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कोझिकोड एयरपोर्ट पर बड़े विमानों के संचालन बहाल करने पर दो महीने बाद फैसला

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Published : Sep 22, 2021, 7:22 PM IST

कोझीकोड एयरपोर्ट पर बड़े विमानों के संचालन को बहाल करने पर दो महीन महीने बाद फैसला होगा. दरअसल, कोझीकोड एयरपोर्ट पर बड़े विमानों के संचालन को बहाल करने की मांग हो रही है, जिसे पिछले साल कोझीकोड विमान दुर्घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था. यह कोझीकोड विमान दुर्घटना की जांच कर रही नौ सदस्यीय सिमित की रिपोर्ट पर निर्भर करेगी.

कोझिकोड एयरपोर्ट
कोझिकोड एयरपोर्ट

नई दिल्ली : कोझीकोड एयरपोर्ट पर वाइड बॉडी वाले विमानों के संचालन को बहाल करने की मांग हो रही है, जिसे पिछले साल कोझीकोड विमान दुर्घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था. यह कोझीकोड विमान दुर्घटना की जांच कर रही नौ सदस्यीय सिमित की रिपोर्ट पर निर्भर करेगी.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सचिव प्रदीप सिंह खरोला की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय समिति का गठन किया है. यह समिति में एएआईबी ने 43 सुरक्षा सिफारिशों का अध्ययन करेगी और 60 दिनों में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी.

इससे पहले कोझीकोड हवाई अड्डे पर पिछले साल अगस्त में हुई घातक विमान दुर्घटना मामले में एएआईबी ने 43 सुरक्षा सिफारिश की थी.

घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने कहा कि समिति एयरपोर्ट पर बड़े विमानों के संचालन की व्यवहार्यता पर गौर करेगी और उन्हें संचालित करने के उपाय सुझाएगी.

सूत्रों ने कहा कि बड़े विमानों का संचालन अंतिम रिपोर्ट आने तक एयरपोर्ट पर निलंबित रहेगी. और एयरपोर्ट पर वाइड बॉडी वाले विमानों को फिर से संचालन करने का अंतिम निर्णय विमानन नियामक डीजीसीए द्वारा लिया जाएगा.

विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पिछले साल 11 अगस्त को कालीकट हवाईअड्डे से बड़ी बॉडी वाले विमानों के संचालन पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगा दिया था.

गौरतलब है कि पिछले साल सात अगस्त को एयर इंडिया एक्सप्रेस का बी737-800 विमान केरल के कोझीकोड हवाई अड्डे पर दुर्घटना का शिकार हो गया था. विमान दुबई से आ रहा था और कोझीकोड हवाई अड्डे पर रनवे से बाहर निकल गया था और फिर इसके टुकड़े टुकड़े हो गए थे.

इस विमान में 190 लोग सवार थे और दोनो पायलटों समेत कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी तथा कई अन्य घायल हो गए थे.

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की जांच रिपोर्ट अनुसार, पायलट द्वारा मानक संचानल प्रक्रिया का पालन नहीं करना संभावित कारण हो सकता है लेकिन एक सहायक कारक के रूप में प्रणालीगत विफलताओं की भूमिका की अनदेखी नहीं की जा सकती है. '

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने अपनी रिपोर्ट में बोइंग विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बारे में 57 निष्कर्ष निकाले हैं.

यह भी पढ़ें- कोझिकोड विमान हादसे के लिए दृष्टिभ्रम और खामी युक्त विंडशील्ड वाइपर भी जिम्मेदार

इस विमान हादसे में एएआईबी ने प्रणाली विफलताओं से लेकर चालक दल के सदस्यों के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस के ख़राब संसाधन प्रबंधन, कम दृश्यता के कारण दृश्य भ्रम की संभावना तथा पीआईसी (पायलट इन कमांड) विंडशील्ड वाइपर के उप इष्टतम प्रदर्शन को दुर्घटना के लिए संभावित कारणों में से बताया है.

रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि इसी तरह की वजहों से ऐसी कई दुर्घटनाएं होने की आशंका है, विशेष कर एयर इण्डिया एक्सपर्स लि. के साथ. रिपोर्ट में बताया कि कोझीकोड में तैनात 26 फर्स्ट आफिसर्स की तुलना केवल एक ही पायलट था.

कोझिकोड विमान दुर्घटना से पहले सऊदी अरब एयरलाइंस और एयर इंडिया कोझिकोड हवाई अड्डे पर वाइड बॉडी आकार वाले विमानों का संचालन कर रहे थे.

