ठाणे : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में स्थित भिवंडी की एक अदालत में एक आवेदन दाखिल कर अपने खिलाफ दायर मानहानि के एक मामले में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने से स्थायी छूट की मांग की है. न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) जे वी पालीवाल ने शिकायतकर्ता, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के स्थानीय कार्यकर्ता राजेश कुंटे को आवेदन पर जवाब देने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई की तारीख 18 मई तक बढ़ा दी.
कुंटे ने, 2014 में ठाणे के भिवंडी बस्ती में राहुल गांधी का भाषण सुनने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था, जहां कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हाथ था. कुंटे ने दावा किया था कि इस बयान से आरएसएस की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है. मंगलवार को दाखिल किए गए अपने आवेदन में गांधी ने कहा कि (केरल के वायनाड से) संसद सदस्य होने के नाते उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करना पड़ता है, पार्टी के कार्यों में शामिल होना पड़ता है, बहुत यात्राएं करनी पड़ती हैं, इसलिए उन्हें अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी जाए.
राहुल के वकील नारायण अय्यर ने कहा कि राहुल ने अपने आवेदन में यह भी कहा है कि जब भी आवश्यक हो, सुनवाई में उनके वकील को उनका प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी जाए. मंगलवार को, कुंटे ने भी पेशी से छूट की मांग करते हुए एक आवेदन दिया. उन्होंने कहा कि वह अस्वस्थ हैं. अदालत ने उन्हें अनुमति दे दी थी.
2018 में, अदालत ने मामले में राहुल के खिलाफ आरोप तय किए थे. राहुल ने अदालत के समक्ष खुद को निर्दोष बताया था. पिछले महीने, अदालत के निर्देश के अनुसार, कुंटे ने गांधी को 1,500 रुपये का भुगतान किया, क्योंकि उन्होंने (कुंटे ने) मामले में स्थगन की मांग की थी. कुंटे ने मार्च और अप्रैल में दो बार मामले में स्थगन की मांग की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था और कुंटे से राहुल गांधी को 500 रुपये (मार्च के लिए) और 1,000 रुपये (अप्रैल के लिए) का भुगतान करने के लिए कहा था.
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