नई दिल्ली : राऊज एवेन्यू कोर्ट ने नांगल रेप मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत FIR दर्ज करने की मांग पर सुनवाई टाल दी है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वो 26 अक्टूबर को ये बताएं कि उनकी याचिका सुनवाई योग्य कैसे है.
बीते नौ अक्टूबर को सुनवाई के दौरान न तो शिकायतकर्ता और बीजेपी नेता नवीन कुमार जिंदल कोर्ट में पेश हुए थे और न ही उनके वकील. DCP क्राईम ब्रांच इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी, लेकिन शिकायतकर्ता के पेश नहीं होने की वजह से सुनवाई टाल दी गई थी. पांच अक्टूबर को कोर्ट ने मामले में रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर DCP क्राईम ब्रांच के खिलाफ वारंट जारी किया था.
कोर्ट ने DCP क्राईम ब्रांच को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. 29 सितंबर को सुनवाई के दौरान बाराखंभा रोड थाने के SHO ने कहा था कि उन्होंने शिकायत की प्रति DCP, क्राईम को आगे की जरूरी कार्रवाई के लिए भेज दी है. उसके बाद कोर्ट ने DCP, क्राईम को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.
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पिछले 22 सितंबर को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की थी. याचिका दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने दायर की है. याचिका में मांग की गई है कि राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली कैंट के मामले में पीड़ित परिवार की पहचान जाहिर करने के लिए FIR दर्ज करने का आदेश दिया जाए. नवीन जिंदल का आरोप है कि राहुल गांधी ने नाबालिग पीड़िता के माता-पिता की पहचान को उजागर किया. याचिका में पॉक्सो एक्ट के तहत FIR दर्ज करने की मांग की गई है.
बता दें कि पिछले दिनों नांगल के एक श्मशान घाट पर वाटर कूलर से पानी पीने पहुंची नौ साल की दलित बच्ची की रेप कर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद राहुल गांधी पीड़ित परिवार वालों से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से पीड़ित बच्ची के माता-पिता से मिलने वाली तस्वीर डाली. इस मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए पिछले 4 अगस्त को राहुल गांधी का ट्वीट हटाने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद ट्विटर ने राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया था.