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कोविड-19 की आड़ में मनमाना शुल्क वसूल रहे सात अस्पतालों का STF ने खोला काला चिट्ठा

देहरादून में कई निजी अस्पतालों के खिलाफ मनमाना शुल्क और अनियमितिता का मामला सामने आया है. सीएमओ अनूप डिमरी ने इस पर कार्रवाई करने की बात कही है.

सीएमओ अनूप डिमरी
सीएमओ अनूप डिमरी
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Published : May 22, 2021, 10:53 PM IST

देहरादून : प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों की लापरवाही और कालाबाजारी की घटना भी बढ़ती जा रही है. इस विपदा की घड़ी में कुछ निजी अस्पताल मौके का फायदा उठाकर कोविड-19 उपचार के नाम पर फर्जीवाड़ा कर जनता से मनमाना शुल्क वसूल कर रहे हैं.

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ऐसे कई निजी अस्पताल सामने आए हैं, जो कोविड उपचार में जिला स्वास्थ्य प्रशासन से पंजीकृत (अधिकृत) ना होने के बावजूद नियम-कायदों को ताक पर रखकर इलाज के नाम पर लोगों से अवैध वसूली कर रहे हैं.

मनमाना फीस वसूल रहे अस्पतालों पर कार्रवाई.

125 से अधिक टीमें कर रहीं निगरानी

कालाबाजारी के खिलाफ प्रदेश भर में पुलिस तंत्र की 125 से अधिक टीमें कार्रवाई में जुटी हैं. इस मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) टीम ने राजधानी देहरादून में 7 से अधिक अस्पतालों के खिलाफ साक्ष्य जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजे हैं.

सात अस्पताल का कच्चा चिट्ठा पकड़ा

उत्तराखंड में स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्र में कालाबाजारी के खिलाफ 125 से ज्यादा टीमें कार्रवाई में जुटी हैं. एसटीएफ ने देहरादून में 7 से ज्यादा ऐसे अस्पतालों का काला चिट्ठा इकट्ठा किया है, जो कोविड उपचार के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट मजबूत साक्ष्यों के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के ऑफिस में भेज दी है.

53 निजी अस्पतालों को हो चुका निरीक्षण

लगातार मिल रही शिकायतों के बीच देहरादून सिटी एसपी सरिता डोभाल के नेतृत्व में जिले के सभी थाना क्षेत्रों में 53 निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया गया. इसमें से 17 अस्पताल ऐसे निकले, जहां किसी प्रकार का कोई स्वास्थ्य उपचार रेट लिस्ट हॉस्पिटल में नहीं लगाया गया था. जिला पुलिस द्वारा भी इस मामलें में अनियमितताओं की रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को भेजी गई है.

सीएमओ ने दी जानकारी

पुलिस तंत्र की इस रिपोर्ट के आधार पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने उन अस्पतालों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिए हैं. देहरादून सीएमओ अनूप डिमरी के मुताबिक नोटिस के बाद जांच कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने कहा कि वे अस्पताल जो कोविड के इलाज के लिए अधिकृत नहीं है और मरीजों का इलाज कर रहें उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाती है. वहीं दूसरे जो अधिकृत हैं और लापरवाही कर रहे हैं, ऐसे अस्पताल के खिलाफ समिति फैसला करती है.

लगातार होती है अस्पतालों की निगरानी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अनुसार समय-समय पर लगातार एक टीम अस्पतालों का औचक निरीक्षण करती रहती है. अस्पतालों में उपचार के लिए उचित शुल्क और सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध करना निरीक्षण का मुख्य बिंदु रहता है. स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर भी कई तरह की शिकायतें आती रहती हैं, जिसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है.

देहरादून जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप डिमरी के मुताबिक, वर्तमान समय में जिले में कुल 27 अधिकृत बीसीएससी अस्पतालों में उपचार चल रहा है. इसमें सात अस्पताल बीसीएच और सात बीसीसी हैं. सरकार से अधिकृत यह सभी अस्पताल कोविड-19 गाइडलाइन अनुसार इलाज के लिए अधिसूचित हैं.

