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Opposition Unity Meeting: 'विपक्ष की बैठक में पहले केंद्र सरकार के अध्यादेश पर हो चर्चा', अरविंद केजरीवाल की डिमांड

बिहार में 23 जून को विपक्षी एकता की होनी वाली बैठक पर पूरे देश की नजर है. बीजेपी भी इस मीटिंग के दौरान होने वाले दांव-पेंच और बदलते राजनीतिक समीकरण पर आंख गड़ाए बैठी है. इस बीच बैठक से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी पार्टियों को पत्र लिखा है.

सीएम नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल
सीएम नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल
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Published : Jun 21, 2023, 1:34 PM IST

पटनाः 23 जून को पटना में विपक्षी एकता को लेकर विपक्षी दलों की बैठक होनी है. इस बैठक में अरविंद केजरीवाल भी शिरकत करेंगे, लेकिन बैठक से पूर्व ही अरविंद केजरीवाल ने बैठक में शामिल होने वाले सभी नेताओं को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि विपक्षी दलों की बैठक में 2024 चुनाव की चर्चा से पहले दिल्ली के ऑर्डिनेंस को लेकर पार्लियामेंट में हराने पर सबसे पहले चर्चा की जाए. ये बातें उन्होंने एक पत्र के माध्यम से कही है. जिसे आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया गया है.

ये भी पढ़ेंः Opposition Unity: 'विपक्षी दल एकजुट होकर लड़ेंगे तो BJP को सत्ता से उखाड़ फेकेंगे', स्टालिन के सामने तेजस्वी ने पढ़ा नीतीश का संदेश

केजरीवाल ने राजनीतिक दलों किया धन्यवादः अदा किया इस पत्र में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली का अध्यादेश एक प्रयोग है और यह सफल हुआ तो गैर बीजेपी शासित राज्य में ऐसे ही अध्यादेश लाकर केंद्र की यह सरकार राज्य सरकारों का अधिकार छीन लेगी. वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री 33 राज्यपालों और लेफ्टिनेंट गवर्नर के माध्यम से सभी राज्यों की सरकारों को चलाएंगे. अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने वाले सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख को लिखे पत्र में कहा है कि आप सभी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के लोगों का साथ देने का निर्णय लिया है, इसके लिए आपका शुक्रिया.

  • Patna की बैठक से पहले @ArvindKejriwal जी ने विपक्षी नेताओं को लिखी चिट्ठी‼️

    ▪️केजरीवाल जी का आग्रह: 23 June 2023 को Bihar में Opposition Parties की Meeting में Ordinance को Parliament में हराने पर सबसे पहले चर्चा हो

    ▪️Delhi का अध्यादेश एक प्रयोग, यह सफल हुआ तो केंद्र सरकार… pic.twitter.com/UsWd0QpXVP

    — AAP (@AamAadmiParty) June 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने आगे लिखा है- 'ऐसा अध्यादेश केवल दिल्ली के संदर्भ में ही लया जा सकता है ये समझना गलत है. क्योंकि दिल्ली आधा राज्य है. कॉन्करेंट लिस्ट में दिए गए किसी भी विषय के सारे अधिकार ऐसे ही अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार किसी भी पूर्ण राज्य से छीन सकती है और दिल्ली में अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार ने एक प्रयोग किया है. उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली में यह अध्यादेश लागू हो जाता है तो दिल्ली में जनतंत्र खत्म हो जाएगा और उसके बाद दिल्ली वाले चाहे किसी को भी सरकार में चुन लें लेकिन लेफ्टिनेंट गवर्नर के माध्यम से केंद्र सरकार सीधे दिल्ली सरकार चलाएगी'.

बैठक में 18 दल होंगे शामिल: आपको बता दें कि विपक्षी दलों की इस बैठक में 17 से 18 दल शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दी थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस और अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के भी शामिल होने की उम्मीद है. वहीं, जम्मू-कश्मीर से भी फारूक अब्दुल्ला और महबूबा के शामिल होने का दावा किया गया है, जहां 2024 के चुनाव की रणनीति के अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होनी है. 2024 से पहले विपक्ष की रणनीति कितनी दमदार होगी, ये तो वक्त ही बताएगे.

पटनाः 23 जून को पटना में विपक्षी एकता को लेकर विपक्षी दलों की बैठक होनी है. इस बैठक में अरविंद केजरीवाल भी शिरकत करेंगे, लेकिन बैठक से पूर्व ही अरविंद केजरीवाल ने बैठक में शामिल होने वाले सभी नेताओं को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि विपक्षी दलों की बैठक में 2024 चुनाव की चर्चा से पहले दिल्ली के ऑर्डिनेंस को लेकर पार्लियामेंट में हराने पर सबसे पहले चर्चा की जाए. ये बातें उन्होंने एक पत्र के माध्यम से कही है. जिसे आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया गया है.

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केजरीवाल ने राजनीतिक दलों किया धन्यवादः अदा किया इस पत्र में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली का अध्यादेश एक प्रयोग है और यह सफल हुआ तो गैर बीजेपी शासित राज्य में ऐसे ही अध्यादेश लाकर केंद्र की यह सरकार राज्य सरकारों का अधिकार छीन लेगी. वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री 33 राज्यपालों और लेफ्टिनेंट गवर्नर के माध्यम से सभी राज्यों की सरकारों को चलाएंगे. अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने वाले सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख को लिखे पत्र में कहा है कि आप सभी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के लोगों का साथ देने का निर्णय लिया है, इसके लिए आपका शुक्रिया.

  • Patna की बैठक से पहले @ArvindKejriwal जी ने विपक्षी नेताओं को लिखी चिट्ठी‼️

    ▪️केजरीवाल जी का आग्रह: 23 June 2023 को Bihar में Opposition Parties की Meeting में Ordinance को Parliament में हराने पर सबसे पहले चर्चा हो

    ▪️Delhi का अध्यादेश एक प्रयोग, यह सफल हुआ तो केंद्र सरकार… pic.twitter.com/UsWd0QpXVP

    — AAP (@AamAadmiParty) June 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने आगे लिखा है- 'ऐसा अध्यादेश केवल दिल्ली के संदर्भ में ही लया जा सकता है ये समझना गलत है. क्योंकि दिल्ली आधा राज्य है. कॉन्करेंट लिस्ट में दिए गए किसी भी विषय के सारे अधिकार ऐसे ही अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार किसी भी पूर्ण राज्य से छीन सकती है और दिल्ली में अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार ने एक प्रयोग किया है. उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली में यह अध्यादेश लागू हो जाता है तो दिल्ली में जनतंत्र खत्म हो जाएगा और उसके बाद दिल्ली वाले चाहे किसी को भी सरकार में चुन लें लेकिन लेफ्टिनेंट गवर्नर के माध्यम से केंद्र सरकार सीधे दिल्ली सरकार चलाएगी'.

बैठक में 18 दल होंगे शामिल: आपको बता दें कि विपक्षी दलों की इस बैठक में 17 से 18 दल शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दी थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस और अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के भी शामिल होने की उम्मीद है. वहीं, जम्मू-कश्मीर से भी फारूक अब्दुल्ला और महबूबा के शामिल होने का दावा किया गया है, जहां 2024 के चुनाव की रणनीति के अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होनी है. 2024 से पहले विपक्ष की रणनीति कितनी दमदार होगी, ये तो वक्त ही बताएगे.

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