसद सदस्य हैं ऐसे में एफआईआर दर्ज करने के आदेश के चरण में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के अनुसार केंद्र सरकार की सक्षम प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी आवश्यक है. माकपा नेता वृंदा करात और केएम तिवारी ने निचली अदालत के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी और अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए संसद मार्ग पुलिस स्टेशन को निर्देश देने की मांग की थी.

करात ने याचिका के माध्यम से दिल्ली पुलिस को अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ धारा 153 ए (धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 बी (आरोप, राष्ट्रीय-एकता के लिए पूर्वाग्रही दावे), 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) और भारतीय दंड संहिता के 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए प्रेरित करने वाले बयान) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की थी.

'वृंदा करात ने एफआईआर दर्ज करने की मांग की है' : सीपीएम की नेता वृंदा करात ने अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के हेट स्पीच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. बता दें कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर ने एक जनसभा में नारेबाजी करवाई थी. उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को देश का गद्दार बताते हुए नारा लगवाया था कि 'देश के गद्दारों को...गोली मारो...’

'परवेश वर्मा ने शाहीन बाग की तुलना कश्मीर से की थी' : बीजेपी सांसद परवेश वर्मा ने शाहीन बाग की तुलना कश्मीर की स्थिति से की थी. उन्होंने कहा था कि 'शाहीन बाग में जो लाखों लोग हैं वो एक दिन आपके घर में घुस जाएंगे, मां-बहनों का रेप करेंगे और लूटेंगे '. दोनों के बयानों पर निर्वाचन आयोग ने भी कार्रवाई की थी. पहले तो दोनों को बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने का आदेश दिया था. बाद में अनुराग ठाकुर पर 72 घंटे और प्रवेश वर्मा पर 96 घंटे तक चुनाव प्रचार पर रोक लगा दिया था.

पढ़ें- हेट स्पीच को लेकर वृंदा करात की FIR दर्ज करने की मांग पर सुनवाई टली

(एएनआई)

Last Updated : Jun 11, 2022, 3:02 PM IST
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