बता दें कि मंगलुरु में 2010 में हुई एयर इंडिया एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस घटना के बाद मई 2015 में कोझीकोड हवाईअड्डे पर वाइड बॉडी वाले विमानों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, 2018 में डीजीसीए द्वारा सुरक्षा मंजूरी के बाद हवाई अड्डे पर वाइड बॉडी वाले विमान का संचालन फिर से शुरू हुआ था.

नई दिल्ली : कोझीकोड एयरपोर्ट पर वाइड बॉडी वाले विमानों के संचालन को बहाल करने की मांग हो रही है, जिसे पिछले साल कोझीकोड विमान दुर्घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था. यह कोझीकोड विमान दुर्घटना की जांच कर रही नौ सदस्यीय सिमित की रिपोर्ट पर निर्भर करेगी.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सचिव प्रदीप सिंह खरोला की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय समिति का गठन किया है. यह समिति में एएआईबी ने 43 सुरक्षा सिफारिशों का अध्ययन करेगी और 60 दिनों में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी.

इससे पहले कोझीकोड हवाई अड्डे पर पिछले साल अगस्त में हुई घातक विमान दुर्घटना मामले में एएआईबी ने 43 सुरक्षा सिफारिश की थी.

घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने कहा कि समिति एयरपोर्ट पर बड़े विमानों के संचालन की व्यवहार्यता पर गौर करेगी और उन्हें संचालित करने के उपाय सुझाएगी.

सूत्रों ने कहा कि बड़े विमानों का संचालन अंतिम रिपोर्ट आने तक एयरपोर्ट पर निलंबित रहेगी. और एयरपोर्ट पर वाइड बॉडी वाले विमानों को फिर से संचालन करने का अंतिम निर्णय विमानन नियामक डीजीसीए द्वारा लिया जाएगा.

विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पिछले साल 11 अगस्त को कालीकट हवाईअड्डे से बड़ी बॉडी वाले विमानों के संचालन पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगा दिया था.

गौरतलब है कि पिछले साल सात अगस्त को एयर इंडिया एक्सप्रेस का बी737-800 विमान केरल के कोझीकोड हवाई अड्डे पर दुर्घटना का शिकार हो गया था. विमान दुबई से आ रहा था और कोझीकोड हवाई अड्डे पर रनवे से बाहर निकल गया था और फिर इसके टुकड़े टुकड़े हो गए थे.

इस विमान में 190 लोग सवार थे और दोनो पायलटों समेत कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी तथा कई अन्य घायल हो गए थे.

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की जांच रिपोर्ट अनुसार, पायलट द्वारा मानक संचानल प्रक्रिया का पालन नहीं करना संभावित कारण हो सकता है लेकिन एक सहायक कारक के रूप में प्रणालीगत विफलताओं की भूमिका की अनदेखी नहीं की जा सकती है. '

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने अपनी रिपोर्ट में बोइंग विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बारे में 57 निष्कर्ष निकाले हैं.

यह भी पढ़ें- कोझिकोड विमान हादसे के लिए दृष्टिभ्रम और खामी युक्त विंडशील्ड वाइपर भी जिम्मेदार

इस विमान हादसे में एएआईबी ने प्रणाली विफलताओं से लेकर चालक दल के सदस्यों के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस के ख़राब संसाधन प्रबंधन, कम दृश्यता के कारण दृश्य भ्रम की संभावना तथा पीआईसी (पायलट इन कमांड) विंडशील्ड वाइपर के उप इष्टतम प्रदर्शन को दुर्घटना के लिए संभावित कारणों में से बताया है.

रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि इसी तरह की वजहों से ऐसी कई दुर्घटनाएं होने की आशंका है, विशेष कर एयर इण्डिया एक्सपर्स लि. के साथ. रिपोर्ट में बताया कि कोझीकोड में तैनात 26 फर्स्ट आफिसर्स की तुलना केवल एक ही पायलट था.

कोझिकोड विमान दुर्घटना से पहले सऊदी अरब एयरलाइंस और एयर इंडिया कोझिकोड हवाई अड्डे पर वाइड बॉडी आकार वाले विमानों का संचालन कर रहे थे.

बता दें कि मंगलुरु में 2010 में हुई एयर इंडिया एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस घटना के बाद मई 2015 में कोझीकोड हवाईअड्डे पर वाइड बॉडी वाले विमानों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, 2018 में डीजीसीए द्वारा सुरक्षा मंजूरी के बाद हवाई अड्डे पर वाइड बॉडी वाले विमान का संचालन फिर से शुरू हुआ था.

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