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कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका खारिज - Terror funding case

दिल्ली की अदालत ने कश्मीर में आतंकवाद का कथित वित्तपोषण करने से जुड़े धनशोधन के एक मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत खारिज कर दी है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

Shabbir Shah
Shabbir Shah
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Published : Jul 1, 2021, 8:53 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की अदालत ने कश्मीर में आतंकवाद का कथित वित्तपोषण करने से जुड़े धनशोधन के एक मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह ( Kashmiri separatist leader Shabbir Shah) की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी.

अदालत ने कहा कि कोविड-19 की वजह से हुई देरी के लिए अभियोजन पक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

इस बीच, विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने प्रवर्तन निदेशालय को सुनवाई में तेजी लाने करने का निर्देश दिया.

न्यायाधीश ने कहा कि अबतक मामले की सुनवाई पूरी हो जाती, लेकिन कोविड-19 की वजह से अदालतों में कामकाज स्थगित रहने से कुछ समय लग रहा है. हालांकि, अभियोजन पक्ष को इस आपदा की वजह से हुई देरी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. कोई भी इससे परे जाकर कार्य नहीं कर सकता.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने अगस्त 2005 में कथित हवाला कारोबारी अहमद वानी को गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि उसके पास से 63 लाख रुपये बरामद किए गए, जिनमें से 52 लाख रुपये कथित तौर पर शाह को दिए जाने थे.

यह भी पढ़ें- टेरर फंडिंग मामले के आरोपी शब्बीर शाह की जमानत याचिका खारिज

अभियोजन पक्ष के मुताबिक वानी ने दावा किया था कि उसने 2.25 करोड़ रुपये शब्बीर शाह को दिए. बाद में, प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने 2007 में शब्बीर शाह और वानी के खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामला दर्ज किया था.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली की अदालत ने कश्मीर में आतंकवाद का कथित वित्तपोषण करने से जुड़े धनशोधन के एक मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह ( Kashmiri separatist leader Shabbir Shah) की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी.

अदालत ने कहा कि कोविड-19 की वजह से हुई देरी के लिए अभियोजन पक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

इस बीच, विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने प्रवर्तन निदेशालय को सुनवाई में तेजी लाने करने का निर्देश दिया.

न्यायाधीश ने कहा कि अबतक मामले की सुनवाई पूरी हो जाती, लेकिन कोविड-19 की वजह से अदालतों में कामकाज स्थगित रहने से कुछ समय लग रहा है. हालांकि, अभियोजन पक्ष को इस आपदा की वजह से हुई देरी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. कोई भी इससे परे जाकर कार्य नहीं कर सकता.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने अगस्त 2005 में कथित हवाला कारोबारी अहमद वानी को गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि उसके पास से 63 लाख रुपये बरामद किए गए, जिनमें से 52 लाख रुपये कथित तौर पर शाह को दिए जाने थे.

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अभियोजन पक्ष के मुताबिक वानी ने दावा किया था कि उसने 2.25 करोड़ रुपये शब्बीर शाह को दिए. बाद में, प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने 2007 में शब्बीर शाह और वानी के खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामला दर्ज किया था.

(पीटीआई भाषा)

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