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शेयर खरीद में फर्जीवाड़ा : SpiceJet के प्रमोटर की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित - SpiceJet promoter Ajay Singh in fraud case

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के एक व्यापारी के साथ शेयरों की खरीद में फर्जीवाड़ा करने के आरोपी और स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है (SpiceJet promoter Ajay Singh in fraud case).

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Published : Apr 6, 2022, 10:41 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के एक व्यापारी के साथ शेयरों की खरीद में फर्जीवाड़ा करने के आरोपी और स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. 30 मार्च को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

एडिशनल सेशंस जज विनीता गोयल ने अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिए थे. जांच में सहयोग नहीं करने पर अजय सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था. अजय सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था. जब वे पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए तो गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था.

अजय सिंह ने दोनों एफआईआर के मामले में जारी गैर-जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान अजय सिंह के वकील ने कहा कि उनके खिलाफ जो आरोप हैं उनकी प्रकृति दीवानी है. पुलिस ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि वे जांच में शामिल होना चाहते थे लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से ऐसा नहीं हो पाया. मामला दिल्ली के बिजनेसमैन संजीव नंदा से जुड़ा है.

नंदा के मुताबिक उनके और अजय सिंह के बीच कुल 25 लाख शेयरों की खरीद का करार हुआ था. इन शेयरों के पैसे का भुगतान नंदा ने कर दिया था. ये शेयर नंदा के परिवार को ट्रांसफर करने थे, लेकिन ट्रांसफर नहीं किए गए. उसके बाद नंदा ने पुलिस से शिकायत की.

पढ़ें- कलानिधि मारन और स्पाइसजेट मैत्रीपूर्ण ढंग से ब्याज विवाद निपटाएं : SC

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के एक व्यापारी के साथ शेयरों की खरीद में फर्जीवाड़ा करने के आरोपी और स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. 30 मार्च को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

एडिशनल सेशंस जज विनीता गोयल ने अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिए थे. जांच में सहयोग नहीं करने पर अजय सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था. अजय सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था. जब वे पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए तो गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था.

अजय सिंह ने दोनों एफआईआर के मामले में जारी गैर-जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान अजय सिंह के वकील ने कहा कि उनके खिलाफ जो आरोप हैं उनकी प्रकृति दीवानी है. पुलिस ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि वे जांच में शामिल होना चाहते थे लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से ऐसा नहीं हो पाया. मामला दिल्ली के बिजनेसमैन संजीव नंदा से जुड़ा है.

नंदा के मुताबिक उनके और अजय सिंह के बीच कुल 25 लाख शेयरों की खरीद का करार हुआ था. इन शेयरों के पैसे का भुगतान नंदा ने कर दिया था. ये शेयर नंदा के परिवार को ट्रांसफर करने थे, लेकिन ट्रांसफर नहीं किए गए. उसके बाद नंदा ने पुलिस से शिकायत की.

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