नई दिल्ली: दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग जारी है. एक तरफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्ष को एक करने में जुटे हैं, वहीं दिल्ली बीजेपी लगातार हमला कर रही है. रविवार को 6 सांसदों ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन पर निशाना साधा.
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आज बड़ा आश्चर्य होता है कि जो व्यक्ति भ्रष्टाचार विरोधी नारे लगाते हुए देश की राजनीति में आया, वही आज अचानक भ्रष्टाचारियों से हाथ मिलाने के लिए उनसे समझौता कर रहा है. इस व्यक्ति ने दिल्ली की जनता को ठगा है. सीएम केजरीवाल ने कहा था कि हम लोग मोदी जी को हराने के लिए इनसे हाथ मिला रहे हैं. इस पर बीजेपी सांसद ने कहा कि पहले सीएम केजरीवाल शरद पवार, सुशील कुमार शिंदे, पी चिदंबरम, पवन बंसल, मुलायम सिंह यादव, श्री प्रकाश जयसवाल आदि नेताओं का नाम भ्रष्ट नेताओं की सूची में डालते थे. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति किसी पद पर रहकर जनता के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है, यह सब आपके सामने है. इतना ही नहीं आज तो अरविंद केजरीवाल ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात भी की है.
ऐसा मुख्यमंत्री नहीं देखाः बीजेपी सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मैंने चार मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल देखा है, लेकिन कभी किसी मुख्यमंत्री से इस तरह का व्यवहार नहीं देखा. दिल्ली के 8 बड़े अफसरों ने उपराज्यपाल को लिखकर शिकायत की है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है. उनके अलावा दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि यह हास्यपद स्थिति हैं. सुल्तानपुर का एक सांसद जो सिनेमा की टिकट ब्लैक में बेचता था और पुलिस की मुखबिरी करता था, आज वह बिहार के सीएम नीतीश कुमार से बात करके राज्यसभा सांसदों को एकजुट करने की बात कर रहा है. दिल्ली की छवी खराब न हो इसलिए अध्यादेश लाया गया, जिसका इन लोगों ने राज्यसभा में विरोध किया. ये शर्म की बात है.
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केंद्र ला सकता है कानूनः उधर, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सर्विस को लेकर कोई नियम कानून नहीं है. केंद्र सरकार चाहे तो कानून ला सकती है. सीएम केजरीवाल भ्रष्टाचार का कंट्रोल अपने हाथ में लेना चाहते हैं. कोई भी व्यवस्था अपंग हो सकती है, जिसे सुधारने की जिम्मेदारी पीएम और राष्ट्रपति के पास होती है. उनके अतिरिक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि कुछ अधिकारी कह रहे हैं कि उन्हें धमकी दी गई और उन पर फाइलों को साइन करने का दबाव बनाया गया. शराब नीति की जांच कर रहे अधिकारी राज शेखर का भी तबादला कर दिया गया. अगर घोटाला नहीं हुआ तो तबादला क्यों किया गया. साथ ही एक महिला अधिकारी से भी जबरन हस्ताक्षर करवाए गए.
इस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय विदेश एवं संस्कृत राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, सांसद रमेश बिधूड़ी, सांसद मनोज तिवारी, सांसद डॉ हर्षवर्धन सिंह, सांसद हंस राज हंस और सांसद प्रवेश वर्मा मौजूद मुख्य रूप से उपस्थित रहे.
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