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अल्पसंख्यक आयोग में 30 सितंबर तक खाली पदों को भरे केंद्र सरकार : हाईकोर्ट - दिल्ली उच्च न्यायालय

उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि अल्पसंख्यक आयोग में खाली पदों को 30 सितंबर तक भरा जाए. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 12, 2021, 7:20 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में खाली सभी पदों को भरने के लिए केंद्र को दी गई समय सीमा बृहस्पतिवार को दो महीने और बढ़ा दी.

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने आदेश दिया कि प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी कर ली जाए. इसे पहले 31 जुलाई तक प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया था.

केंद्र ने एक आवेदन दायर कर अदालत से अनुरोध किया था कि यह समय सीमा तीन महीने के लिए बढ़ाई जाए. इसके बाद, अदालत यह समय सीमा दो महीने और बढ़ाने संबंधी आदेश दिया.

न्यायाधीश ने कहा, 'समय बढ़ाने के आवेदन को मंजूरी दी जाती है और इसे 30 सितंबर तक बढ़ाया जाता है.'

उच्च न्यायालय ने पहले निर्देश दिए थे कि सभी खाली पदों पर मनोनयन 31 जुलाई तक हो जाना चाहिए ताकि आयोग का कामकाज सुचारू रूप से चलता रहे.

केंद्र ने अप्रैल और मई महीने में देश में कोविड-19 की स्थिति का हवाला देते हुए समय अवधि में विस्तार करने का आग्रह किया.

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील ने कहा कि आदेश का पालन करने के लिए अगर केंद्र को उचित समय विस्तार दिया जाता है तो वह विरोध नहीं करेंगे.

पढ़ें :- सुप्रीम कोर्ट में बोला अल्पसंख्यक आयोग, 'हमें कमजोर वर्ग मानें, अन्यथा बहुसंख्यक दबाएगा'

अभय रतन बौद्ध की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि आयोग का कामकाज अक्टूबर 2020 से केवल उसके उपाध्यक्ष संभाल रहे हैं जबकि अध्यक्ष और बौद्ध, ईसाई, पारसी, सिख तथा जैन अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों सहित शेष पद खाली हैं.

याचिका में कहा गया कि अप्रैल 2020 से पद खाली होने शुरू हो गए और संबंधित मंत्रालय के संज्ञान में मामला लाने के बावजूद कुछ नहीं किया गया.

केंद्र ने अदालत से कहा था कि कोविड-19 महामारी के दौरान पद खाली हुए है अन्यथा आयोग प्रभावी तरीके से काम कर रहा था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में खाली सभी पदों को भरने के लिए केंद्र को दी गई समय सीमा बृहस्पतिवार को दो महीने और बढ़ा दी.

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने आदेश दिया कि प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी कर ली जाए. इसे पहले 31 जुलाई तक प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया था.

केंद्र ने एक आवेदन दायर कर अदालत से अनुरोध किया था कि यह समय सीमा तीन महीने के लिए बढ़ाई जाए. इसके बाद, अदालत यह समय सीमा दो महीने और बढ़ाने संबंधी आदेश दिया.

न्यायाधीश ने कहा, 'समय बढ़ाने के आवेदन को मंजूरी दी जाती है और इसे 30 सितंबर तक बढ़ाया जाता है.'

उच्च न्यायालय ने पहले निर्देश दिए थे कि सभी खाली पदों पर मनोनयन 31 जुलाई तक हो जाना चाहिए ताकि आयोग का कामकाज सुचारू रूप से चलता रहे.

केंद्र ने अप्रैल और मई महीने में देश में कोविड-19 की स्थिति का हवाला देते हुए समय अवधि में विस्तार करने का आग्रह किया.

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील ने कहा कि आदेश का पालन करने के लिए अगर केंद्र को उचित समय विस्तार दिया जाता है तो वह विरोध नहीं करेंगे.

पढ़ें :- सुप्रीम कोर्ट में बोला अल्पसंख्यक आयोग, 'हमें कमजोर वर्ग मानें, अन्यथा बहुसंख्यक दबाएगा'

अभय रतन बौद्ध की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि आयोग का कामकाज अक्टूबर 2020 से केवल उसके उपाध्यक्ष संभाल रहे हैं जबकि अध्यक्ष और बौद्ध, ईसाई, पारसी, सिख तथा जैन अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों सहित शेष पद खाली हैं.

याचिका में कहा गया कि अप्रैल 2020 से पद खाली होने शुरू हो गए और संबंधित मंत्रालय के संज्ञान में मामला लाने के बावजूद कुछ नहीं किया गया.

केंद्र ने अदालत से कहा था कि कोविड-19 महामारी के दौरान पद खाली हुए है अन्यथा आयोग प्रभावी तरीके से काम कर रहा था.

(पीटीआई-भाषा)

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