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यस बैंक घोटाला : आरोपी गौतम थापर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली HC में खारिज - gautam thapar challenged arrest

2020 में सीबीआई ने यस बैंक के पूर्व एमडी राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को ₹307 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में अवंता रियल्टी में रिश्वत के रुप में एक बंगला खरीदने के मामले में केस दर्ज किया था.

DELHI HIGHCOURT
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Published : Sep 30, 2021, 5:38 PM IST

Updated : Sep 30, 2021, 7:20 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अवंता समूह के प्रवर्तक गौतम थापर की याचिका गुरूवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें वैधानिक रूप से अनिवार्य 24 घंटे की समय सीमा समाप्त होने के बाद निचली अदालत में पेश किया गया.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ₹500 करोड़ धन शोधन मामले के संबंध में थापर को गिरफ्तार किया था. थापर ने निचली अदालत के पांच अगस्त के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था. निचली अदालत ने उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताने वाली याचिका खारिज कर दी थी. न्यायाधीश योगेश खन्ना ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया था और ईडी ने याचिका का विरोध किया था.

थापर के वकील ने पहले दलील दी थी कि मेमो में गिरफ्तारी का वक्त तीन अगस्त शाम सात बजकर 55 मिनट दिखाया गया है, जबकि ईडी के अधिकारियों ने थापर के आवास पर छापेमारी और जब्ती तीन अगस्त को सुबह साढ़े आठ बजे की और उन्हें उसी वक्त गिरफ्तार कर लिया गया.

उन्होंने कहा था कि थापर को वैधानिक रूप से अनिवार्य 24 घंटे की अवधि समाप्त होने के बाद चार अगस्त को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जो कानून के प्रावधानों के विरोधाभासी है और उन्हें एक दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया. इसके बाद, अदालत ने पांच अगस्त को उन्हें 10 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में दे दिया.

इसके अलावा थापर ने ईडी द्वारा दर्ज की गई प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) की एक प्रति भी मांगी है. उनकी यह याचिका अदालत के समक्ष लंबित है. ईडी के अनुसार, थापर को दिल्ली तथा मुंबई में उनके कारोबारी परिसरों और आवास पर छापे मारने के बाद तीन अगस्त की रात को गिरफ्तार किया गया. ईडी आरोपी की कंपनी अवंता रियल्टी तथा यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और उनकी पत्नी के साथ हुए लेनदेन की जांच कर रही है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया था.

इसे भी पढ़ें-यस बैंक-डीएचएफएल मामला : सीबीआई अदालत ने राणा कपूर की पत्नी, बेटियों को न्यायिक हिरासत में भेजा

सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि यस बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राणा कपूर ने ऋण की मंजूरी तथा अन्य कारोबारी रियायतें देने के एवज में अवंता रियल्टी लिमिटेड से दिल्ली में एक प्रमुख स्थान अमृता शेरगिल मार्ग पर बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर एक परिसंपत्ति प्राप्त की.

थापर ने याचिका दायर कर कहा है कि उसकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है. उसे गिरफ्तार करने के 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश नहीं किया गया था. याचिका में ईसीआईआर की प्रति की मांग की गई है और उसे गिऱफ्तार करने का आधार पूछा गया है. बता दें कि गौतम थापर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था.

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अवंता समूह के प्रवर्तक गौतम थापर की याचिका गुरूवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें वैधानिक रूप से अनिवार्य 24 घंटे की समय सीमा समाप्त होने के बाद निचली अदालत में पेश किया गया.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ₹500 करोड़ धन शोधन मामले के संबंध में थापर को गिरफ्तार किया था. थापर ने निचली अदालत के पांच अगस्त के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था. निचली अदालत ने उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताने वाली याचिका खारिज कर दी थी. न्यायाधीश योगेश खन्ना ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया था और ईडी ने याचिका का विरोध किया था.

थापर के वकील ने पहले दलील दी थी कि मेमो में गिरफ्तारी का वक्त तीन अगस्त शाम सात बजकर 55 मिनट दिखाया गया है, जबकि ईडी के अधिकारियों ने थापर के आवास पर छापेमारी और जब्ती तीन अगस्त को सुबह साढ़े आठ बजे की और उन्हें उसी वक्त गिरफ्तार कर लिया गया.

उन्होंने कहा था कि थापर को वैधानिक रूप से अनिवार्य 24 घंटे की अवधि समाप्त होने के बाद चार अगस्त को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जो कानून के प्रावधानों के विरोधाभासी है और उन्हें एक दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया. इसके बाद, अदालत ने पांच अगस्त को उन्हें 10 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में दे दिया.

इसके अलावा थापर ने ईडी द्वारा दर्ज की गई प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) की एक प्रति भी मांगी है. उनकी यह याचिका अदालत के समक्ष लंबित है. ईडी के अनुसार, थापर को दिल्ली तथा मुंबई में उनके कारोबारी परिसरों और आवास पर छापे मारने के बाद तीन अगस्त की रात को गिरफ्तार किया गया. ईडी आरोपी की कंपनी अवंता रियल्टी तथा यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और उनकी पत्नी के साथ हुए लेनदेन की जांच कर रही है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया था.

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सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि यस बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राणा कपूर ने ऋण की मंजूरी तथा अन्य कारोबारी रियायतें देने के एवज में अवंता रियल्टी लिमिटेड से दिल्ली में एक प्रमुख स्थान अमृता शेरगिल मार्ग पर बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर एक परिसंपत्ति प्राप्त की.

थापर ने याचिका दायर कर कहा है कि उसकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है. उसे गिरफ्तार करने के 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश नहीं किया गया था. याचिका में ईसीआईआर की प्रति की मांग की गई है और उसे गिऱफ्तार करने का आधार पूछा गया है. बता दें कि गौतम थापर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था.

Last Updated : Sep 30, 2021, 7:20 PM IST
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