नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) ने सोमवार को संसद में जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु ने 100 से अधिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत दो रक्षा गलियारों (Defense Corridor) में 23,933 करोड़ का निवेश शामिल है.
बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव द्वारा रक्षा गलियारों की संख्या, उनकी वर्तमान स्थिति, निवेश और उनके भविष्य पर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इस बारे में जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और 'मेक इन इंडिया' के लक्ष्य को साकार करने के लिए भारत सरकार ने देश में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे (डीआईसी) स्थापित किए हैं, एक उत्तर प्रदेश में और दूसरा तमिलनाडु में. 06 (छह) नोड अर्थात आगरा, उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) के विकास के लिए अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर और लखनऊ की पहचान की गई है.
इसी प्रकार MoS के मुताबिक चेन्नई, कोयम्बटूर, होसुर, सलेम और तिरुचिरापल्ली को तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारा (TNDIC) विकसित करने के लिए पहचाना गया है.
UPDIC के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उद्योगों आदि के साथ 12,139 करोड़ के 105 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. पहले से ही UPDIC में 2,422 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.
UPDIC के विकास के लिए कुल 1,608 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. भट्ट ने इन रक्षा औद्योगिक गलियारों और नोड्स को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता और वित्तीय सहायता की प्रकृति पर एक प्रश्न का उत्तर दिया.
इसके अलावा, टीएनडीआईसी के लिए तमिलनाडु सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 53 उद्योगों द्वारा 11,794 करोड़ रुपये के संभावित निवेश के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) आदि के माध्यम से व्यवस्था की गई है. टीएनडीआईसी में 3,847 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि टीएनडीआईसी के विकास के लिए कुल 910 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार रक्षा औद्योगिक गलियारे की स्थापना के लिए पूर्वी नौसेना कमांड के मुख्यालय विशाखापत्तनम पर विचार करेगी, एमओएस ने जवाब दिया कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.
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