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रक्षा मंत्रालय ने सतह से सतह पर वार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के लिए 1,700 करोड़ रुपये का सौदा किया - brahmos deal

रक्षा मंत्रालय ने ब्रह्मोस मिसाइल की अतिरिक्त खरीददारी के लिए 1700 करोड़ के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं. हस्ताक्षर बीएपीएल के साथ किया गया है. इन दोहरी भूमिका वाली सक्षम मिसाइलों को शामिल करने से भारतीय नौसेना की शक्ति पहले से और ज्यादा बढ़ जाएगी.

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Published : Sep 22, 2022, 10:40 PM IST

Updated : Sep 22, 2022, 10:54 PM IST

नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों की अतिरिक्त दोहरी भूमिका के अधिग्रहण के लिए गुरुवार को 1,700 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए. रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और आगे प्रोत्साहित करते हुए, रक्षा मंत्रालय ने सतह से सतह पर मार करने में सक्षम अतिरिक्त दोहरी भूमिका वाली ब्रह्मोस मिसाइलों के अधिग्रहण के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) के साथ एक अनुबंधपत्र पर हस्ताक्षर किए. जिसकी कुल अनुमानित लागत 1,700 करोड़ रुपये है.

इन दोहरी भूमिका वाली सक्षम मिसाइलों को शामिल करने से भारतीय नौसेना की शक्ति पहले से और ज्यादा बढ़ जाएगी. बीएपीएल भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जो नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों (एसएसएम) को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जिसमें भूमि के साथ-साथ जहाज-रोधी हमलों के लिए उन्नत रेंज और दोहरी भूमिका क्षमता है. मंत्रालय ने कहा कि यह अनुबंध स्वदेशी उद्योग की सक्रिय भागीदारी के साथ महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली और गोला-बारूद के स्वदेशी उत्पादन को और बढ़ावा देने वाला है.

नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों की अतिरिक्त दोहरी भूमिका के अधिग्रहण के लिए गुरुवार को 1,700 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए. रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और आगे प्रोत्साहित करते हुए, रक्षा मंत्रालय ने सतह से सतह पर मार करने में सक्षम अतिरिक्त दोहरी भूमिका वाली ब्रह्मोस मिसाइलों के अधिग्रहण के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) के साथ एक अनुबंधपत्र पर हस्ताक्षर किए. जिसकी कुल अनुमानित लागत 1,700 करोड़ रुपये है.

इन दोहरी भूमिका वाली सक्षम मिसाइलों को शामिल करने से भारतीय नौसेना की शक्ति पहले से और ज्यादा बढ़ जाएगी. बीएपीएल भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जो नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों (एसएसएम) को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जिसमें भूमि के साथ-साथ जहाज-रोधी हमलों के लिए उन्नत रेंज और दोहरी भूमिका क्षमता है. मंत्रालय ने कहा कि यह अनुबंध स्वदेशी उद्योग की सक्रिय भागीदारी के साथ महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली और गोला-बारूद के स्वदेशी उत्पादन को और बढ़ावा देने वाला है.

Last Updated : Sep 22, 2022, 10:54 PM IST
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