नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हीरो मोटोकॉर्प के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पवनकांत मुंजाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्यवाही पर रोक लगा दी. हाईकोर्ट ने कहा कि चूंकि राजस्व खुफिया निदेशक (डीआरआई) की शिकायत, जो ईडी की जांच की उत्पत्ति है, पर 3 नवंबर को अदालत ने पहले ही रोक लगा दी है. इसलिए ईडी की कार्यवाही पर भी रोक लगाने की जरूरत है. हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया है कि रोक केवल मुंजाल के संबंध में जारी की गई है. ईडी मामले में अन्य लोगों के संबंध में अपनी जांच जारी रख सकती है. मामले की सुनवाई अब 21 मार्च को होगी.
बता दें कि ईडी की जांच मुंजाल के कथित करीबी एक व्यक्ति के खिलाफ डीआरआई की शिकायत से शुरू हुई थी. यह व्यक्ति कथित तौर पर अघोषित विदेशी मुद्रा ले जाने के आरोप में जांच के दायरे में था. मुंजाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि ईडी डीआरआई की शिकायत पर गैर जरूरी जांच कर रहा है. इसलिए, ईडी की कार्यवाही पर रोक लगाई जानी चाहिए.
रोहतगी ने अदालत को बताया कि ये कथित घटनाएँ पांच साल पहले हुई थी. हालांकि उनकी जांच अब की जा रही है. दूसरी ओर ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील जोहेब हुसैन ने प्रतिवाद किया कि केंद्रीय एजेंसी की जांच डीआरआई की जांच पर निर्भर नहीं है. हुसैन ने अदालत को आगे बताया कि सीमा शुल्क विभाग सीमा पर पकड़े गए 81 लाख रुपये से चिंतित था, जबकि ईडी 41 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से जुड़े एक बड़े अपराध की जांच कर रहा है, जिससे मुंजाल को फायदा हुआ. हुसैन ने आगे तर्क दिया कि ईडी के पास यह मानने के कारण हैं कि मुंजाल अघोषित विदेशी मुद्रा के लाभार्थी थे.
3 नवंबर को, दिल्ली हाईकोर्ट ने डीआरआई द्वारा पंजीकृत विदेशी मुद्रा से संबंधित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. अपने आदेश में, अदालत ने कहा कि मुंजाल को उन्हीं तथ्यों के आधार पर सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) द्वारा बरी कर दिया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील द्वारा उठाए गए तर्कों को ध्यान में रखते हुए, विशेष रूप से इस तथ्य पर कि समन आदेश बिना कोई कारण बताए पारित किया गया है. इस अदालत की राय है कि प्रथम दृष्टया, मामले पर विचार करने की आवश्यकता है.
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बता दें कि 10 नवंबर को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दिल्ली में मुंजाल की तीन अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था. पीएमएलए मामले की शुरुआत के बाद ईडी ने अगस्त में मुंजाल और उनकी कंपनियों के खिलाफ छापेमारी की. यह मामला राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की चार्जशीट के आधार पर दायर किया गया था, जिसमें उन पर अवैध रूप से विदेशी मुद्रा व मुद्रा को भारत से बाहर ले जाने का आरोप लगाया गया था.