पढ़ेंः कमलनाथ के बयान पर पलटवार, जावड़ेकर बोले- नाकारा राजनीति पर उतर आई है कांग्रेस

देहरादून : प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों की लापरवाही और कालाबाजारी की घटना भी बढ़ती जा रही है. इस विपदा की घड़ी में कुछ निजी अस्पताल मौके का फायदा उठाकर कोविड-19 उपचार के नाम पर फर्जीवाड़ा कर जनता से मनमाना शुल्क वसूल कर रहे हैं.

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ऐसे कई निजी अस्पताल सामने आए हैं, जो कोविड उपचार में जिला स्वास्थ्य प्रशासन से पंजीकृत (अधिकृत) ना होने के बावजूद नियम-कायदों को ताक पर रखकर इलाज के नाम पर लोगों से अवैध वसूली कर रहे हैं.

मनमाना फीस वसूल रहे अस्पतालों पर कार्रवाई.

125 से अधिक टीमें कर रहीं निगरानी

कालाबाजारी के खिलाफ प्रदेश भर में पुलिस तंत्र की 125 से अधिक टीमें कार्रवाई में जुटी हैं. इस मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) टीम ने राजधानी देहरादून में 7 से अधिक अस्पतालों के खिलाफ साक्ष्य जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजे हैं.

सात अस्पताल का कच्चा चिट्ठा पकड़ा

उत्तराखंड में स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्र में कालाबाजारी के खिलाफ 125 से ज्यादा टीमें कार्रवाई में जुटी हैं. एसटीएफ ने देहरादून में 7 से ज्यादा ऐसे अस्पतालों का काला चिट्ठा इकट्ठा किया है, जो कोविड उपचार के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट मजबूत साक्ष्यों के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के ऑफिस में भेज दी है.

53 निजी अस्पतालों को हो चुका निरीक्षण

लगातार मिल रही शिकायतों के बीच देहरादून सिटी एसपी सरिता डोभाल के नेतृत्व में जिले के सभी थाना क्षेत्रों में 53 निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया गया. इसमें से 17 अस्पताल ऐसे निकले, जहां किसी प्रकार का कोई स्वास्थ्य उपचार रेट लिस्ट हॉस्पिटल में नहीं लगाया गया था. जिला पुलिस द्वारा भी इस मामलें में अनियमितताओं की रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को भेजी गई है.

सीएमओ ने दी जानकारी

पुलिस तंत्र की इस रिपोर्ट के आधार पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने उन अस्पतालों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिए हैं. देहरादून सीएमओ अनूप डिमरी के मुताबिक नोटिस के बाद जांच कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने कहा कि वे अस्पताल जो कोविड के इलाज के लिए अधिकृत नहीं है और मरीजों का इलाज कर रहें उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाती है. वहीं दूसरे जो अधिकृत हैं और लापरवाही कर रहे हैं, ऐसे अस्पताल के खिलाफ समिति फैसला करती है.

लगातार होती है अस्पतालों की निगरानी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अनुसार समय-समय पर लगातार एक टीम अस्पतालों का औचक निरीक्षण करती रहती है. अस्पतालों में उपचार के लिए उचित शुल्क और सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध करना निरीक्षण का मुख्य बिंदु रहता है. स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर भी कई तरह की शिकायतें आती रहती हैं, जिसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है.

देहरादून जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप डिमरी के मुताबिक, वर्तमान समय में जिले में कुल 27 अधिकृत बीसीएससी अस्पतालों में उपचार चल रहा है. इसमें सात अस्पताल बीसीएच और सात बीसीसी हैं. सरकार से अधिकृत यह सभी अस्पताल कोविड-19 गाइडलाइन अनुसार इलाज के लिए अधिसूचित हैं.

पढ़ेंः कमलनाथ के बयान पर पलटवार, जावड़ेकर बोले- नाकारा राजनीति पर उतर आई है कांग्रेस

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